MEDICAL TREATMENT ADVICE-2

जवानी में सफेद हो रहे हों बाल तो आजमाइए ये घरेलू उपाय.

हर किसी की चाहत होती है कि उसके बाल काले, लंबे और चमकदार हों. ऐसे में एक भी सफेद बाल परेशान करने के लिए काफी है. उम्र के साथ बालों का सफेद होना नेचुरल है लेकिन अगर बाल समय से पहले ही सफेद हो रहे हों तो बेशक ये तनाव की बात है.

बालों के सफेद होने के बहुत से कारण हो सकते हैं. हम सभी के बालों में मेलनिन नाम का पिग्मेंट/रंजक पाया जाता है. उम्र के साथ मेलनिन का बनना कम हो जाता है और बाल सफेद होने लग जाते हैं. कई लोगों में मेलनिन का बनना कम उम्र में ही लगभग रुक सा जाता है. ऐसी स्थिति में बाल सफेद होना शुरू हो जाते हैं.

धूम्रपान करने वालों में, शराब पीने वालों में या बहुत अधिक जंक फूड खाने वालों में मेलनिन का बनना बहुत जल्दी प्रभावित हो जाता है. बालों को सफेद होने से बचाने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं लेकिन फायदा कुछ भी नहीं होता है. ऐसे में बाल अच्छे होने के बजाय और अधिक खराब ही हो जाते हैं. अगर अापको भी ये समस्या है और आप चाहते हैं कि आपके बाल जल्दी सफेद न हों तो इन घरेलू उपायों को अपना सकते हैं:

1. अगर आपके बाल बहुत जल्दी सफेद होने लगे हैं तो आपके लिए आंवला और गुड़हल के फूलों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद रहेगा. आंवला, गुड़हल और तिल का पेस्ट बना लें. इसमें नारियल तेल की कुछ बूंदे मिलाकर स्कैल्प पर मसाज करने से फायदा होगा.

2. प्याज के कुछ टुकड़ों को अच्छी तरह मिक्सर में पीस लीजिए. इसके बाद उसे निचोड़कर, उसके रस से स्कैल्प पर मसाज कीजिए. हफ्ते में दो बार ऐसा करने से फायदा होगा.

3. मेंहदी और मेथी को मिलाकर पेस्ट बना लीजिए. इसके बाद उसमें कुछ मात्रा में बटर मिल्क और नारियल का तेल मिला लीजिए. इस मिश्रण से मसाज करना बहुत फायदेमंद रहेगा.

4. बालों में कुछ भी लगाने का फायदा तभी होगा जब आपका आहार भी अच्छा हो. कई बार पौष्ट‍िक आहार की कमी के चलते भी बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं.

5. बालों में नियमित रूप से तेल लगाना बहुत जरूरी है. नारियल तेल और बादाम के तेल को मिलाकर लगाने से बहुत फायदा होता है.

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लंबे बाल पाने के लिए करें अदरक का इस्तेमाल.

 

अदरक को अगर कुदरत का करिश्मा कहें तो कोई बड़ी बात नहीं होगी. अदरक न केवल खाने के स्वाद और सुगंध को बढ़ाने का काम करती है बल्क‍ि एक बहुत अच्छा ब्यूटी प्रोडक्ट भी है. जी हां, अगर आपको लंबे, घने बाल चाहिए तो अदरक का इस्तेमाल आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा.

अदरक में मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं, जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बाल चमकदार बनते हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि अदरक का इस्तेमाल करना बालों के लिए किस तरह फायदेमंद है.

डैंड्रफ से छुटकारा
बालों में रूसी की समस्या से बालों की जड़ कमजोर हो जाती है. इसके अलावा सिर में खुजली की भी समस्या हो जाती है. अगर आपको भी रूसी की समस्या है तो अदरक आपकी तमाम समस्याओं का जवाब है. इसके एंटी-सेप्टिक गुण रूसी और बालों की दूसरी समस्याओं को कम करने में मददगार होते हैं. दो चम्मच अदरक के रस को ऑलिव ऑयल के साथ मिलाकर स्कैल्प की मसाज कीजिए. 15 से 30 मिनट के लिए इसे यूं ही छोड़ दीजिए और बाद में ठंडे पानी से बाल धो लीजिए. इस उपाय को सप्ताह में तीन बार करने से फायदा होगा.

बालों का झड़ना कम करे
हम सभी चाहते हैं कि हमारे बाल झड़ें नहीं लेकिन आज कल के समय में यह एक सामान्य समस्या बन चुकी है. अगर आप बालों को झड़ने से रोकने के लिए सारे उपाय करके थक गए हैं तो एक बार अदरक का इस्तेमाल करके जरूर देखिए. एक चम्मच अदरक के रस को एक चम्मच ऑलिव ऑयल में मिला लीजिए. इस मिश्रण को बालों की जड़ों में लगाइए. कुछ मिनट तक इससे जड़ों में मसाज कीजिए. जड़ों को मिलने वाली ये गर्माहट बालों को मजबूती देने का काम करेगी.

अच्छे नतीजों के लिए बेहतर होगा कि आप ताजे अदरक के रस का इस्तेमाल करें.

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बादाम भिगोकर खाने की सलाह.

अगर आपको भी बादाम बिना भिगोए खाना पसंद है और आपको रातभर इसे पानी में भिगोकर रखने के विचार से परहेज है तो इसे बदलें. बादाम खाने का सही तरीका इसका छिलका उतारकर खाना है. ये केवल स्वाद की बात नहीं है बल्क‍ि स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है.

बादाम भिगोकर खाना क्यों है ज्यादा फायदेमंद

हममें से बहुत कम लोगों को ही ये बात पता होगी कि बादाम के भूरे छिलके में टैनिन नाम का तत्व पाया जाता है, जिसकी वजह से पोषक तत्व पूर्ण रूप से अवशोषित नहीं हो पाते हैं. एक बार अगर बादाम को भिगो दिया गया तो उसका छिलका बहुत आसानी से उतर जाता है. इसके बाद जब आप बादाम खाते हैं तो उसका पूरा पोषण शरीर को मिलता है.

इसके अलावा भीगे बादाम खाने से पाचन क्रिया भी संतुलित रहती है. यह lipase नाम का एंजाइम स्त्रावित करता है जो फैट के पाचन के लिए कारगर है. इसके अलावा बादाम वजन घटाने में भी बहुत फायदेमंद होता है. इसमें मोनोसैचुरेटेड फैट्स होते हैं जिससे बादाम खाने के काफी देर बाद तक पेट भरा-भरा महसूस होता है.

भिगोए हुए बादाम एंटी-ऑक्सीडेंट्स का भी खजाना होते हैं, जिस वजह से ये बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करते हैं. भिगोए हुए बादाम में विटामिन बी17 और फॉलिक एसिड होते हैं, जिनको कैंसर के खतरे को कम करने वाला माना जाता है.

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Apple Cider Vinegar to Treat Arthritis and Joint Pain Naturally.

Whenever you have pain in your joints it is really difficult to accomplish anything. There are some people who have joint pain after a long day at work. This type of joint pain may go away after a day of rest.

However, some people experience chronic joint pain or may even have arthritis. Arthritis is an inflammation of the joints. There are many different forms of arthritis and it may affect any area of the body from the neck down to your feet.

If you suffer from joint pain you may find that there is very little relief offered from conventional medicines. One of the best ways to relieve joint pain and the symptoms of arthritis is by making a few lifestyle changes including changing your dietary habits.

If you suffer from arthritis and joint pain and find that over the counter medications are not working for you or you simply want a more natural way to cure your aching joints, there is an answer. It comes in the form of apple cider vinegar.

How to use it:

One of the best ways to use apple cider vinegar to relieve your joint pain is to create a soak with it.

  • Mix the apple cider vinegar with six cups of warm water.
  • You can then soak your hands or feet in this bath. If you suffer from neck pain you can soak a rag in the mixture and place it on your neck or other area of the body that may be hurting you.

Another option for topical treatment of your joint pain is to mix apple cider vinegar with olive oil or coconut oil. Use 2 tbs. of apple cider vinegar per one tbs. of oil.

  • Mix it well and then apply the mixture to the joints that are affected.
  • Make sure to rub the mixture in and leave it on in order to gain some relief from the pain.
  • If you do this regularly you will notice a big difference in the amount of pain that you have in your joints.

Apple cider vinegar can also be drunk to help prevent arthritis. Mix between one and three tablespoons of the apple cider vinegar with 8 ounces of water or with any type of fruit juice.

Cherry juice is a good choice to mix it with as it will provide you with even more health benefits. Try to drink three times a day, preferably before each meal. You can also apply the water/cider mixture directly to your inflamed joints to help relieve the pain and discomfort.

Apple cider vinegar is a great choice for relieving joint pain, but it has many other uses as well. it is a powerful antioxidant that can help flush the body of toxins. The health benefits of apple cider vinegar are numerous and are something everyone should consider adding to their daily diet.

—————————————————————————————-छोटी इलायची के ये बड़े फायदे .

भारतीय रसोई में इलायची के स्वाद की अपनी जगह है. इनमें से बड़ी इलायची जहां भारतीय व्यंजनों का एक प्रमुख मसाला है वहीं आमतौर पर छोटी इलायची को खुशबू व स्वाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मीठे व्यंजनों में इसका फ्लेवर तो लाजवाब लगता ही है, इलायची वाली चाय भी खूब पसंद की जाती है. वैसे इन खूबियों से इतर सेहत के लिए भी यह लाजवाब है. जानिए क्या हैं इसके फायदे –

 

1. मुंह की बदबू दूर करने में कारगर
छोटी इलायची बेहतरीन माउथ फ्रेशनर है.  इसे खाने से मुंह की बदबू दूर होती है. पेट खराब होने या फिर कब्ज होने की वजह से मुंह से बदबू आने लगती है. छोटी इलायची खाने से एक ओर जहां पाचन क्रिया दुरुस्त होती है वहीं इलायची में मौजूद तत्व मुंह की बदबू दूर करने का काम करते हैं. अगर आपके मुंह से आने वाली दुर्गंध बहुत तेज है तो आप हर समय एक इलायची अपने मुंह में रख सकते हैं.

2. वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने में
इलायची के इस्तेमाल से सेक्स लाइफ भी बेहतर होती है. इससे शरीर को ऊर्जा तो मिलती है ही साथ ही नपुंसकता में भी इसका सेवन करना फायदेमंद माना जाता है.

3. पाचन क्रिया में विशेष सहायक
हमारे समाज में खाना खाने के बाद इलायची खाने का चलन कोई नया नहीं है. खाना खाने के बाद इलायची का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद तत्व खाने को पचाने में मदद करते हैं. साथ ही इसके रासायनिक गुण की वजह अंदरुनी जलन में भी राहत मिलती है. अगर आपको लगातार उल्टी जैसा महसूस हो रहा हो तो भी आप छोटी इलायची का इस्तेमाल कर सकते हैं.

4. गले की खराश दूर करने में
अगर आपको गले में खराश की समस्या है तो भी इलायची का सेवन करना फायदेमंद रहेगा. इसके सेवन से गले की दर्द में भी राहत मिलती है.

5. शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ को दूर करने में
इलायची के रासायनिक गुण शरीर में मौजूद फ्री-रेडिकल और दूसरे विषैले तत्वों को दूर करने का भी काम करता है. इससे रक्त भी साफ होता है.

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स्वस्थ दांतों के लिए अपनाएं ये 10 आसान टिप्स.

हममें से ज्यादातर लोगों को अपने दांतों की याद उस वक्त आती है जब वो बुरी तरह खराब हो जाते है या फिर उनमें दर्द होना शुरू हो जाता है. पर शुरुआत से ही दांतों की देखभाल की जाए तो ऐसी परेशानियों से बचा जा सकता है. ये उपाय बेहद आसान हैं और कारगर भी. इन टिप्स को अपनाकर आप डेंटिस्ट के पास जाने से तो बचते ही हैं साथ ही आपके चेहरे की मुस्कान भी बनी रहती हैः

1. खूब पानी पिएं: ये एक नेचुरल माउथवाॅश है जो मुंह को समय-समय पर साफ करता रहता है. इससे दांतों पर चाय-काफी या दूसरी खाने-पीने की चीजों के दाग नहीं जमते.

2. ये तय कीजिए कि आपके खाने में फलों की भी पर्याप्त मात्रा हो: फलों में कई तरह के एंजाइम और दूसरे जरूरी तत्व होते हैं जो दांतों को नेचुरल तरीके से साफ कर देते हैं. खासतौर पर ऐसे फल जिनमें विटामिन सी की मात्रा हो.

3. शुगर-फ्री च्युइंगम का इस्तेमाल: आप चाहें तो शुगर-फ्री च्युइंगम का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इससे स्लाइवा ज्यादा मात्रा में बनता है जो प्लाक एसिड को साफ करने का काम करता है.

4. हाइड्रोजन पराक्साइड का प्रयोग: हाइड्रोजन पराक्साइड को पानी के साथ मिलाकर मुंह साफ करने से मुंह में मौजूद सभी बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं.

5. स्ट्रॉ का इस्तेमाल: हो सके तो कोई भी पेय पदार्थ स्ट्रॉ की मदद से पिएं. इससे उस तरल का आपके दांतों पर कम असर होगा.

6. ब्रश का इस्तेमाल: ब्रश करने के लिए मुलायम ब्रश का ही इस्तेमाल करें. ब्रश करते वक्त भी इस बात का ध्यान रखें कि दांत रगड़ें नहीं बस हल्के हाथों से उन्हें साफ करें.

7. जीभ की सफाई: जीभ की सफाई भी बहुत जरूरी है. अगर जीभ गंदी रह जाएगी तो उस पर बैक्टीरिया पनप सकते हैं जोकि मुंह की दुर्गंध का कारण भी होते है. ब्रश करने के साथ ही किसी अच्छे टंग-क्लीनर से जीभ साफ करना भी बहुत अहम है.

8. शुगर की मात्रा: कोशिश कीजिए कि जितना कम हो सके उतना कम शुगर लें. साथ ही चिपचिपी खाद्य सामग्री के सेवन से भी परहेज करना बेहतर रहेगा. अगर आप ऐसा कुछ खाते भी हैं तो तुरंत कुल्ला कर लें.

9. ब्रश करने का सही तरीका: ब्रश करने का सही तरीका पता होना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए आप परामर्श ले सकते हैं.

10. डॉक्टर से संपर्क: अगर आपको दांतों में कोई तकलीफ महसूस हो रही है तो डेंटिस्ट से तुरंत संपर्क करें.

——————————————————————————————-पपीते के इस्तेमाल से खिल उठेगी आपकी मुरझाई त्वचा

पपीता स्वास्थ्य के लिहाज से जितना फायदेमंद है उतना ही सौंदर्य-निखार के लिए भी. पुराने समय से इसे बतौर ब्यूटी-प्रोडक्ट इस्तेमाल किया जाता रहा है. अगर आपको निखरी और बेदाग त्वचा चाहिए तो किसी भी रासायनिक उत्पाद से ये कहीं बेहतर है.

पपीता किस तरह आपके रूप को निखार सकता है, आइए जानें:

त्वचा की देखभाल के लिए
पपीते में भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है. साथ ही पैपेन एंजाइम भी. पपीता डेड स्किन को हटाने का काम करता है. साथ ही ये त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है. अगर आप ग्लोइंग स्किन की ख्वाहिश रखते हैं तो आपको पपीते और शहद के मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. आधा कटा पपीता लेकर उसमें तीन चम्मच शहद मिला लें. इसे चेहरे समेत गर्दन तक लगाएं. 20 मिनट तक लगा रहने दें और उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें.

दाग-धब्बे कम करने के लिए
अगर आप कील-मुंहासों की समस्या से परेशान हैं तो पपीता आपके काम की चीज है. कील-मुंहासे जाने के साथ ही चेहरे पर दाग छोड़ जाते हैं जिससे चेहरे की रंगत कम हो जाती है. अगर आप भी ऐसी समस्या से परेशान हैं तो पपीते का एक टुकड़ा लेकर चेहरे पर मल लें. नियमित रूप से 20 मिनट ऐसा करने से आपके चेहरे के सारे दाग साफ हो जाएंगे.

फटी एडि़यों के लिएः
चेहरे के साथ ही पपीता फटी एडि़यों के लिए भी बहुत बेहतरीन है. फटी एडि़यों में इसके इस्तेमाल से फायदा होता है.

बालों के लिए

बालों को बढ़ने में मदद करता है
अध्ययनों की मानें तो पपीते में पाए जाने वाले पोषक तत्व गंजेपन से बचाते हैं. सप्ताह में तीन बार पपीते का सेवन करने से भी बालों का झड़ना रुक जाता है.

रूसी की परेशानी को दूर करने में

पपीते का हेयर मास्क ड्राई और बेजान स्कैल्प को पोषित करने का काम करता है. पपीते के बीज निकालकर उसे अच्छी तरह मल लें. उसमें आधा कप दही मिला लें. इस पेस्ट को करीब 30 मिनट तक बालों में लगा रहने दें. ऐसा करने से स्कैल्प को पोषण मिलेगा और रूसी की समस्या में राहत.

नेचुरल कंडीशनर
पपीता विटामिन, एंजाइम्स और मिनरल्स का खजाना है. अपने इन्हीं गुणों के चलते ये एक नेचुरल कंडीशनर भी है. ये बालों को चमकदार और मुलायम बनाने का काम करता है.

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74 रोगो की दवा अदरक.

विभिन्न रोगों में अदरक से उपचार:

1 हिचकी :- *सभी प्रकार की हिचकियों में अदरक की साफ की हुई छोटी डली चूसनी चाहिए।
*अदरक के बारीक टुकड़े को चूसने से हिचकी जल्द बंद हो जाती है। घी या पानी में सेंधानमक पीसकर मिलाकर सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।
*एक चम्मच अदरक का रस लेकर गाय के 250 मिलीलीटर ताजे दूध में मिलाकर पीने से हिचकी में फायदा होता है।
*एक कप दूध को उबालकर उसमें आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण डाल दें और ठंडा करके पिलाएं।
*ताजे अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके चूसने से पुरानी एवं नई तथा लगातार उठने वाली हिचकियां बंद हो जाती हैं। समस्त प्रकार की असाध्य हिचकियां दूर करने का यह एक प्राकृतिक उपाय है।”

2 पेट दर्द :- *अदरक और लहसुन को बराबर की मात्रा में पीसकर एक चम्मच की मात्रा में पानी से सेवन कराएं।
*पिसी हुई सोंठ एक ग्राम और जरा-सी हींग और सेंधानमक की फंकी गर्म पानी से लेने से पेट दर्द ठीक हो जाता है। एक चम्मच पिसी हुई सोंठ और सेंधानमक एक गिलास पानी में गर्म करके पीने से पेट दर्द, कब्ज, अपच ठीक हो जाते हैं।
*अदरक और पुदीना का रस आधा-आधा तोला लेकर उसमें एक ग्राम सेंधानमक डालकर पीने से पेट दर्द में तुरन्त लाभ होता है।
*अदरक का रस और तुलसी के पत्ते का रस 2-2 चम्मच थोड़े से गर्म पानी के साथ पिलाने से पेट का दर्द शांत हो जाता है।
*एक कप गर्म पानी में थोड़ा अजवायन डालकर 2 चम्मच अदरक का रस डालकर पीने से लाभ होता है।
*अदरक के रस में नींबू का रस मिलाकर उस पर कालीमिर्च का पिसा हुआ चूर्ण डालकर चाटने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
*अदरक का रस 5 मिलीलीटर, नींबू का रस 5 मिलीलीटर, कालीमिर्च का चूर्ण 1 ग्राम को मिलाकर पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।”

3 मुंह की दुर्गध :- एक चम्मच अदरक का रस एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुख की दुर्गन्ध दूर हो जाती है।

4 दांत का दर्द:- *महीन पिसा हुआ सेंधानमक अदरक के रस में मिलाकर दर्द वाले दांत पर लगाएं।
*दांतों में अचानक दर्द होने पर अदरक के छोट-छोटे टुकड़े को छीलकर दर्द वाले दांत के नीचे दबाकर रखें।
*सर्दी की वजह से दांत के दर्द में अदरक के टुकड़ों को दांतों के बीच दबाने से लाभ होता है। ”

5 भूख की कमी:- अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को नींबू के रस में भिगोकर इसमें सेंधानमक मिला लें, इसे भोजन करने से पहले नियमित रूप से खिलाएं।

6 सर्दी-जुकाम:- पानी में गुड़, अदरक, नींबू का रस, अजवाइन, हल्दी को बराबर की मात्रा में डालकर उबालें और फिर इसे छानकर पिलाएं।

7 गला खराब होना:- अदरक, लौंग, हींग और नमक को मिलाकर पीस लें और इसकी छोटी-छोटी गोलियां तैयार करें। दिन में 3-4 बार एक-एक गोली चूसें।

8 पक्षाघात (लकवा):- *घी में उड़द की दाल भूनकर, इसकी आधी मात्रा में गुड़ और सोंठ मिलाकर पीस लें। इसे दो चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार खिलाएं।
*उड़द की दाल पीसकर घी में सेकें फिर उसमें गुड़ और सौंठ पीसकर मिलाकर लड्डू बनाकर रख लें। एक लड्डू प्रतिदिन खाएं या सोंठ और उड़द उबालकर इनका पानी पीयें। इससे भी लकवा ठीक हो जाता है।”

9 पेट और सीने की जलन :- एक गिलास गन्ने के रस में दो चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच पुदीने का रस मिलाकर पिलाएं।

10 वात और कमर के दर्द:- अदरक का रस नारियल के तेल में मिलाकर मालिश करें और सोंठ को देशी घी में मिलाकर खिलाएं।

11 पसली का दर्द :- 30 ग्राम सोंठ को आधा किलो पानी में उबालकर और छानकर 4 बार पीने से पसली का दर्द खत्म हो जाता है।

12 चोट लगना, कुचल जाना:- चोट लगने, भारी चीज उठाने या कुचल जाने से
पीड़ित स्थान पर अदरक को पीसकर गर्म करके आधा इंच मोटा लेप करके पट्टी बॉंध दें। दो घण्टे के बाद पट्टी हटाकर ऊपर सरसो का तेल लगाकर सेंक करें। यह प्रयोग प्रतिदिन एक बार करने से दर्द शीघ्र ही दूर हो जाता है।

13 संग्रहणी (खूनी दस्त) :- सोंठ, नागरमोथा, अतीस, गिलोय, इन्हें समभाग लेकर पानी के साथ काढ़ा बनाए। इस काढे़ को सुबह-शाम पीने से राहत मिलती है।

14 ग्रहणी (दस्त) :- गिलोय, अतीस, सोंठ नागरमोथा का काढ़ा बनाकर 20 से 25 मिलीलीटर दिन में दो बार दें।

15 भूखवर्द्धक :- *दो ग्राम सोंठ का चूर्ण घी के साथ अथवा केवल सोंठ का चूर्ण गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-सुबह खाने से भूख बढ़ती है।
*प्रतिदिन भोजन से पहले नमक और अदरक की चटनी खाने से जीभ और गले की शुद्धि होती है तथा भूख बढ़ती है।
*अदरक का अचार खाने से भूख बढ़ती है।
*सोंठ और पित्तपापड़ा का पाक (काढ़ा) बुखार में राहत देने वाला और भूख बढ़ाने वाला है। इसे पांच से दस ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करें।
*सोंठ, चिरायता, नागरमोथा, गिलोय का काढ़ा बनाकर सेवन करने से भूख बढ़ती है और बुखार में भी लाभदायक है।”

16 अजीर्ण :- *यदि प्रात:काल अजीर्ण (रात्रि का भोजन न पचने) की शंका हो तो हरड़, सोंठ तथा सेंधानमक का चूर्ण जल के साथ लें। दोपहर या शाम को थोड़ा भोजन करें।
*अजवायन, सेंधानमक, हरड़, सोंठ इनके चूर्णों को एक समान मात्रा में एकत्रित करें। एक-एक चम्मच प्रतिदिन सेवन करें।
*अदरक के 10-20 मिलीलीटर रस में समभाग नींबू का रस मिलाकर पिलाने से मंदाग्नि दूर होती है।”

17 उदर (पेट के) रोग :- सोंठ, हरीतकी, बहेड़ा, आंवला इनको समभाग लेकर कल्क बना लें। गाय का घी तथा तिल का तेल ढाई किलोग्राम, दही का पानी ढाई किलोग्राम, इन सबको मिलाकर विधिपूर्वक घी का पाक करें, तैयार हो जाने पर छानकर रख लें। इस घी का सेवन 10 से 20 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम करने से सभी प्रकार के पेट के रोगों का नाश होता है।

18 बहुमूत्र :- अरदक के दो चम्मच रस में मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।

19 बवासीर के कारण होने वाला दर्द :- दुर्लभा और पाठा, बेल का गूदा और पाठा, अजवाइन व पाठा अथवा सौंठ और पाठा इनमें से किसी एक योग का सेवन करने से बवासीर के कारण होने वाले दर्द में राहत मिलती है।

20 मूत्रकृच्छ (पेशाब करते समय परेशानी) :- *सोंठ, कटेली की जड़, बला मूल, गोखरू इन सबको दो-दो ग्राम मात्रा तथा 10 ग्राम गुड़ को 250 मिलीलीटर दूध में उबालकर सुबह-शाम पीने से मल-मूत्र के समय होने वाला दर्द ठीक होता है।
*सोंठ पीसकर छानकर दूध में मिश्री मिलाकर पिलाएं।”

21 अंडकोषवृद्धि :- इसके 10-20 मिलीलीटर रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से वातज अंडकोष की वृद्धि मिटती है।

22 कामला (पीलिया) :- अदरक, त्रिफला और गुड़ के मिश्रण का सेवन करने से लाभ होता है।

23 अतिसार (दस्त):- *सोंठ, खस, बेल की गिरी, मोथा, धनिया, मोचरस तथा नेत्रबाला का काढ़ा दस्तनाशक तथा पित्त-कफ ज्वर नाशक है।
*धनिया 10 ग्राम, सोंठ 10 ग्राम इनका विधिवत काढ़ा बनाकर रोगी को सुबह-शाम सेवन कराने से दस्त में काफी राहत मिलती है।”

24 वातरक्त :- अंशुमती के काढ़ा में 640 मिलीलीटर दूध को पकाकर उसमें 80 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने के लिए दें। उसी प्रकार पिप्पली और सौंठ का काढ़ा तैयार करके 20 मिलीलीटर प्रात:-शाम वातरक्त के रोगी को पीने के लिए दें।

25 वातशूल :- सोंठ तथा एरंड के जड़ के काढे़ में हींग और सौवर्चल नमक मिलाकर पीने से वात शूल नष्ट होता है।

26 सूजन :- *सोंठ, पिप्पली, जमालगोटा की जड़, चित्रकमूल, बायविडिंग इन सभी को समान भाग लें और दूनी मात्रा में हरीतकी चूर्ण लेकर इस चूर्ण का सेवन तीन से छ: ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ सुबह करें।
*सोंठ, पिप्पली, पान, गजपिप्पली, छोटी कटेरी, चित्रकमूल, पिप्पलामूल, हल्दी, जीरा, मोथा इन सभी द्रव्यों को समभाग लेकर इनके कपडे़ से छानकर चूर्ण को मिलाकर रख लें, इस चूर्ण को दो ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ दिन में तीन बार सेवन करने से त्रिदोष के कारण उत्पन्न सूजन तथा पुरानी सूजन नष्ट होती है।
*अदरक के 10 से 20 मिलीलीटर रस में गुड़ मिलाकर सुबह-सुबह पी लें। इससे सभी प्रकार की सूजन जल्दी ही खत्म हो जाती है।”

27 शूल (दर्द) :- सोंठ के काढ़े के साथ कालानमक, हींग तथा सोंठ के मिश्रित चूर्ण का सेवन करने से कफवातज हृदयशूल, पीठ का दर्द, कमर का दर्द, जलोदर, तथा विसूचिका आदि रोग नष्ट होते हैं। यदि मल बंद होता है तो इसके चूर्ण को जौ के साथ पीना चाहिए।

28 संधिपीड़ा (जोड़ों का दर्द) :- *अदरक के एक किलोग्राम रस में 500 मिलीलीटर तिल का तेल डालकर आग पर पकाना चाहिए, जब रस जलकर तेल मात्र रह जाये, तब उतारकर छान लेना चाहिए। इस तेल की शरीर पर मालिश करने से जोड़ों की पीड़ा मिटती है।
*अदरक के रस को गुनगुना गर्म करके इससे मालिश करें।”

29 बुखार में बार-बार प्यास लगना :- सोंठ, पित्तपापड़ा, नागरमोथा, खस लाल चंदन, सुगन्ध बेला इन सबको समभाग लेकर बनाये गये काढ़े को थोड़ा-थोड़ा पीने से बुखार तथा प्यास शांत होती है। यह उस रोगी को देना चाहिए जिसे बुखार में बार-बार प्यास लगती है।

30 कुष्ठ (कोढ़) :- सोंठ, मदार की पत्ती, अडूसा की पत्ती, निशोथ, बड़ी इलायची, कुन्दरू इन सबका समान-समान मात्रा में बने चूर्ण को पलाश के क्षार और गोमूत्र में घोलकर बने लेप को लगाकर धूप में तब तक बैठे जब तक वह सूख न जाए, इससे मण्डल कुष्ठ फूट जाता है और उसके घाव शीघ्र ही भर जाते हैं।

31 बुखार में जलन :- सोंठ, गन्धबाला, पित्तपापड़ा खस, मोथा, लाल चंदन इनका काढ़ा ठंडा करके सेवन करने से प्यास के साथ उल्टी, पित्तज्वर तथा जलन आदि ठीक हो जाती है।

32 हैजा :- अदरक का 10 ग्राम, आक की जड़ 10 ग्राम, इन दोनों को खरल (कूटकर) इसकी कालीमिर्च के बराबर गोली बना लें। इन गोलियों को गुनगुने पानी के साथ देने से हैजे में लाभ पहुंचता है इसी प्रकार अदरक का रस व तुलसी का रस समान भाग लेकर उसमें थोड़ी सी शहद अथवा थोड़ी सा मोर के पंख की भस्म मिलाने से भी हैजे में लाभ पहुंचता है।

33 इन्फ्लुएंजा :- 6 मिलीलीटर अदरक रस में, 6 ग्राम शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार सेवन करें।

34 सन्निपात ज्वर :- *त्रिकुटा, सेंधानमक और अदरक का रस मिलाकर कुछ दिनों तक सुबह-शाम चटायें।
*सन्निपात की दशा में जब शरीर ठंडा पड़ जाए तो इसके रस में थोड़ा लहसुन का रस मिलाकर मालिश करने से गरमाई आ जाती है।”

35 गठिया :- 10 ग्राम सोंठ 100 मिलीलीटर पानी में उबालकर ठंडा होने पर शहद या शक्कर मिलाकर सेवन करने से गठिया रोग दूर हो जाता है।

36 वात दर्द, कमर दर्द तथा जांघ और गृध्रसी दर्द :- एक चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच घी मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।

37 मासिक-धर्म का दर्द से होना (कष्टर्त्तव) :- इस कष्ट में सोंठ और पुराने गुड़ का काढ़ा बनाकर पीना लाभकारी है। ठंडे पानी और खट्टी चीजों से परहेज रखें।

38 प्रदर :- 10 ग्राम सोंठ 250 मिलीलीटर पानी में डालकर उबालें और शीशी में छानकर रख लें। इसे 3 सप्ताह तक पीएं।

39 हाथ-पैर सुन्न हो जाना :- सोंठ और लहसुन की एक-एक गांठ में पानी डालकर पीस लें तथा प्रभावित अंग पर इसका लेप करें। सुबह खाली पेट जरा-सी सोंठ और लहसुन की दो कली प्रतिदिन 10 दिनों तक चबाएं।

40 मसूढ़े फूलना (मसूढ़ों की सूजन) :- *मसूढ़े फूल जाएं तो तीन ग्राम सोंठ को दिन में एक बार पानी के साथ फांकें। इससे दांत का दर्द ठीक हो जाता है। यदि दांत में दर्द सर्दी से हो तो अदरक पर नमक डालकर पीड़ित दांतों के नीचे रखें।
*मसूढ़ों के फूल जाने पर 3 ग्राम सूखा अदरक दिन में 1 बार गर्म पानी के साथ खायें। इससे रोग में लाभ होता है।
*अदरक के रस में नमक मिलाकर रोजाना सुबह-शाम मलने से सूजन ठीक होती है।”

41 गला बैठना, श्वांस-खांसी और जुकाम :- अदरक का रस और शहद 30-30 ग्राम हल्का गर्म करके दिन में तीन बार दस दिनों तक सेवन करें। दमा-खांसी के लिए यह परमोपयोगी है। यदि गला बैठ जाए, जुकाम हो जाए तब भी यह योग लाभकारी है। दही, खटाई आदि का परहेज रखें।

42 खांसी-जुकाम :- अदरक को घी में तलकर भी ले सकते हैं। 12 ग्राम अदरक के टुकड़े करके 250 मिलीलीटर पानी में दूध और शक्कर मिलाकर चाय की भांति उबालकर पीने से खांसी और जुकाम ठीक हो जाता है। घी को गुड़ में डालकर गर्म करें। जब यह दोनों मिलकर एक रस हो जाये तो इसमें 12 ग्राम पिसी हुई सोंठ डाल दें। (यह एक मात्रा है) इसको सुबह खाने खाने के बाद प्रतिदिन सेवन करने से खांसी-जुकाम ठीक हो जाता है।

43 खांसी-जुकाम, सिरदर्द और वात ज्वर :- सोंठ तीन ग्राम, सात तुलसी के पत्ते, सात दाने कालीमिर्च 250 मिलीलीटर पानी में पकाकर, चीनी मिलाकर गमागर्म पीने से इन्फ्लुएंजा, खांसी, जुकाम और सिरदर्द दूर हो जाता है अथवा एक चम्मच सौंठ, चौथाई चम्मच सेंधानमक पीसकर चौथाई चम्मच तीन बार गर्म पानी से लें।

44 गर्दन, मांसपेशियों एवं आधे सिर का दर्द :- यदि उपरोक्त कष्ट अपच, पेट की गड़बड़ी से उत्पन्न हुए हो तो सोंठ को पीसकर उसमें थोड़ा-सा पानी डालकर लुग्दी बनाकर तथा हल्का-सा गर्म करके पीड़ित स्थान पर लेप करें। इस प्रयोग से आरम्भ में हल्की-सी जलन प्रतीत होती है, बाद में शाघ्र ही ठीक हो जाएगा। यदि जुकाम से सिरदर्द हो तो सोंठ को गर्म पानी में पीसकर लेप करें। पिसी हुई सौंठ को सूंघने से छीके आकर भी सिरदर्द दूर हो जाता है।

45 गले का बैठ जाना :- अदरक में छेद करके उसमें एक चने के बराबर हींग भरकर कपड़े में लपेटकर सेंक लें। उसके बाद इसको पीसकर मटर के दाने के आकार की गोली बना लें। दिन में एक-एक करके 8 गोलियां तक चूसें अथवा अदरक का रस शहद के रस में मिलाकर चूसने से भी गले की बैठी हुई आवाज खुल जाती है। आधा चम्मच अदरक का रस प्रत्येक आधा-आधा घंटे के अन्तराल में सेवन करने से खट्टी चीजें खाने के कारण बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। अदरक के रस को कुछ समय तक गले में रोकना चाहिए, इससे गला साफ हो जाता है।

46 कफज बुखार :- *आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ एक कप पानी में उबालें, जब आधा पानी शेष बचे तो मिश्री मिलाकर सेवन कराएं।
*अदरक और पुदीना का काढ़ा देने से पसीना निकलकर बुखार उतर जाता है। शीत ज्वर में भी यह प्रयोग हितकारी है। अदरक और पुदीना वायु तथा कफ प्रकृति वाले के लिए परम हितकारी है।”

47 अपच :- ताजे अदरक का रस, नींबू का रस और सेंधानमक मिलाकर भोजन से पहले और बाद में सेवन करने से अपच दूर हो जाती है। इससे भोजन पचता है, खाने में रुचि बढ़ती है और पेट में गैस से होने वाला तनाव कम होता है। कब्ज भी दूर होती है। अदरक, सेंधानमक और कालीमिर्च की चटनी भोजन से आधा घंटे पहले तीन दिन तक निरन्तर खाने से अपच नहीं रहेगा।

48 पाचन संस्थान सम्बन्धी प्रयोग :- *6 ग्राम अदरक बारीक काटकर थोड़ा-सा नमक लगाकर दिन में एक बार 10 दिनों तक भोजन से पूर्व खाएं। इस योग के प्रयोग से हाजमा ठीक होगा, भूख लगेगी, पेट की गैस कब्ज दूर होगी। मुंह का स्वाद ठीक होगा, भूख बढे़गी और गले और जीभ में चिपका बलगम साफ होगा।
*सोंठ, हींग और कालानमक इन तीनों का चूर्ण गैस बाहर निकालता है। सोंठ, अजवाइन पीसकर नींबू के रस में गीला कर लें तथा इसे छाया में सुखाकर नमक मिला लें। इस चूर्ण को सुबह-शाम पानी से एक ग्राम की मात्रा में खाएं। इससे पाचन-विकार, वायु पीड़ा और खट्टी डकारों आदि की परेशानियां दूर हो जाती हैं।
*यदि पेट फूलता हो, बदहजमी हो तो अदरक के टुकड़े देशी घी में सेंक करके स्वादानुसार नमक डालकर दो बार प्रतिदिन खाएं। इस प्रयोग से पेट के समस्त सामान्य रोग ठीक हो जाते हैं।
*अदरक के एक लीटर रस में 100 ग्राम चीनी मिलाकर पकाएं। जब मिश्रण कुछ गाढ़ा हो जाए तो उसमें लौंग का चूर्ण पांच ग्राम और छोटी इलायची का चूर्ण पांच ग्राम मिलाकर शीशे के बर्तन में भरकर रखें। एक चम्मच उबले दूध या जल के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पाचन संबधी सभी परेशानी ठीक होती है।”

49 कर्णनाद :- एक चम्मच सोंठ और एक चम्मच घी तथा 25 ग्राम गुड़ मिलाकर गर्म करके खाने से लाभ होता है।

50 आंव (कच्चा अनपचा अन्न) :- आंव अर्थात् कच्चा अनपचा अन्न। जब यह लम्बे समय तक पेट में रहता है तो अनेक रोग उत्पन्न होते हैं। सम्पूर्ण पाचनसंस्थान ही बिगड़ जाता है। पेट के अनेक रोग पैदा हो जाते हैं। कमर दर्द, सन्धिवात, अपच, नींद न आना, सिरदर्द आदि आंव के कारण होते हैं। ये सब रोग प्रतिदिन दो चम्मच अदरक का रस सुबह खाली पेट सेवन करते रहने से ठीक हो जाते हैं।

51 बार-बार पेशाब आने की समस्या :- अदरक का रस और खड़ी शक्कर मिलाकर पीने से बहुमूत्र रोग की बीमारी नष्ट हो जाती है।

52 शीतपित्त :- *अदरक का रस और शहद पांच-पांच ग्राम मिलाकर पीने से सारे शरीर पर कण्डों की राख मलकर, कम्बल ओढ़कर सो जाने से शीतपित्त रोग तुरन्त दूर हो जाता है।
*अदरक का रस 5 मिलीलीटर चाटने से शीत पित्त का निवारण होता है।”

53 आधासीसी (आधे सिर का दर्द) :- *अदरक और गुड़ की पोटली बनाकर उसके रसबिन्दु को नाक में डालने से आधासीसी के दर्द में लाभ होता है।
*आधे सिर में दर्द होने पर नाक में अदरक के रस की बूंदें टपकाने से बहुत लाभ होता है।”

54 गले की खराश :- ठंडी के मौसम में खांसी के कारण गले में खराश होने पर अदरक के सात-आठ ग्राम रस में शहद मिलाकर, चाटकर खाने से बहुत लाभ होता है। खांसी का प्रकोप भी कम होता है।

55 अस्थमा के कारण उत्पन्न खांसी :- अदरक के 10 मिलीलीटर रस में 50 ग्राम शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार चाटकर खाने से सर्दी-जुकाम से उत्पन्न खांसी नष्ट होती है। चिकित्सकों के अनुसार अस्थमा के कारण उत्पन्न खांसी में भी अदरक से लाभ होता है।

56 तेज बुखार :- पांच ग्राम अदरक के रस में पांच ग्राम शहद मिलाकर चाटकर खाने से बेचैनी और गर्मी नष्ट होती है।

57 बहरापन :- *अदरक का रस हल्का गर्म करके बूंद-बूंद कान में डालने से बहरापन नष्ट होता है।
*अदरक के रस में शहद, तेल और थोड़ा सा सेंधानमक मिलाकर कान में डालने से बहरापन और कान के अन्य रोग समाप्त हो जाते हैं।”

58 जलोदर :- प्रतिदिन सुबह-शाम 5 से 10 मिलीलीटर अदरक का रस पानी में मिलाकर पीने से जलोदर रोग में बहुत लाभ होता है।

59 ठंड के मौसम में बार-बार मूत्र के लिए जाना :- दस ग्राम अदरक के रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर सेवन करने से बहुत लाभ होता है।

60 ज्वर (बुखार) :- *अदरक का रस पुदीने के क्वाथ (काढ़ा) में डालकर पीने से बुखार में राहत मिलती है।
*एक चम्मच शहद के साथ समान मात्रा में अदरक का रस मिलाकर दिन में 3-4 बार पिलायें।”

61 ठंडी के मौसम में आवाज बैठना :- अदरक के रस में सेंधानमक मिलाकर चाटने से बहुत लाभ होता है।

62 संधिशोथ (जोड़ों की सूजन) :- *अदरक को पीसकर संधिशोथ (जोड़ों की सूजन) पर लेप करने से सूजन और दर्द जल्द ही ठीक होते हैं।
*अदरक का 500 मिलीलीटर रस और 250 मिलीलीटर तिल का तेल दोनों को देर तक आग पर पकाएं। जब रस जलकर खत्म हो जाए तो तेल को छानकर रखें। इस तेल की मालिश करने से जोड़ों की सूजन में बहुत लाभ होता है। अदरक के रस में नारियल का तेल भी पकाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।”

63 अम्लपित्त (खट्टी डकारें) :- *अदरक का रस पांच ग्राम मात्रा में 100 मिलीलीटर अनार के रस में मिलाकर कुछ दिनों तक सुबह-शाम सेवन करने से अम्लपित्त (खट्टी डकारें) की समस्या नहीं होती है।
*अदरक और धनिया को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर पानी के साथ पीने से लाभ होता है।।
*एक चम्मच अदरक का रस शहद में मिलाकर प्रयोग करने से आराम मिलता है।”

64 वायु विकार के कारण अंडकोष वृद्धि :- वायु विकार के कारण अंडकोष की वृद्धि होने पर अदरक के पांच ग्राम रस में शहद मिलाकर तीन-चार सप्ताह प्रतिदिन सेवन करने से बहुत लाभ होता है।

65 दमा :- *लगभग एक ग्राम अदरक के रस को एक ग्राम पानी से सुबह-शाम लेने से दमा और श्वास रोग ठीक हो जाते हैं।
*अदरक के रस में शहद मिलाकर खाने से सभी प्रकार के श्वास, खांसी, जुकाम तथा अरुचि आदि ठीक हो जाते हैं।
*अदरक के रस में कस्तूरी मिलाकर देने से श्वास-रोग ठीक हो जाता है।
*लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग जस्ता-भस्म में 6 मिलीलीटर अदरक का रस और 6 ग्राम शहद मिलाकर रोगी को देने से दमा और खांसी दूर हो जाती है।
*अदरक का रस शहद के साथ खाने से बुढ़ापे में होने वाला दमा ठीक हो जाता है।
*अदरक की चासनी में तेजपात और पीपल मिलाकर चाटने से श्वास-नली के रोग दूर हो जाते हैं।
*अदरक का छिलका उतारकर खूब महीन पीस लें और छुआरे के बीज निकालकर बारीक पीस लें। अब इन दोनों को शहद में मिलाकर किसी साफ बड़े बर्तन में अच्छी तरह से मिला लेते हैं। अब इसे हांडी में भरकर आटे से ढक्कन बंद करके रख दें। जमीन में हांडी के आकार का गड्ढा खोदकर इस गड्ढे में इस हांडी को रख दें और 36 घंटे बाद सावधानी से मिट्टी हटाकर हांडी को निकाल लें। इसके सुबह नाश्ते के समय तथा रात में सोने से पहले एक चम्मच की मात्रा में सेवन करें तथा ऊपर से एक गिलास मीठा, गुनगुने दूध को पी लेने से श्वास या दमा का रोग ठीक हो जाता है। इसका दो महीने तक लगातार सेवन करना चाहिए।
*अदरक का रस, लहसुन का रस, ग्वारपाठे का रस और शहद सभी को 50-50 ग्राम की मात्रा में लेकर चीनी या मिट्टी के बर्तन में भरकर उसका मुंह बंद करके जमीन में गड्ढा खोदकर गाड़कर मिट्टी से ढक देते हैं। 3 दिन के बाद उसे जमीन से बाहर निकाल लेते हैं। इसे 3-3 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन रोगी को सेवन कराने से 15 से 30 दिन में ही यह दमा मिट जाता है।”

66 ब्रोंकाइटिस :- 15 ग्राम अदरक, चार बादाम, 8 मुनक्का- इन सभी को पीसकर सुबह-शाम गर्म पानी से सेवन करने से ब्रोंकाइटिस में लाभ मिलता है।

67 गीली खांसी :- *अदरक का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्मच की मात्रा में लेकर थोड़ा सा गर्म करके दिन में 3-4 बार चाटने से 3-4 दिनों में कफ वाली गीली खांसी दूर हो जाती है।
*अदरक का रस 14 मिलीमीटर लेकर बराबर मात्रा में शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार लेना चाहिए।”

68 काली खांसी :- अदरक के रस को शहद में मिलाकर 2-3 बार चाटने से काली खांसी का असर खत्म हो जाता है।

69 बालों के रोग :- *अदरक और प्याज का रस सेंधानमक के साथ मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करें, इससे गंजेपन से राहत मिलती है।
*अदरक के टुकडे़ को गंजे सिर पर मालिश करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।”

70 साधारण खांसी :- *साधारण खांसी में अदरक का रस निकालकर उसमें थोड़ा शहद और थोड़ा सा काला नमक मिलाकर चाटने से लाभ मिलता है।
*अदरक का रस और तालीस-पत्र को मिलाकर चाटने से खांसी ठीक हो जाती है।
*बिना खांसी के कफ बढ़ा हो तो अदरक, नागरबेल का पान और तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर सेवन करने से कफ दूर हो जाता है।
*अदरक के रस में इलायची का चूर्ण और शहद मिलाकर हल्का गर्म करके चाटने से सांस के रोग की खांसी दूर हो जाती है।
*एक चम्मच अदरक के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर चाटने से खांसी मे बहुत ही जल्द आराम आता है।”

71 इंफ्लुएन्जा के लिए :- *अदरक, तुलसी, कालीमिर्च तथा पटोल (परवल) के पत्ते का काढ़ा बनाकर सेवन करें।
*3 ग्राम अदरक या सोंठ, 7 तुलसी के पत्ते, 7 कालीमिर्च, जरा-सी दालचीनी आदि को 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर चीनी मिलाकर गर्म-गर्म पीने से इंफ्लुएन्जा, जुकाम, खांसी और सिर में दर्द दूर होता है।”

72 कफयुक्त खांसी, दमा :- *अदरक का रस रोजाना 3 बार 10 दिन तक पियें। खांसी, दमा के लिए यह बहुत उपयोगी होता है। परहेज- खटाई और दही का प्रयोग न करें। 12 ग्राम अदरक के टुकड़े करके एक गिलास पानी में, दूध, शक्कर, मिलाकर चाय की तरह उबालकर पीने से खांसी, जुकाम ठीक हो जाता है। आठ कालीमिर्च स्वादानुसार नमक और गुड़, चौथाई चम्मच पिसी हुई सोंठ एक गिलास पानी में उबालें। गर्म होने पर आधा रहने पर गर्म-गर्म सुहाता हुआ पियें। इससे खांसी ठीक हो जाएगी। 10 ग्राम अदरक को बारीक-बारीक काट कर कटोरी में रखें और इसमें 20 ग्राम गुड़ डालकर आग पर रख दें। थोड़ी देर में गुड़ पिघलने लगेगा। तब चम्मच से गुड़ को हिलाकर-मिलाकर रख लेते हैं। जब अच्छी तरह पिघलकर दोनों पदार्थ मिल जाएं तब इसे उतार लेते हैं। इसे थोड़ा सा गर्म रहने पर एक या दो चम्मच चाटने से कफयुक्त खांसी में आराम होता है। इसे खाने के एक घंटे बाद तक पानी नहीं पीना चाहिए या सोते समय चाटकर गुनगुने गर्म पानी से कुल्ला करके मुंह साफ करके सो जाना चाहिए। यह बहुत ही लाभप्रद उपाय है।
*5 मिलीलीटर अदरक के रस में 3 ग्राम शहद को मिलाकर चाटने से खांसी में बहुत ही लाभ मिलता है।
*6-6 मिलीलीटर अदरक और तुलसी के पत्तों का रस तथा 6 ग्राम शहद को मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से सू.

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@ बहु उद्देशीय नुस्का ~ All purpose Nuska

* 50 ग्राम कलौंजी – पीस पाउडर बना लें
* 50 ग्राम इसबगोल का छिलका
* 100 ग्राम शहद
कलौंजी पाउडर- इसबगोल के छिलके व शहद को मिला किसी कांच के जार में डाल लें !
$ सेवन विधि :-
1 छोटा चम्‍मच सुबह निहार मुंह व एक एक चम्‍मच लंच व डिनर के बाद चाट लें !
हर मौसम में सेवन किया जा सकता है !
$ लाभ :-
जोडों के दर्द – कमर दर्द – फलु – नजला – जुकाम – पेट व आंतों के कीडे खत्‍म करे !
मोटापे के कारण लटके पेट को सही करे और वी बहुत सारे फायदे जो लिखे जाने मुमकिन नहीं !

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 Why You Should Be Massaging Your Feet Before Bed.

Just about everybody all over the world has own set of bed time rituals – I know I do, and chances are you do too. People vary in terms of what exactly it is they have to do before they can comfortably lay down for the night, with some choosing to unwind with a soothing mug of camomile tea whilst others like to tire themselves out with a quick workout – sit-ups, push-ups and the like – before they switch off. Why You Should Be Massaging Your Feet Before Bed.

Regardless of how you choose to spend those twilight hours, however, there is some compelling evidence that suggests you’d be doing yourself a favour to make a little extra room for a new activity – massaging your feet. Indeed, there are some who believe that setting aside 10-15 minutes every night to show your aching feet some love can be hugely beneficial, and they certainly make a pretty strong case.

 The general benefits offered by massage have been established for some time now, and it is (quite rightly) considered by many to be one of the most effective forms of relaxation out there, if not the the most effective. Not only can a good massage induce feelings of significant comfort, but it also causes a whole host of nice things to happen to your insides. First and foremost, they can improve your metabolism, which is a huge factor in promoting healthy weight loss. Why You Should Be Massaging Your Feet Before Bed.

Not only that, but some proponents of massage therapy maintain that regular massage can be instrumental in the reduction of your body fat. They are also capable of stimulating the secretion of sweat, which is a vital process for removing waste products from the body and keeping everything under the hood running smoothly, as well as helping to keep up a healthy level of circulation by directing blood flow to the area being massaged.

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@ चिरौंजी के बीजों में छिपे हैं सेहत से जुड़े अनोखे लाभ :-

मिठाइयों और पकवानों का जायका बढ़ाने के लिए उनमें डाली जाने वाली चिरौंजी सेहत के लिहाज से बहुत ही फायदेमंद होती है !
प्रोटीन से भरपूर चिरौंजी के बीज में कैलोरी बहुत ही कम होती है !
फाइबर के साथ ही इसमें विटामिन सी – बी1 – विटामिन बी 2 और नियासिन आदि भी मौजूद होते हैं !
कैल्शियम – फॉस्फोरस और आयरन जैसे मिनरल्स भी इसमें होते हैं !
चिरौंजी के बीज और तेल में एमीनो एसिड – लीनोलीक – मिरिस्टीक – ओलिक – पॉमिटिक और स्टीएरिक एसिड भी पाए जाते हैं !

* सर्दी – जुकाम दूर करने में :-
सर्दी – जुकाम होने पर 5 -10 ग्राम चिरौंजी को हल्का – सा सेंक – ठंडा होने पर इसे पीस लें !
एक कप दूध में इस पाउडर को मिला उबाल लें !
स्वादानुसार चीनी और इलायची डालकर पीने से काफी राहत मिलती है !

* कफ की समस्या करता है दूर :-
सर्दी – खांसी होने के साथ ही कफ की समस्या होना आम बात है !
सांस लेने में परेशानी के साथ ही खरास की शिकायत भी बनी रहती है !
इन दोनों से छुटकारा पाने के लिए 5 – 10 ग्राम चिरौंजी खानी चाहिए और साथ ही इसे दूध में पीसकर इससे मालिश भी करना चाहिए !

* निखारे चेहरे की रंगत :-
चिरौंजी को पीसकर इसमें थोड़ी हल्दी – थोड़ा शहद – नींबू और गुलाब जल मिला इसका पेस्ट तैयार कर लें – रोजाना इसे लगाने से त्वचा की रंगत निखरती है !

* मुहांसे को रखे दूर :-
चिरौंजी स्किन से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं दूर करती है !
इसे पीस गुलाबजल में मिला चेहरे पर लगाएं और सूखने पर पानी से धो लें !
मुहांसे दूर होने के साथ ही चेहरे पर भी चमक आती है !
चेहरे की झाइयों को दूर करने के लिए रात में तकरीबन 10 – 12 चिरौंजी को दूध में भिगो दें
सुबह इसका पेस्ट बना चेहरे पर लगाएं – कुछ ही हफ्तों बाद फर्क नजर आने लगेगा !

* खुजली से छुटकारा :-
खुजली की समस्या होने पर चिरौंजी – गुलाबजल और सुहागा को एक साथ पीसकर इसका पेस्ट तैयार कर ~ 4 – 5 दिनों तक लगातार खुजली वाली जगह पर लगाते रहें !
खुजली से तुरंत छुटकारा मिलता है !

* जलन से दिलाए राहत :-
जलन की समस्या होने पर चिरौंजी के बीज को पीस उस हिस्से पर लगाने से काफी राहत मिलती है !
इसके साथ ही घमौरी और दाग – धब्बों को भी दूर करने में चिरौंजी का इस्तेमाल किया जाता है !

* डायरिया के उपचार में :-
चिरौंजी के बीज से निकलने वाला तेल और चिरौंजी की जड़ें डायरिया और डाइजेशन से संबंधित कई प्रकार की समस्याओं को दूर करने में बहुत ही फायदेमंद होता है !
इसके बीजों का पाउडर बना उसे फांकने से भी इस समस्या में बहुत जल्द राहत मिलती है !

* इम्यूनिटी बनाए स्ट्रॉन्ग :-
चिरौंजी के फल से लेकर इसके बीज में मौजूद कई सारे मिनरल्स इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाते हैं !
बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को चिरौंजी से बनी चीजों का सेवन कराया जाता है !
इससे बनी चीजों को खाने से इम्यूनिटी के साथ ही बॉडी भी स्ट्रॉन्ग होती है !

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 वजन कम करने का घरेलु काढ़ा …. !

* हरड़
* बहेड़ा
* हल्दी
* बबूल
* पंवार
* करंजी
* कुटकी
* मंजीठ
* आवला
* गिलोय
* गूग्‍गुल
* बाकुची
* चिरायता
* द्रोणपुष्पी
* दारुहल्दी
* सुखी मेथी
* कालीजीरी
* बबुल गोंद
* भुमि आवला
* शुद्ध शिलाजीत
सभी सामग्री 60 – 60 ग्राम की मात्रा में ले सबको कूट पीस मिला कर ढक्‍कनदार डिब्‍बे में डाल लें !

सेवन विधि :- 2 गिलास पानी में आधा चम्मच यह सामग्री ( काढा ) डाल – पानी को तब तक उबाले जब तक पानी एक गिलास नां रह जाये !
फिर इसे ठंडा होने पर छान कर पी लेवें !
इस तरहा दिन में दो बार सुबह शाम खाली पेट ताजा काढा बना के पियें !
इस विधि से काढा निर्माण कर अगर आप 2 माह सेवन कर लेंगे तो आपका वजन तेजी से कम होगा !
विशेष :- अगर आप काढा निर्माण स्‍वयं करने में असर्म्‍थ महसूस करते हैं तो राजस्‍थान की एक आयुर्वेद संस्‍था इसका व्‍यवसायिक स्‍तर पर निर्माण कर सम्‍पूर्ण भारत में विक्रय करती है !
चाहे तो आप घर बैठे इसे मंगवा इसका सेवन कर लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं !
संस्‍था का पता :- ओषधि आयुर्वेद संस्था ~ उदयपुर ~ राजस्थान

$ लेकिन बेहतर रहेगा आप उपरोक्‍त सामग्री स्‍वयं पंसारी से क्रय कर खुद काढा बना लें – मात्र 1 घंटे से भी कम समय में आप यह काढा घर पर आसानी से बना सकते है – इसमें प्रयुक्‍त होने वाली समस्‍त सामग्री आसानी से पंसारी की दुकान पर मिल जाती है !

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 What Will Happen If You Drink Coconut Water For A Week.

Coconut water can enhance your wellbeing. You have presumably found out about the numerous advantages of coconut water, yet here we display you some one of a kind characteristics of this supernatural water that you have most likely not heard about. Previously, coconut water was utilized as a substitution of blood. Despite the fact that there was a contention about this practice, it without a doubt rescued quite a few people from death. Nowadays, coconut water can be utilized without restriction and discovered easily. It is a superb element for detoxification.
 What-Will-Happen-If-You-Drink-Coconut-Water-For-A-Week

Coconut water enhances the wellbeing of your immune system. It is likewise a phenomenal answer for infections, gonorrhea, gum illness and urinary tract disease on the grounds that it crushes the microscopic organisms.

With the utilization of coconut water the hormone’s generation delivered by the thyroid organ will increment and you will feel stimulated. Coconut water is likewise useful for kidney illness, since it is thought to be a superb diuretic. It can even cleanse the bladder’s channels and the urinary tract. It kills poisons and kidney stones.

Gastric acids are likewise crushed in light of the fact that coconut water contains a ton of strands.

Coconut water can likewise be utilized as a partner as a part of your weight reduction process. It lessens the appetite, makes you feel full and contains low levels of fat. It can be an answer for slick skin, dry skin or skin break out. It cleans and revives the skin without stopping up the pores. Coconut water crushes the risky parasites in your consuming so as to live being a blend of coconut water and olive oil.

[ Read: 20 Reasons You Should Eat 3 Bananas Daily – And No They Won’t Make You Fat ]

Coconut water utilization is likewise sheltered amid pregnancy. Lessening of hypertension, which is particularly normal among pregnant lady, can be accomplished actually by drinking one cup of this water.

A fabulous answer for a morning aftereffect is this supernatural water. It cures cerebral pains and re-hydrates your body.

One cup of coconut water can keep your skin hydrated and give you vitality subsequent to working out.
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होंठों के कालेपन को दूर करने के कारगर घरेलू उपाय.
इस बात में कोई शक नहीं है कि गुलाबी होंठ किसी भी महिला की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं. कुछ महिलाएं तो लिपस्टिक लगाकर अपने होंठो का कालापन छिप लेती हैं लेकिन उनका क्‍या जिन्हें लिपस्टि‍क लगाना पसंद न हो? या फिर अगर आप बिना लिपिस्‍टक लगाए नैचुरल लुक में रहना चाहें तो यह कैसे मुमकिन हो सकता है.
सबसे पहले आपको ये जानने की जरूरत है कि आखिर होंठ काले कैसे हो जाते हैं. कई बार सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में होने की वजह से, किसी तरह की एलर्जी होने से, सस्ती क्वालिटी के कॉस्मेटिक के इस्तेमाल से, तंबाकू खाने से, बहुत अधिक सिगरेट पीने से या फिर कैफीन की बहुत ज्यादा मात्रा का सेवन करने से होंठ काले हो जाते हैं. कई बार ये हॉर्मोनल इम्बैलेंस की वजह से भी हो सकता है.वैसे तो बाजार में ऐसे कई उपाय मौजूद हैं जिनसे काले होंठों का रंग ठीक किया जा सकता है लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं. अच्छी बात यह है कि इनके इस्तेमाल से किसी प्रकार के साइडइफेक्ट का खतराभी नहीं रहता है.1. नींबू
नींबू का इस्तेमाल अक्सर काले घेरों को दूर करने के लिए किया जाता है. आप इसका इस्तेमाल होंठों के कालेपन को दूर करने के लिए भी कर सकती हैं. नींबू के ब्लीचिंग गुण होंठों के गहरी हो रही रंगत को कम करने में बहुत कारगर होते हैं. अच्छा रहेगा, अगर आप नींबू की कुछ बूंदों को अपने होंठों पर लगाकर सो जाएं. एक-दो महीने तक यह ऐसा करते रहने से होंठों का कालापन दूर हो जाएगा.2. गुलाब
गुलाब में तीन खास औषधीय गुण पाए जाते हैं. ये राहत देने, ठंडक देने और मॉइश्चराइज करने का काम करता है. गुलाब की पंखुडि़यां होंठों के कालेपन को दूर करके उन्हें गुलाबी बनाती हैं. गुलाब जल की कुछ बूंदों को शहद में मिलाकर होंठों पर लगाने से फायदा होता है.

3. जैतून का तेल
जैतून का तेल भी आपके गहरे होंठों को हल्का बनाने में कारगर साबित हो सकता है. जैतून के तेल की कुछ बूंदों को उंगलियों पर लगाकर, प्रभावित जगह पर हल्की मसाज करें. ऐसा करने से होंठ मुलायम भी बनते हैं.

4. चीनी
होंठों की डेड स्किन हट जाने से भी कालापन दूर होता है. चीनी को मिक्सर में पीस ले और इसमें कुछ मात्रा में मक्खन मिलाकर होंठों पर लगाएं. हफ्ते में एक बार ऐसा करने से होंठ कोमल मुलायम हो जाएंगे और उनका गहरापन भी कम होगा.

5. अनार
होंठों की देखभाल के लिए अनार से बढ़कर कुछ भी नहीं. ये होंठों को पोषित करने के साथ ही मॉइश्चराइज करने का काम भी करता है. होंठों की नमी लौटाने के साथ ही अनार उन्हें नेचुरली गुलाबी भी करता है. अनार के कुछ दानों को पीस कर उसमें थोड़ा सा दूध और गुलाब जल मिला लें. इस पेस्ट को होंठों पर हल्के हाथ से मलने पर जल्दी फायदा होता है.

6. चुकंदर
चुकंदर में नेचुरल ब्लीचिंग का गुण होता है, जिससे ये होंठों के कालेपन को दूर करने का काम करता है और साथ ही इसका नेचुरल लाल रंग होंठों को गुलाबी भी बनाता है. चुकंदर का रस या पेस्‍ट रात के समय होंठों पर लगाएं. रात भर इसे यूं ही रहने दें और अगली सुबह साफ कर दें.

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कटहल खाने के 7 अनूठे फायदे.

कटहल की मसालेदार सब्जी किसी के भी मुंह में पानी ला सकती है. ये दुनिया के सबसे बड़े फलों में से एक है. कटहल का इस्तेमाल न केवल सब्जी बनाने में बल्क‍ि अचार, पकौड़े और कोफ्ता बनाने में भी किया जाता है. पका कटहल भी काफी पसंद किया जाता है.

कटहल में ढ़ेरों ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर की कई आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, थायमीन, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन और जिंक प्रचुर मात्रा में होता है.

इन सबके अलावा इसमें भरपूर फाइबर होता है. अच्छी बात ये है कि इसमें कैलोरी नहीं होती है. ऐसे में ये हार्ट से जुड़ी कई बीमारियों में भी फायेमंद है.

1. कटहल में पाया जाने वाला पोटैशियम हार्ट से जुड़ी बीमारियों से सुरक्षित रखता है. उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए ये बहुत ही फायदेमंद है.

2. ये आयरन का एक अच्छा सोर्स है जिसकी वजह से एनीमिया से बचाव होता है. साथ ही इसके प्रयोग से ब्लड सर्कुलेशन भी नियंत्रित रहता है.

3. अस्थमा के इलाज में भी ये एक कारगर औषधि की तरह काम करता है. कच्चे कटहल को पानी में उबालकर छान लें. जब ये पानी ठंडा हो जाए तो इसे पी लें. नियमित रूप से ऐसा करने से अस्थमा की समस्या में फायदा होता है.

4. इसमें पाए जाने वाले कई खनिज हार्मोन्स को भी नियंत्रित करते हैं.

5. कटहल में मैग्नीशियम भी पर्याप्त मात्रा में होता है. जिसकी वजह से हड्डियां भी स्वस्थ और मजबूत रहती हैं.

6. कटहल में पाए जाने वाले विटामिन सी की वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनी रहती है.

7. कटहल का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें भरपूर रेशे होते हैं. जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाए रखते हैं.

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चेहरे पर बर्फ लगाने के फायदे आपको चौंका देंगे.

 

आपने भी अक्सर लोगों को ये कहते सुना होगा कि चेहरे पर चमक लानी है तो बर्फ लगाओ. हो सकता है आपने कुछ लोगों को ऐसा करते हुए देखा भी हो.

कम ही लोगों का पता होगा कि चेहरे पर बर्फ लगाने से डार्क सर्कल दूर हो जाते हैं और चेहरा हमेशा तरोताजा बना रहता है. अगर आपको बहुत अधिक मेकअप लगाना पसंद नहीं है तो आपको नियमित रूप से बर्फ का इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसा करने से चेहरा हमेशा फ्रेश बना रहता है.

साथ ही ये दाग-धब्बों को भी दूर करता है. बर्फ केवल एक ही जगह अप्लाई नहीं करें. बर्फ को पूरे चेहरे पर घुमाना जरूरी है. साथ ही इसे गर्दन भी लगाएं.

हालांकि बर्फ को अप्लाई करने के दौरान इस बात का ध्यान हमेशा रखें कि आपकी त्वचा सीधे बर्फ के संपर्क में न आए. अगर ऐसा होता है तो बहुत अधिक ठंड से त्वचा लाल हो सकती है. एक मुलायम कपड़े में बर्फ को लपेट लें. एक खास बात और, अगर आपको कहीं लंबे वक्त के लिए जाना है और आप चाहते हैं कि आपका मेकअप ज्यादा वक्त तक टिका रहे रहे तो मेकअप करने से पहले बर्फ अप्लाई कर लें. बर्फ अप्लाई करने के बाद चेहरे को मुलायम कपड़े से सुखा लें और इसके बाद मेकअप लगाएं.

ऐसा मेकअप लंबे समय तक बना रहता है. चेहरे पर बर्फ लगाने से चेहरा सौम्य और शीतल बना रहता है. साथ ही ये सनबर्न में भी राहत देता है. अगर आप टैनिंग की समस्या से जूझ रहे हैं तो भी ये एक कारगर उपाय हो सकता है. दिनभर में एकबार भी ऐसा कर लेना फायदेमंद होगा.

अगर आपको थ्र‍ेडिंग कराने में बहुत दर्द होता है तो भी आप बर्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं. थ्रेडिंग कराने से पहले आईब्रो के ऊपर और आस-पास बर्फ मल लें. पानी को हल्के से साफ करने के बाद थ्रेडिंग कराएं. आपको पहले की तुलना में बहुत कम दर्द होगा. साथ ही थ्रेडिंग या वैक्स‍िंग कराने के बाद लाल पड़ चुकी त्वचा पर भी बर्फ मलना फायदेमंद होता है.

ग्लोइंग फेस के लिए
चेहरे पर बर्फ लगाने से ब्लड-सर्कुलेशन बढ़ जाता है जिससे चेहरे पर चमक आती है. साथ ही ये रिंकल और बढ़ती उम्र के निशान कम करने में भी मददगार होता है. अगर आपको और बेहतर परिणाम चाहिए तो आप फ्रूट जूस को आइस क्यूब ट्रे में डालकर जमा लीजिए और फिर उसे चेहरे पर अप्लाई कीजिए.

डार्क सर्कल के लिए
आंखों के नीचे के काले घेरों को दूर करने के लिए तरह-तरह के उत्पाद बाजार में मौजूद हैं. पर आप चाहें तो बर्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये कारगर होने के साथ ही सुरक्षित भी हैं. अगर आपको बेहतर परिणाम चाहिए तो आप खीरे के रस और गुलाब जल को आइस क्यूब ट्रे में डालकर जमा सकते हैं. इसके इस्तेमाल से डार्क सर्कल की समस्या बहुत जल्दी दूर हो जाएगी.

मुंहासे दूर करने के लिए
चेहरे पर लाल निशान आते ही उस पर बर्फ अप्लाई कर सकते हैं. अगर आपको और बेहतर परिणाम चाहिए तो आप नीम या पुदीने की पत्त‍ियों को उबालकर उस पानी को आइस क्यूब ट्रे में डालकर जमा सकते हैं. इससे मुंहासे बढ़ेंगे नहीं और चेहरा भी साफ हो जाएगा.

बेदाग त्वचा के लिए
आइस फेशियल त्वचा को न केवल ग्लो देता है बल्क‍ि बेदाग भी बनाता है. ये बेहद आसान और कारगर है.

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श्वेतदाग ~ leucoderma …….

चाहे कितनी भी पुरानी समस्‍या होगी ~ 101 % समाधान होगा :-

@ * सोमराजी घृत :-
* देशी घी गाय का :- 800 ग्राम
* परवल की जड़ :- 40 ग्राम
* खैर की छाल :- 650 ग्राम
* बावची :- 300 ग्राम ( 150 ग्राम + 150 ग्राम 2 जगह कर लें )
* जवासा :- 40 ग्राम
* भृंगराज :- 40 ग्राम
* कुटकी :- 40 ग्राम
* गूग्‍गल :- 80 ग्राम

* – देशी घी गाय का ले – गाय मां का ना मिले तो विश्वास वाली जगहा से भैंस का घी ले !
* – खैर ( Acacia Catechu ) यह छाल सभी जड़ी बूटी वालो से आसानी से मिल जाती है !
* – बावची – यह काले रंग के बीज हैं जो सभी जड़ी बूटी वालों के यहाँ से मिल जाते हैं !
* – परवल की जड़ मिल जाए तो बहुत अच्छा नहीं तो इसके पत्ते मिल जाते हैं वह प्रयोग करे ! ( यह स्‍बजी बनाने के काम आती है हरी परवल )
* – भृंगराज – कुटकी व जवासा भी आसानी से पंसारी या जडी बूटी बेचने वालों के मिल जाते हैं !
* – गूग्‍गुल – यह एक पेड़ का गोंद होता है जो 2 तरह का आता है – एक साधारण गुग्‍गुल दूसरा शुद्ध किया हुआ गुग्‍गुल !
इसमें प्रयोग के लिये साधारण गुग्‍गुल ( जो शुद्ध ना किया हो ) ही प्रयोग करना है – यह चिपचिपा सा होता है – इसलिए इसे 2 दिन धूप मे रख कर सूखा ले – फिर कूट कर प्रयोग करे !

@ बनाने की विधि :-
* – 650 ग्राम खैर की छाल व 150 ग्राम बावची को मोटा कूट रख ले !
* – 150 ग्राम बावची + भृंगराज + परवल + जवासे को बारीक पीस ले !
* – गूगल के छोटे टुकड़े बना ले !
650 ग्राम खैर की छाल + 150 ग्राम बावची को 6.500 ( साढे छह ) लीटर पानी मे धीमी आग पर पकाए । जब लगभग 1.500 ( डेढ़ ) लीटर पानी रह जाए तब छान ले – ठंडा होने पर जो बचा हुआ अंश है उसे भी कपड़े मे से निचोड़ यह काढ़ा साफ बर्तन मे 1 रात के लिए रख ले !
सुबह ऊपर का साफ पानी निथार ले ! जो अंश नीचे बैठ जाए उसे छोड़ दे !
एक पीतल की कली की हुई कड़ाही ( ना मिले तो लौहे की कड़ाही ) मे 800 ग्राम देशी घी व 1.500 किलो काढ़ा व बाकी बारीक पीसा हुआ पाउडर व गूगल के टुकड़े मिलाकर धीमी आग पर पकाए !
बीच बीच कड़छी से हिलाते रहे – कुछ समय बाद कड़ाही मे नीचे काला काला चिपचिपा अंश दिखाई देगा !
लोहे की सलाई या झाडू की 1 सिंख पर रुई लपेट इसे कडाही के घी में हल्‍का सा डूबो इस घी लगी रुई को आग पर जलाए – यदि चटर चटर की आवाज आए तो समझे अभी पकाना बाकी है – यदि बिना किसी आवाज के रुई जल जाए तो आग बंद कर दे ! ( मतबल जब लगभग सारा पानी जल जाए और केवल घी रह जाए तो आग बंद कर दे ! ) !
( * ध्यान रहे घी पकाते समय मिश्रण पूरी तरह न जले ! जब तली मे शहद जैसा गाढ़ा बच जाए तब आग बंद करके घी को अलग कर ले ! )
उसके बाद कड़ाही के हल्का ठंडा होने पर ध्यान से घी को एक सूखे बर्तन मे निकाल ले !
घी अलग करते समय बर्तन मे जरा सा काले रंग का काढ़ा भी आ जाता है ! इसलिए बर्तन से घी को एक चौड़े मुंह की काँच की शीशी मे डाल ले !
@ प्रयोग विधि :- यह घी लगाने व खाने मे प्रयोग करे – जिसको रोग कम हो उसे 1 समय व जिसे रोग अधिक हो उसे सुबह नाश्ते के बाद व रात को सोने से पहले प्रयोग करे !
* मात्रा :- 10 ग्राम व्‍यस्‍क (छोटे बच्चो को भी दे सकते हैं कम मात्रा मे ) !
* इसको लगाने से कुछ दिन बाद दाग का रंग बदलने लगता है !
* यदि इसको लगाने से यदि जलन हो तो बीच बीच मे इसका प्रयोग बंद कर – उस समय नारियल का तेल लगाए – बाद मे जब जलन शांत हो जाये फिर दवा लगाना शुरू कर दे !
* दाग पर दवाई लगा ऊपर किसी भी पेड़ का पत्ता रख कर बांधने से जल्दी लाभ होता है !
* किसी किसी को इस दवाई के लगभग 20 दिन के प्रयोग के बाद शरीर मे जलन व गर्मी महसूस होने लगती है – तब इसे बीच मे बन्द कर दे !
* इस दवाई सेवन के दौरान नारियल खाने व नारियल का पानी पीने से जलन नहीं होती !
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$$$ !!! श्वेतदाग ~ leucoderma !!!! $$$

@ खत्‍म करने के और भी हर्बल नुस्‍खे …

@ – लगाने की दवाई :- सफ़ेद दाग मे लगाने की दवाइयाँ प्रायः जलन पैदा करती हैं – परंतु यह दवाई बिलकुल भी जलन पैदा नहीं करती – खाने की दवाइयों के साथ लगाने के लिए यह प्रयोग करे !
यदि किसी कि आँख के पास या अन्य किसी कोमल अंग पर सफ़ेद दाग हो तब यह जरूर प्रयोग करें !
यह भी बहुत सफल दवाई है !

• सरसों का तेल 250 ग्राम ( कच्ची घानी का अधिक लाभदायक है )
• हल्दी ( साबुत हल्दी ले )
• यदि कच्ची हल्दी मिल जाए जो आधिक गुणकारी है तो वह 1 किलो ले !
• यदि कच्ची हल्दी ना मिले तो सुखी साबुत हल्दी 500 ग्राम ले !
ध्यान दे कि साबुत सुखी हल्दी मे घुन ना लगा हो !

$ बनाने का तरीका :-
• 1 किलो कच्ची या गीली हल्दी – या 500 ग्राम सुखी साबुत हल्दी को मोटा मोटा कूट ले !
• इसे 4 किलो पानी मे उबाले !
• जब 1 किलो पानी बचे तब छान कर इस हल्दी के पानी को रख ले !
• एक लौहे कि कड़ाही ले जिसमे 4 किलो पानी आ सके !
• इसमे 250 ग्राम सरसों का तेल व 1 किलो हल्दी का पानी मिला धीमी आग पर पकाए !
• जब हल्दी का पानी खत्म हो जाए व कड़ाही मे नीचे कीचड़ सा बच जाए तब आग बंद कर दे !
• ठंडा होने पर तेल को सावधानी से अलग कर ले !
• यदि आप अधिक प्रभावशाली दवाई बनाना चाहते हैं तो इस तेल मे 3 बार 1 – 1 किलो हल्दी का पानी मिलाकर पकाए !
यह तेल लगाने पर धीरे धीरे सफ़ेद दाग को खत्म कर देता है – साथ मे खाने की दवाई भी जरूर खाए !
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@ – सरल प्रयोग :- बावची का 1 दाना सुबह पानी से खाली पेट ले – अगले दिन 2 दाने ले – इसी तरह 1 – 1 दाना हर दिन बढ़ाते हुए 21 दानों तक ले जायें !
फिर 1 – 1 कम करते हुए 1 दाने पर ले आए !
दोबारा बढ़ाते हुए 1 से 21 तक व 21 से 1 तक ले आए !
यह प्रयोग 3 – 4 बार करने से सफ़ेद दाग ठीक हो जाते हैं !
इस प्रयोग से कभी कभी बीच मे गर्मी लगने लगे तो आगे ना बढ़ाए – वहीं से कम करना शुरू कर दे !
नारियल का पानी पीने व नारियल की गिरि खाने से गर्मी लगने कि समस्या कम हो जाती है !
* अधिक लाभ के लिए रात को 2 कप पानी मे 2 चम्मच आंवला चूर्ण डाल – सुबह छान कर इस पानी से बावची के दाने ले तो गर्मी नहीं लगती !
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@ – 100 ग्राम तिल व 100 ग्राम बावची मिला बारीक कूट ले – 1 चम्मच रोजाना सुबह पानी से ले !
बीच मे यदि गर्मी लगे तो कुछ दिन बंद कर दे – फिर दोबारा शुरू कर दे !
इससे भी सफ़ेद दाग ठीक हो जाते हैं !
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@ – बावची 100 ग्राम व चित्रक्मूल 100 ग्राम ले – मोटा मोटा कूट ले !
रात को 2 चम्मच यह मिश्रण + 1 कप पानी + 2 कप दूध में उबाले ! जब केवल दूध बच जाए – तब छान कर दहि जमा दे – इस दहि मे ½ कप पानी मिला लस्सी बना, इसमे नमक या चीनी बिना मिलाए एेसे ही प्रतिदिन पिए !
कभी कभी इसमे से मक्खन निकाल कर उस मक्खन को सफ़ेद दागों पर लगाए व लस्सी पी ले !
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@ – स्वामी रामदेव का कायाकल्प तेल या किसी दूसरी कम्पनी का मरीच्यादी तेल ले – सफ़ेद दाग पर लगाने से पहले उसे सूखे कपड़े से रगड़ लें !
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@ – कृष्ण गोपाल आयुर्वेद भवन कालेड़ा (राजस्थान) या गुरुकुल काँगड़ी का
“ पञ्चनिम्ब चूर्ण PANCHNIMBA CHURNA ” भी चमत्कारी लाभ करता है !
½ से 1 चम्मच सुबह शाम ले – इससे भी बहुत अधिक लाभ होता है !
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@ – 100 ग्राम बावची को लाकर साफ करके कूट इसमे खैर व विजयसार का काढ़ा डाल कर धूप मे सुखाए – काढ़ा इतना ही डालें कि 1 दिन मे सुख जाए !
इस तरह कम से कम 10 दिन रोजाना काढ़ा डाल कर धूप मे सुखाए !
यदि इस तरह 21 बार काढ़ा डालकर सूखा ले तो ओर अधिक अच्छा रहेगा !
उसके बाद इस बावची को बारीक पीस – ½ चम्मच इस बावची पाउडर को सुबह शाम आंवले के पानी से ले – बहुत जल्दी लाभ होता है !

* ( खैर – विजयसार का काढ़ा बनाने की विधि :- जड़ी बूटी वाले से 250 ग्राम खैर की छाल व 250 ग्राम विजयसार की लकड़ी ले कूट कर मिला ले ! 50 ग्राम इस मिश्रण को 400 ग्राम पानी मे धीमी आग पर पकाए – जब लगभग 100 ग्राम पानी रह जाए तब छान ले – ठंडा होने पर जो बचा हुआ अंश है उसे कपड़े मे से निचोड़ ले – यह काढ़ा साफ बर्तन मे 1 रात के लिए रख ले – सुबह ऊपर का साफ पानी निथार ले – जो अंश नीचे बैठ जाए उसे छोड़ दे !
यह काढ़ा प्रतिदिन ताजा बनाए !
* ( आंवले का पानी बनाने की विधि :- रात को 2 कप पानी मे 2 चम्मच आंवला चूर्ण डाल सुबह छान कर इस पानी का प्रयोग करे ! )

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मोटापा कम करना चाहते हैं ……….. ? तो आजमाएं ये उपाय …….. !!!
@ यकीन मानिए मोटापा गायब हो जाएगा ………… चंद दिनों में …….. !!!
$ जबरदस्त घरेलू हर्बल नुस्खे ……. चंद दिनों में गायब हो जाएगा मोटापा !!!

@ नींबू रस 25 ग्राम + करेले का रस 15 ग्राम + 2 चम्‍मच शहद मिलाकर नियमित सेवन करने से चर्बी खत्म होने लगती है !

@ सुबह खाली पेट लगभग 200 ग्राम सेब और गाजर को बराबर मात्रा में कद्दूकस करके खाएं ! …. इसे खाने के बाद दो घंटे तक कुछ भी न खाएं !

@ अजवायन 20 ग्राम + सेंधानमक 20 ग्राम + जीरा 20 ग्राम + कालीमिर्च 20 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह खाली पेट छाछ के साथ पीएं ! …. इससे शरीर की अधिक चर्बी नष्ट होती है !

@ पेट की चर्बी को हटाने के लिए शहद और ईसबगोल :-
1 चम्मच शहद में 1 चम्मच ईसबगोल ( कलर्ड और फ्लेवर्ड ना हो ) को एक गिलास हलके गर्म पानी में मिला रोज़ाना सुबहा सेवन करे !
ईसबगोल के रोजाना सेवन करने से कोलेस्ट्राल नियंत्रित होता है – शरीर में अधिक चर्बी नहीं बनती !
पेट की चर्बी को ख़त्म करने का नायाब नुस्खा है !

@ लंच व डिनर के आधा घँटे बाद आधा चम्मच पाचक चूर्ण पानी के साथ लें :-
( पाचक चूर्ण इसे आप बनाये इस प्रकार — छोटी हरड ( Black Color wali ) + बहेडा + आँवला + सोंठ + पीपर + कालीमिर्च + कालानमक ये सब 20 – 20 ग्राम ~ असली हींग 2 ग्राम सब कूट पीस कर रख लें पाचक चूर्ण तैयार है ! )

@ मोटापा कम करने का सबसे कारगर तरीका :-
एक किलो नींबू और 250 ग्राम अजवायन लो !
नींबू का रस एक बर्तन में निकाल लो और सारी अजवायन उस में ङाल दो कम से कम 8 घटे के लिए भिगो कर रखे – जिससे अजवायन सारा निम्‍बू रस सोख लेगी – उसके बाद आजवायन को छांव व हवादार जगह में रख सुखाने के बाद उसे पिस कर चूर्ण बना ले !
रोज सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ 1 टी स्‍पून सेवन करें !
एक महीने में कम से कम 5 किलो वजन जरूर कम होगा !

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अरारोट पाउडर …. !

यह एक तरह का हर्बल पाउडर जो सदियों से स्वास्थ्य लाभ के लिए इस्तेमाल होता आ रहा है !
यह शरीर में होने वाले दर्द से भी राहत दिलाता है !

* यह कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से बना बना होता है – इस में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और पोटेशियम – कैल्शियम – जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी पाये जाते हैं !

* यही नहीं आरारोट में फाइबर भी पाया जाता है जिसकी वजह से यह किसी भी खाद्य पदार्थ को गाढ़ा कर देता है ! यह बच्चों के लिये बनाये जाने वाले बहुत से खाद्य पदार्थों में डाला जाता है !

$ अरारोट के स्वास्थ लाभ :-

* वजन कम करने में सहायक :-
इसमें अमीलोपेक्टिन और अमीलोसे नामक दो स्टार्च पाये जाते हैं जो कैलोरी में कम और प्रोटीन में ज्यादा होते हैं !
यह उसनके लिए बहुत लाभदायक है जो अपना वजन कम करना चाहते हैं !
एक अरारोट के फल से प्राप्त हुए स्टार्च में 65 कैलोरी होती हैं !

* नवजात शिशुओं और गर्भवती माताओं के लिए अच्छा :-
अरारोट के पाउडर में फोलेट पाया जाता है जो नवजात शिशु के लिए बेहद अच्छा होता है – क्योंकि यह नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है !
जो महिलाएं माँ बनने वाली हैं वो अरारोट खाये तो यह भ्रूण के विकास में भी मदद करता है !

* पाचन तंत्र को सुधारे अरारोट :-
पाचन क्रिया को सुधारने में बहुत कारगार है – यह पाचन क्रिया को आसान कर पूरे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और दस्त से बचाता है !
इसमें ग्लूटेन यानि लस नहीं होता है जिसकी वजह से पाचन तंत्र से संबंधित एलर्जी से छुटकारा मिलता है !

* घाव भरने में मदद करे :-
अरारोट का सबसे बड़ा फ़ायदा है कि यह घाव भरने में मदद करता है !
अरारोट के पाउडर को घाव पर अच्छे से लगाने से घाव जल्दी भरता है !
यही नहीं अगर आपके मसूढ़ों से खून आता है तो इससे सुबह मंजन किया करें !

* दिल स्वस्थ रखे अरारोट :-
दिल के लिए काफी फायदेमंद है – इसमें पोटेशियम की उच्च मात्रा होती है !
यह रक्तचाप को सामान्य रखता है और रक्त के प्रवाह को अच्छा रखता है !

* यू टी आई :- ( यूरनेरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन )
अक्सर एलोपैथिक दवा के उपयोग करने के बाद भी यह बीमारी वापस आ जाती है !
अरारोट का पाउडर इसमें काफी फ़ायदा करता है – इसे कुछ कुछ दिनों के अंतराल पर खाने से यह बीमारी ठीक हो सकती है !

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करोगे ये काम ~ मिलेगा कमर दर्द में आराम !

* सुबह सूर्योदय के समय 2 – 3 मील लंबी सैर पर जाने वालों को कमर दर्द कभी नही होता !

* अजवाइन को तवे के ऊपर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें तथा ठंडा होने पर धीरे – धीरे चबाते हुए निगल जाएं !
लगातार 7 दिनों तक यह प्रयोग किया जाए तो आठवे दिन से कमर दर्द में 100 फीसदी लाभ होता है !

* जहाँ दर्द होता होता है हो वहाँ 5 मिनट तक गरम सेंक और दो मिनट ठंडा सेंक देने से तत्काल लाभ पहुंचता है !

* आधा किलो कददूकश किये नारीयल को 2 किलो दूध में उबाल लें – उबलने के बाद यह खोये जैसा बन जाये तब इसमें मिश्री या खाण्‍ड मिला लें !
1 – 1 चम्‍मच सुबह शाम खाली पेट सेवन करें ! कमर दर्द में आराम मिलेगा !

** सोँठ + विधारा + मिठी सुरंजान 50 – 50 ग्राम ले – कुटपीस कर मिला – किसी ढक्‍कनदार बर्तन में रख लें !
1 – 1 चम्‍मच सुबह शाम दुध या गुनगुने पानी से सेवन करें !
इसके साथ पंचामृतलौह गुग्गुल + महायोगराज गुग्गुल 2 – 2 गोली पानी से सुबह और शाम – भोजन के बाद लें !

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इसबगोल ……….. ! फायदे और साइड इफेक्‍ट ……… !

बहुत ही पौष्टिक उत्पाद ….. इसबगोल !

$ मात्रा वयस्कों के लिए :-
7 से 10 ग्राम या 4 से 6 चम्मच के बराबर इसबगोल दिन में एक से तीन बार पानी या अन्य किसी जूस के साथ लेना चाहिए – सेवन से पहले इसे पूरी रात पानी में फुला लें !

इसबगोल का आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण स्थान है ~ यह अपने लैक्सटिव- कूलिंग और डाइयूरेटिक गुणों के कारण जाना जाता है !

$* क्या है इसबगोल :-
इसबगोल को अंग्रेजी में सिलीअम हस्क कहते हैं – इसबगोल दरअसल प्लांटागो ओवाटा नामक एक पौधे का बीज होता है – इसकी पत्तियां हू – ब – हू एलोवेरा की तरह होती हैं !
पौधे में गेंहू की तरह बालीयां होती हैं जिसमें इसबगोल का बीज पाया जाता है !

* आमतौर पर इसे कब्जियत में काफी कारगर माना जाता है !
* कब्जियत में क्यों प्रभावी होता है इसबगोल …. ! कैसे करता है काम …..?
इसबगोल में कुदरती तौर पर एक चिपचिपा पदार्थ पाया जाता है – इसे पानी में डुबाने के बाद यह फूल जाता है और एक जेल का निर्माण करता है – यह जेल स्वादहीन और गंधहीन होता है !
अपने लैक्सटिव गुण के कारण यह आंत को साफ करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है !
यह किसी भी अन्य पोषक तत्व को सोंखता नहीं है क्योंकि इस पर किसी भी डायजेस्टिव एंजाइम का कोई असर नहीं होता !
इसके अलावा यह आंत में मौजूद बैक्टीरीआ और दूसरे नुकसानदेह टाॅक्सिन को भी सोंख लेता है – साथ ही यह आंत की परत पर चिकनाहट भी लाता है !

@* कब्जियत दूर करे :-
इसबगोल में नेचुरल लैक्सटिव गुण पाया जाता है और यह फाइबर से भरपूर होता है – इसमें मिलने वाला जेलाटिन नेचुरल बोअल मूवमेंट में मदद करता है !
* कैसे करे सेवन :-
इसबगोल को पानी में 5 से 6 घंटे तक फुला लें – रात को सोने से पहले आप इसे गुनगुने दूध के साथ ले सकते हैं !

@* डायरिया का प्राकृतिक उपचार :-
इसबगोल में पाए जाने वाले प्राकृतिक तत्व कब्जियत के साथ – साथ डायरिया से भी राहत पहुंचाता है – अगर आप डायरिया से पीडि़त हैं तो इसे दही के साथ मिला कर लें !
* कैसे करे सेवन :-
चार चम्मच इसबगोल को आठ चम्मच ताजा दही के साथ मिला लें और भोजन के बाद खाएं !
अच्छे परिणाम के लिए दिन में दो बार इसका सेवन करें !

@* एसिडिटी से दिलाए राहत :-
यह पेट में एक सुरक्षा कवच तैयार करता है जो डायजेस्टिव एडिस के अत्याधिक स्राव को कम करता है – साथ ही यह पेट में मौजूद एडिस के प्रभाव को निष्क्रय भी करता है !
* कैसे करें सेवन :-
इसबगोल को ठंडे पानी के साथ भोजन के बाद लें !

@* कोलोन को करे साफ :-
इसबगोल की प्रकृति हाइग्रोस्कोपिक होती है !
कोलोन में जाने के बाद यह एएमए नामक नुकसानदायक टाॅक्सिन को सोंख लेता है !
इससे आप कई तरह की स्वास्थ संबंधी समस्याओं से निजात पा सकते हैं !
* कैसे करें सेवन :-
महीने में 3 से 4 दिन सोने से पहले इसे गुनगुने पानी के साथ लें !

@* वजन घटाने में मददगार :-
इसकी मदद से आप खाने की इच्छा को नियंत्रित कर सकते हैं – चूंकि यह कोलोन को साफ रखता है – ऐसे में यह भोजन के पाचन में भी मददगार साबित होता है !
* कैसे करें सेवन :-
इसबगोल को पानी में मिलाकर मिक्सचर तैयार कर लें और इसमें नींबू का रस मिला दें !
सुबह खाली पेट इसका सेवन करें !

@* दिल की बीमारी को रोके :-
इसबगोल फाइबर से युक्त होता है – चूंकि इसकी प्रकृति हाइग्रोस्कोपिक होती है – इसलिए यह कोलेस्टरोल को एब्जाॅर्ब करता है !
यह पेट और आंत पर टाॅक्सिन व तैलीय पदार्थ के अत्याधिक जमाव को रोकता है !
साथ ही यह भोजन के फैट को एब्जॉर्ब होने से भी रोकता है !
* कैसे करें सेवन :-
दिन में दो बार भोजन के तुरंत बाद इसबगोल का सेवन करें !

@* पाचन को बढ़ाए :-
फाइबर के कारण यह पाचन में मदद करता है – यह पेट में मौजूद टाॅक्सिन को साफ करता है और आंत में भोजन के मूवमेंट को भी बढ़ाता है !
* कैसे करें सेवन :-
पाचन को बढ़ाने के लिए इसबगोल को बटरमिल्क के साथ भोजन के ठीक बाद लें

@* मधुमेह को करे नियंत्रित :-
इसबगोल में प्राकृतिक जेलाटिन पदार्थ पाया जाता है जो शरीर में ग्लूकोज के एब्जाॅर्ब्शन और इसके टूटने को धीमा करता है – यानी यह ग्लूकोज के सेवन को कम करने के साथ ही मधुमेह को नियंत्रित करता है !
* कैसे करें सेवन :-
पानी के साथ भोजन के तुरंत बाद लें !

@* बवासीर से दिलाए निजात :-
इसबगोल में मौजूद लैक्सटिव गुण नेचुरल बोअल मूवमेंट में मददगार होता है – इसमें उच्च मात्रा में घुलनशील व अघुलनशील फाइबर पाया जाता है जिससे यह बवासीर में राहत दिलाता है !
* कैसे करें सेवन :-
रात को सोने से पहले पानी के साथ इसबगोल का सेवन करें – ऐसा तब तक करें जब तक आपकी स्थिति में सुधार न हो जाए !

@$ कैसे खरीदें :-
आमतौर पर यह हर दुकान में मिल जाएगा !
* इसबगोल कैप्सुल कभी न खरीदें !
** बिना किसी फ्लेवर वाला प्राकृतिक इसबगोल ही खरीदें !
*** बाजार से किसी भरोसेमंद ब्रांड का ही इसबगोल खरीदें !
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@@$ इसबगोल के साइड इफैक्ट :-

* इसबगोल से कोई गंभीर एलर्जिक रिएक्शन शायद ही कभी होता है – साइड इफैक्ट के मामले में यह काफी सुरक्षित माना जाता है !
* इसका अत्याधिक सेवन कभी न करें !
हमेशा इसका सेवन पानी में भिगाे कर ही करें !
* वैसे इससे एलर्जिक रिएक्शन नहीं होता है – पर ऐसा हो तो तुरंत डॉक्‍टर से सलाह लें !
* अगर आपको कभी एपेंडिक्स या पेट में ब्लॉकेज की समस्या रही थी तो डॉक्टर से परामर्श के बिना इसका सेवन कभी न करें !
* गर्भावस्था के दौरान :- इसबगोल का गर्भावस्था के दौरान सेवन सुरक्षित माना जाता है फिर वी इसके लिए एक बार डॉक्टर से जरूर परामर्श ले लें !

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सिरके के ऐसे उपयोग …. जो आपने कभी नहीं सोचे होंगे … !

सिरके में एक नहीं अनके गुण छिपे हैं – इसके इतने फायदे हैं कि जो बहुत कम लोगों को पता होंगे – किचन से लेकर खूबसूरती तक सिरके का उपयोग किया जा सकता है !
* सिरका पाचक होने के साथ – साथ भूख भी बढ़ाता है !
* सब्जियों को काटकर कुछ देर सिरका मिले पानी में भिगोकर रख दें तो उन पर से कीटनाशक का असर लगभग समाप्त हो जाएगा !
* पनीर को ज्यादा समय तक ताजा रखना है तो पानी में दो चम्मच सिरका डालकर इसमें पनीर रखें !
* जिन व्यंजनों में आप नींबू का रस प्रयोग करती हैं, उन में थोड़ा सिरका मिलाकर देखें – समोसा – कचौरी – मठरी आदि बनाने के लिए उसके मैदे में एक चम्मच सिरका डालकर गूंथें – ये खस्ता बनेंगे व तेल भी नहीं पिएंगे !
* आलू उबालते समय अगर थोड़ा – सा सिरका डाल दिया जाए तो आलुओं का रंग सफेद बना रहता है !
* सिरके से हाथ साफ करने से हर तरह के दाग दूर हो जाते हैं !
* आधा कप दही में कुछ बूंदें सिरका मिलाकर दस मिनट तक पैरों पर लगा रहने दें फिर पैर गर्म पानी से धो लें !
* शैंपू से धुले बालों को सिरका का रस मिले पानी से धोएं – यह एक बेहतरीन कंडीशनर है !
* कालीन की धूल – मिट्टी साफ करने के लिए उसे सिरके से भीगे कपड़े से साफ करें !
* सफेद सिरके से फ्रिज का भीतरी भाग साफ करने से फफूंदी नहीं लगती !
* थर्मस की दुर्गंध दूर करने के लिए उसमें 1 कप सिरका डाल रख दें – 1 घंटे बाद धो लें !
@ मोटापा कम करने में कारगर है सिरका :- सेब के रस वाले सिरके से रक्त शर्करा के नियन्त्रित होने के कारण यह वजन कम करने में सहायक है क्योंकि इन्सुलिन मुक्त शर्करा को वसा के रूप में संचित नहीं कर पाएगी !

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नींबू पानी …. ?

* नींबू पानी पीना सेहत के लिए लाभकारी है !
इसे पीने से विटामिन सी – पोटेशियम और फाइबर मिलता है !

* लेकिन ध्यान रखें ….. फायदों के चक्कर में ज्यादा न पीएं …
वरना हो सकते हैं ये साइड इफेक्ट …

* सीने में जलन की समस्या हो सकती है !

* एसीडिटी की समस्या है – तो नींबू पानी बिलकुल न पीएं !

* डीहाइड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है !
हद से ज्यादा नींबू पानी पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है !
नींबू पानी पीने से बार बार पेशाब आती है जिससे डीहाइड्रेशन हो सकता है !

* दांतों की समस्या भी होने लगती है दांतों में ठंडा – गरम महसूस होने लगता है !
नींबू में सिट्रस एसिड होता है, जिसकी वजह से दांत संवेदनशील हो जाते हैं !
यही कारण है कि नींबू पानी स्ट्रॉ लगाकर पीना चाहिए !

* नींबू में एसिडिक लेवल के अलावा उसमें ऑक्सलेट भी होता है !
जिसकी ज्यादा मात्रा से क्रिस्टल बन सकता है – इससे किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है !

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कितना वी और कैसा वी भयंकर कमर दर्द हो ….
व@ स्लिप डिस्क का इलाज …. !सब से पहले ग्वार पाठा ( एलोवेरा ) ले, इसका शोधन करें !@ शोधन की विधि :- ग्वार पाठा का शोधन !

* एक पात्र में गोबर के कण्डे ( छाण – जो अक्सर गाँवों में गोबर सुखा जलाने के लिए बनाये जाते हैं ) की राख बिछा ले – उस पर ग्वार पाठे को रख दे और इसके ऊपर भी राख बिछा दे !

* 4 से 6 घंटे रखने के बाद पानी से धो ले – इस प्रकार ग्वार पाठे का शोधन हो जाता हैं !

@ शोधन के बाद इसका छिलका उतार ले और गुद्दा को कुचल कर बारीक कर ले अब इस में अंदाज़ से आटा मिला ले और इसको देसी घी में भून कर खांड मिला कर हलवा बना ले !

* हलवा के 20 – 20 ग्राम के लड्डू बना 1 लड्डू का रोजाना सुबहा सुबहा खाली पेट भोग लगा ले !

* ज़रूरत अनुसार तीन से चार हफ्ते तक खाए !

* इससे भयंकर से भयंकर कमर दर्द व स्लिप डिस्क में आराम मिलता हैं !

$ ग्वार पाठे के उपयोग से शीघ्र पतन के रोगियों को भी बहुत फायदा होता हैं !

* ग्वार पाठा काफी गर्म प्रवृति का होता हैं जिन लोगो को अधिक गर्मी की समस्या हो वो ये प्रयोग न करे !

* ग्वार पाठे के लिए ज़रूरी हैं कि इसको ऐसी जगह से लिया जाए जहाँ पर सफाई हो और प्रदुषण से मुक्त स्थान हो, क्यूंकि इसमें एक गन होता हैं जो अपने आस पास की सारी गंदगी को खींच लेता हैं जो इस में समाई रहती हैं ! जैसे माहोल से इसको लिया जाएगा वैसा ही ये शुद्ध और अशुद्ध होगा.

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बबूल :-

बबूल कफ और पित्त का नाश करने वाला है !
इसका गोंद पित्त और वात का नाश करने वाला होता है – यह जलन को दूर करने वाला – घाव को भरने वाला – रक्तशोधक है !
बूल की पत्‍तियां – गोंद और छाल – सभी चीज़ें बड़ी ही काम की हैं !

@ आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो बबूल आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है … !

$ बबूल के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और प्रयोग :-
* डायरिया :-
बबूल के अलग अलग भाग डायरिया को दूर करने में मदद करते हैं !
बबूल की ताजी पत्‍तियों को सफेद और काले जीरे के साथ पीस कर 12 ग्राम दिन में तीन बार खाने से डायरिया ठीक हो जाता है !
इसी तरह से इसकी छाल से बना काढा दिन में 3 बार पीने से फायदा होता है !

* दांतों की परेशानी :-
रोजाना बबूल की छाल को दातून बना कर चबाने से लाभ मिलता है – इससे मसूड़ों की सड़न और खून आना दूर होता है – इससे गंदे दांतों को भी साफ किया जा सकता है !
दांतों को साफ करने के लिये 60 ग्राम बबूल का कोयला + 24 ग्राम रोस्‍ट की हुई फिटकिरी और 12 ग्राम काला नमक मिक्‍स कर के मंजन करें !

* एक्‍जिमा :-
25 ग्राम बबूल की छाल और आम की छाल को 1 लीटर पानी में उबाल कर एक्‍जिमा वाले भाग की भाप से सिकाई करें – सिकाई के बाद उस भाग पर बाद में घी लगा लें !
इसके अलावा बबूल के पत्‍तों को पीस कर एक्‍जिमा वाली त्‍वचा पर लगाने से भी बीमारी में लाभ मिलता है !

* टॉन्‍सिल :-
बबूल की छाल का गरम काढा बनाइये और उसमें काला नमक मिला कर गरारा कीजिये !
इससे टॉन्सिल तुरंत ही ठीक होगा !

* कंजक्‍टिवाइटिस :-
रात को सोने से पहले कंजक्‍टिवाइटिस वाली आंखों पर बबूल के ताजे पत्‍ते पीस कर लगाएं और इसे किसी साफ कपड़े से बांध दें – दूसरी सुबह आंखों से दर्द और लालिमा चली जाएगी !

* आंखों से पानी आना :-
250 ग्राम बबूल की पत्‍तियों को पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी एक चौथाई ना हो जाए !
फिर इस पानी को एक साफ बोतल में भर कर रख लें _ इससे आंखों की पलको को सुबह – शाम धोएं !

* लिकोरिया :-
बबूल इस रोग को ठीक करने के लिये बबूल की छाल का प्रयोग किया जाता है – बबूल की छाल का काढा प्रयोग करें !

* खांसी में लाभकारी :-
बबूल की मुलायम पत्‍तियों को पानी में उबाल कर दिन में तीन बार पीने से खांसी और सीने का दर्द ठीक होता है – चाहें तो बबूल के गोंद को मुंह में रख कर चूस भी सकते हैं !

* चोट लगने या जलने पर :- घाव – जलने या चोट लगने पर बबूल की पत्‍तियों को पीस कर लगाएं !.

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प्रेग्नेंसी के बाद बढ़े हुए वजन को करें …. कम और रहें फिट !!!

डिलिवरी के बाद ज्यादातर महिलाएं अपनी फिगर को लेकर परेशान रहती हैं !
एकदम से बढ़े हुए वजन और साथ ही कमर पर पड़े हुए स्ट्रेच मॉर्क्स को दूर करने के लिए वो तमाम तरह के उपायों को अपनाती हैं जिसका सीधा असर उनके सेहत पर पड़ने लगता है और साथ ही बच्चे के ऊपर भी …. !
सही जानकारी और सही तरीके से की जाने वाली एक्सरसाइज इन सभी परेशानियों को दूर करती है !
वजन कम करने की शुरूआत खानपान से करें फिर एक्सरसाइज की ओर बढ़े !

@ डिलिवरी के बाद झटपट फिट होने के तरीके …. !

$ वजन कम करने के लिए क्या खाएं …. ?
* फाइबर :-
अंकुरित अनाज में कैलोरी बहुत कम होती है – साथ ही ये डाइजेशन को सही रखने का काम करते हैं !
इसके लिए फलों – दालों को छिल्कों सहित बनाएं !
* प्रोटीन :-
प्रोटीन से भरपूर चीजों को खाने में शामिल करें – कार्बोहाइड्रेट और वसा की मात्रा कम करके बढ़े हुए मोटापे को आसानी से कम किया जा सकता है !
* हरी पत्तेदार सब्जियां :-
इनमें आयरन मौजूद होता है – जो ब्लड की कमी नहीं होने देता !
प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को उन चीजों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए जिनसे बॉडी को आयरन मिलता हो !
इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही आंखों की रोशनी के लिए भी फायदेमंद होते हैं – ब्रेस्ट कैंसर व लंग्स कैंसर की रोकथाम में भी कारगर हैं !
* अंकुरित अनाज :-
अंकुरित अनाज में बहुत ज्यादा प्रोटीन मौजूद होते हैं जो शरीर को मजबूत रखने के साथ ही उन्हें कई सारी बीमारियों से भी बचाते हैं – इनमें एंटी-ऑक्सीडैंट व विटामिन ए,बी,सी भरपूर मात्रा में होते हैं !
* डेयरी उत्‍पाद :-
डेयरी प्रोडक्ट्स में शामिल पनीर को कच्चा खाने के साथ ही सब्जी बनाकर भी खाएं !
इसमें मौजूद मिनरल्स – कैल्शियम और फास्फोरस – बोन्स को मजबूती प्रदान करते हैं साथ ही दांतों के इनैमल के लिए भी रक्षा करते हैं !
* फल :-
फलों में पपीते का सेवन ज्यादा से ज्यादा मात्रा में करें क्योंकि इसमें विटामिन ए, बी, सी और डी, प्रोटीन तथा बीटा कैरोटिन जैसे तत्त्व पाए जाते हैं जो वजन कम करने में मददगार होते हैं !

$ डिलिवरी के बाद की जाने वाली एक्सरसाइज :-
* एक्सरसाइज का सही समय :-
नॉर्मल डिलिवरी के 6 हफ्तों के बाद आराम से एक्सरसाइज शुरू किया जा सकता है और अगर डिलिवरी सिजेरियन हुई हो तो कम से कम 3 महीनों के बाद एक्सरसाइज के बारे में सोचें … !
किसी भी एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें !
डिलिवरी के समय लगभग हर महिला का वजन 9 किलोग्राम से 11 किलोग्राम तक बढ़ता ही है !
हेल्दी खाने के चक्कर में खाई जाने वाली चीजें ज्यादातर ऑयली और कैलोरी युक्त होती हैं !
बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए डाइटिंग का सहारा बिल्कुल भी न लें !

@ एक्सरसाइज टिप्स :-
ज्यादा थकाने वाली एक्सरसाइज करने से बचें !
धीरे- धीरे एक्सरसाइज करने के वक्त को बढ़ाएं !
हैवी पीरियड्स होने पर एक्सरसाइज अवॉयड करें !
टोनिंग – ब्रीदिंग जैसी एक्सरसाइज से शुरूआत करें !
ऐसी एक्सरसाइज भी न करें जिस से शरीर में खिंचाव या दर्द महसूस हो !
सबसे अच्छी एक्सरसाइज वॉक है – सुबह या शाम, जब भी वक्त मिले पैदल टहलें – इससे बॉडी का मूवमेंट होगा जिससे उसकी अकड़न खत्म होगी !

@ पेट की ऐक्सरसाइज :-
पेट के एक्स्ट्रा फैट को दूर करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़ लें !
पेट पर दोनों हाथ क्रौस की मुद्रा में रखें – फिर सिर को उठाएं – गहरी सांस लेते हुए धीरे – धीरे छोड़ें !
नाव जैसी मुद्रा बनाएं … !
* ध्यान रहें ज्यादा देर तक इस एक्सरसाइज को न करें !

@ केगेल ऐक्सरसाइज :-
डिलिवरी के बाद अक्सर हंसते या खांसते समय यूरिन पास होने लगता है !
इस समस्या से निपटने के लिए केगेल ऐक्सरसाइज का सहारा लें !
यह ढीली हो चुकी मसल्स को मजबूती देता है !

$ मॉर्निंग वॉक :-
फिटनेस के साथ ही चेहरे की चमक को बरकरार रखने के लिए रोजाना कुछ देर वॉक करें !
कोलेस्ट्रॉल कम होने के हार्ट अटैक का का खतरा भी कम होता है – हड्डियां मजबूत होती है और साथ ही डाइजेशन भी सही रहता है !

$ डिलिवरी के बाद सेवन की जाने वाली आयुर्वेद औषधीयां :-
* प्रसव ( Delivery ) के बाद जरुर सेवन करेँ :-
डिलेवरी के बाद प्रतापलंकेश्वर रस 2 गोली + शोथारी लौह 2 गोली पानी से कम से कम से कम 2 महिने तक लेने से पेट का वजन नहीँ बढ़ता है – शरीर के अन्दर दुषित रक्त सब बाहर निकल जाता है
प्रतापलंकेश्वर आयुर्वेद का अनमोल एंटीबायटिक दवा है इसका मुकाबला कोई एलोपैथिक दवा नहीँ कर सकती है – शोथारी लौह पेट का आकार बढ़ने नहीँ देता !
इसके साथ मेँ दशमुल क्वाथ 3 चम्मच – 3 चम्मच पानी में मिला सेवन करे !

* मालती की जड़ को पीस उसे शहद में मिलाएं और उसे छाछ के साथ पीएं ! प्रसव के बाद बढ़ने वाले मोटापे में यह रामवाण की तरह काम करता है और कमर की चौड़ाई कम हो जाती है !

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25 Amazing Benefits And Uses Of Jackfruit.

Uses Of Jackfruit

Jackfruit is a sweet, delicious and exotic fruit that is packed with many nutrients and benefits. Jackfruit is known as the jack of all fruits. It is a rich source of vitamin, minerals, phytonutrients, carbohydrate, electrolytes, fiber, fat and protein. This fruit also contains calorie but no cholesterol or saturated fats. Consume jackfruit for the best taste, nutrition and its many health benefits.

 

 

Amazing Jackfruit Benefits:

1. Fights wrinkles:

Dip jackfruit seed in some cold milk for a minute. Grind this well and apply gently on the wrinkles. This can reduce wrinkles in just about 6 weeks. Use regularly for best results.

2. Helps to get a glowing complexion:

You can consume jackfruit seeds directly to prevent constipation. This fibre rich fruit also detoxifies your system to add a glowing complexion.

3. Flawless skin:

Jackfruit seed can give you flawless skin. Soak some dry seed with milk and honey. Grind them into a fine paste and apply on your face. Let it dry, and then wash off to reveal flawless skin in just few minutes.

4. High in protein:

Jackfruit seeds contain a good amount of protein. This can be added to different dishes that you prepare. You can also replace lentils in your daily diet with jackfruit seeds!

5. Promotes hair growth:

Jackfruit seeds can aid in healthy blood circulation that is vital for good hair growth.

6. Vitamin A:

Jackfruit seeds contain vitamin A that is an essential vitamin for healthy hair and to prevent dryness and brittle hair.

7. Immunity:

Jackfruit is a great source of Vitamin C and antioxidants, which can strengthen your immune system. A strong immune system can protect the body from many common diseases such as cough, cold and flu.

8. Energy:

Jackfruit is loaded with carbohydrate and calorie. This is a rich source of simple sugar like fructose and sucrose that gives instant energy. The fruit contains zero cholesterol that makes it a safe and healthy food.

9. Prevents cancer:

Jackfruit has antioxidants, phytonutrients and flavonoid that provide protection from cancer. Antioxidants in jackfruit protect the body from free radicals. Free radicals are produced due to oxidative stress in the body. This damages the DNA of your cell and produces cancer cell. But, antioxidants can neutralize these free radicals to protect DNA from free radicals damage. Jackfruit also provides protection against colon, lung and oral cavity cancer.

10. Maintains blood pressure:

Jackfruit has potassium that maintains the sodium level in the body. Good level of potassium helps to maintain the fluid level to balance electrolyte. Hence, it is useful to reduce high blood pressure, stroke and heart attack.

11. Improves digestion:

Jackfruit is a rich source of dietary fiber that makes it a bulk laxative. This helps to improve digestion and prevents constipation.

12. Prevents colon cancer:

Jackfruit is high in dietary fats that cleanse the toxins from the colon. Hence, it reduces the toxin effects in the colon and gives protection from colon cancer.

Antioxidants in jackfruit protects from cancer, ageing and degenerative disease.

13. Improves eyesight:

Rich antioxidant content in jackfruit increases eye vision and provides protection against cataract and macular degeneration. Jackfruit also contains vitamin A that is a vital nutrient for eye health.

14. Skin health and ageing:

Many natural factors such as increase in age, menopause, and low nutrition cause the body to age. Pollution, UV radiation and smoke also promote ageing process at an early age. Antioxidants present in jackfruit can destroy the free radicals in the body to slow down the ageing process.

15. Asthma:

Jackfruit provides relief to people suffering from asthma. Asthma is a respiratory disorder affecting a number of people today.

16. Bone health:

Jackfruit contains calcium, which strengthens and promotes healthy bone. This can also prevent osteoporosis. Jackfruit also contains good level of potassium, which can decrease the loss of calcium through the kidney and increase bone density.

17. Anemia:

Jackfruit comes loaded with Vitamin A, C, E, K, Niacin, Vitamin B6, Folate, Pantothenic acid, Copper, Manganese and Magnesium that are required for blood formation. This also increases your body’s capacity to absorb iron, thus preventing and curing anemia.

18. Cold and infections:

Vitamin C supplements are known to prevent cold and infections. One cup of jackfruit can give your body a good amount of this antioxidant, strengthening your immune system.

19. Regulates blood sugar levels:

High blood sugar level can be caused due to manganese deficiency in the body. Jackfruit has a rich amount of this nutrient and thus helps regulate blood sugar levels in the body.

20. Prevents bone loss:

Jackfruit is rich in magnesium that helps build and strengthen your bones. People who consume potassium and magnesium rich food have higher bone density and stronger bones.

21. Keeps thyroid healthy:

Copper is vital for thyroid metabolism, especially for hormone production and absorption. Jackfruit is filled with this potent micro mineral and keeps your metabolism rate healthy.

22. Supports bowel regularity:

Jackfruit has high a fiber content that can give relief and prevention from constipation.

23. Helps prevent night blindness:

Jackfruit can be very good for your eyes. This ‘jack of all fruits’ contain a good amount of vitamin A and can prevent night blindness.

24. Lowers risk of heart disease:

Jackfruit is very heart-friendly. Vitamin B6 present in the fruit helps to reduce homocystein levels in your blood and keeps your heart hale and hearty!

25. Ulcers:

Jackfruit has strong anti-ulcerative properties that can cure ulcers and many other digestive system disorders.

USDA Nutrition Chart Of Jackfruit:

Principle

Nutrient Value

Percentage of RDA

Energy 95 Kcal 5%
Carbohydrates 23.5 g 18%
Protein 1.72 g 3%
Total Fat 0.64 g 3%
Cholesterol 0 mg 0%
Dietary Fiber 1.5 g 4%

Vitamins

Folates 24 µg 6%
Niacin 0.920 mg 6%
Pyridoxine 0.329 mg 25%
Riboflavin 0.055 mg 4%
Thiamin 0.105 mg 9%
Vitamin A 110 IU 3.5%
Vitamin C 13.7 mg 23%
Vitamin E 0.34 mg 2%

Electrolytes

Sodium 3 mg 0%
Potassium 303 mg 6.5%

Minerals

Calcium 34 mg 3.4%
Iron 0.60 mg 7.5%
Magnesium 37 mg 9%
Manganese 0.197 mg 8.5%
Phosphorus 36 mg 5%
Phosphorus 21 mg 3%
Selenium 0.6 mg 1%
Zinc 0.42 mg 4%

Phyto-nutrients

Carotene-ß 61 µg
Crypto-xanthin-ß 5 µg
Lutein-zeaxanthin 157 µg

With so many benefits, jackfruit definitely deserves a place of honour in your diet! So, eat jackfruit and enjoy its health benefits!

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शुगर (diabetes) का इलाज  !

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भारत में 5 करोड़ 70 लाख से ज्यादा लोगों को डाइबटीज है और 3 करोड़ से ज्यादा को हो जाएगी अगले कुछ सालों में (सरकार ऐसा कह रही है ) , हर 2 मिनट में एक आदमी डाइबटीज से मर जाता हैं !और complications बहुत है !

किसी की किडनी खराब हो रही है ,किसी का लीवर खराब हो रहा है , किसी को paralisis हो रहा है किसी को brain stroke हो रहा है ,किसी को heart attack आ रहा है ! कुल मिलकर complications
बहुत है diabetes के !!

मधुमेह या चीनी की बीमारी एक खतरनाक रोग है। रक्त ग्लूकोज (blood sugar level ) स्तर बढा़ हूँआ मिलता है, यह रोग मरीजों के (रक्त मे गंदा कोलेस्ट्रॉल,) के अवयव के बढने के कारण होता है। इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है।

भोजन पेट में जाकर एक प्रकार के ईंधन में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते हैं। यह एक प्रकार की शर्करा होती है। ग्लूकोज हमारे रक्त धारा में मिलता है और शरीर की लाखों कोशिकाओं में पहुंचता है। pancreas (अग्न्याशय) ग्लूकोज उत्पन्न करता है इनसुलिन भी रक्तधारा में मिलता है और कोशिकाओं तक जाता है।

मधुमेह बीमारी का असली कारण जब तक आप लोग नही समझेगे आपकी मधुमेह कभी भी ठीक नही हो सकती है जब आपके रक्त में वसा (गंदे कोलेस्ट्रोल) की मात्रा बढ जाती है तब रक्त में मोजूद कोलेस्ट्रोल कोशिकाओ के चारों तरफ चिपक जाता है !और खून में मोजूद जो इन्सुलिन है कोशिकाओं तक नही पहुँच पाता है (इंसुलिन की मात्रा तो पर्याप्त होती है किन्तु इससे द्वारो को खोला नहीं जा सकता है, अर्थात पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है)

वो इन्सुलिन शरीर के किसी भी काम में नही आता है जिस कारण जब हम शुगर level चैक करते हैं शरीर में हमेशा शुगर का स्तर हमेशा ही बढा हुआ होता है क्यूंकि वो कोशिकाओ तक नहीं पहुंची जबकि जब हम बाहर से इन्सुलिन लेते है तब वो इन्सुलिन नया-नया होता है तो वह कोशिकाओं के अन्दर पहुँच जाता है !

अब आप समझ गये होगे कि मधुमेह का रिश्ता कोलेस्ट्रोल से है न कि शुगर से

जब सम्भोग के समय पति पत्नी आपस में नही बना कर रख पाते है या सम्भोग के समय बहुत तकलीफ होती है समझ जाइये मधुमेह हो चूका है या होने वाला है क्योकि जिस आदमी को मधुमेह होने वाला हो उसे सम्भोग के समय बहुत तकलीफ होती है क्योकि मधुमेह से पहले जो बिमारी आती वो है सेक्स में प्रोब्लम होना, मधुमेह रोग में शुरू में तो भूख बहुत लगती है। लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है। शरीर सुखने लगता है, कब्ज की शिकायत रहने लगती है। बार बार बहुत अधिक प्यास लगती है अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती है और रोगी का वजन कम होता जाता है। शरीर में कहीं भी जख्मध्घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता।

तो ऐसी स्थिति मे हम क्या करें ??
राजीव भाई की एक छोटी सी सलाह है कि आप insulin पर ज्यादा निर्भर ना रहें ! क्यूंकि ये insulin डाईब्टीज से भी ज्यादा खराब है side effect इसके बहुत हैं !! तो आप ये आयुर्वेद की दवा का फार्मूला लिखिये !
और जरूर इस्तेमाल करें !!

100 ग्राम (मेथी का दाना )ले ले इसे धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !

100 ग्राम (तेज पत्ता ) लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !

150 ग्राम (जामुन की गुठली )लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !

250 ग्राम (बेलपत्र के पत्ते ) लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
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तो

मेथी का दना – 100 ग्राम
तेज पत्ता ——- 100 ग्राम
जामुन की गुठली -150 ग्राम
बेलपत्र के पत्ते – 250 ग्राम

तो इन सबका पाउडर बनाकर इन सबको एक दूसरे मे मिला लें ! बस दवा तैयार है !!
इसे सुबह -शाम (खाली पेट ) 1 से डेड चम्मच से खाना खाने से एक घण्टा पहले गरम पानी के साथ लें !!
2 से 3 महीने लगातार इसका सेवन करें !! (सुबह उठे पेट साफ करने के बाद ले लीजिये )

कई बार लोगो से सीधा पाउडर लिया नहीं जाता ! तो उसके लिए क्या करें ??
आधे से आधा गिलास पानी को गर्म करे उसमे पाउडर मिलाकर अच्छे से हिलाएँ !! वो सिरप की तरह बन जाएगा ! उसे आप आसानी से एक दम पी सकते है ! उसके बाद एक आधा गिलास अकेला गर्म पानी पी लीजिये !!

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अगर आप इसके साथ एक और काम करे तो सोने पे सुहागा हो जाएगा ! और ये दवा का असर बहुत ही जल्दी होगा !! जैसा कि आप जानते है शरीर की सभी बीमारियाँ वात,पित ,और कफ के बिगड़ने से होती हैं !! दुनिया मे सिर्फ दो ही ओषधियाँ है जो इन तीनों के सतर को बराबर रखती है !!

एक है गौ मूत्र , दूसरी है त्रिफला चूर्ण !!

अब आप ठहरे अँग्रेजी मानसिकता के लोग ! गौ मूत्र का नाम सुनते ही आपकी नाक चढ़ गई होगी !!
और हमारी मजबूरी ये है कि आपको गौ मूत्र का महत्व बताना हो तो हमको अमेरिका का उदाहरण देना पड़ेगा !

क्यूंकि अंग्रेज़ मेकोले के बनाए indian education system मे पढ़ कर आपकी बुद्धि ऐसी हो गई है कि
आपको सिर्फ अमेरिका(अंग्रेज़ो ) द्वारा किये गए काम मे ही विश्वास होता है ! आपको कहीं ना कहीं लगता ये अमरीकी बहुत समझदार जो करते है सोच समझ के करते हैं !!

तो खैर आपकी जानकरी के लिए बता दूँ कि अमेरिका ने गौ मूत्र पर 6 पेटेंट ले लिए हैं !! उसको इसका महत्व समझ आने लगा है !! और हमारे शास्त्रो मे करोड़ो वर्षो पहले से इसका महत्व बताया है ! लेकिन गौ मूत्र का नाम सुनते हमारी नाक चढ़ती है !

खैर जिसको पीना है वो पी सकता है ! गौ मूत्र बिलकुल ताजा पिये सबसे बढ़िया !! बाहरी प्रयोग के लिए जितना पुराना उतना अच्छा है लेकिन पीने के लिए ताजा सबसे बढ़िया !! हमेशा देशी गाय का ही मूत्र पिये (देशी गाय की निशानी जिसकी पीठ पर हम्प होता है ) ! 3 -4 घंटे से अधिक पुराना मूत्र ना पिये !!
और याद रखे गौ मूत्र पीना है अर्क नहीं ! आधे से एक सुबह सुबह कप पिये ! सारी बीमारियाँ दूर !

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अब बात करते हैं त्रिफला चूर्ण की !

त्रिफला अर्थात तीन फल !

कौन से तीन फल !

1) हरड़ (Terminalia chebula)
2) बहेडा (Terminalia bellirica)
3) आंवला (Emblica officinalis)

एक बात याद रखें इनकी मात्रा हमेशा 1:2:3 होनी चाहिए ! 1 अनुपात 2 अनुपात 3 !

बाजार मे जितने भी त्रिफला चूर्ण मिलते है सब मे तीनों की मात्रा बराबर होती है ! बहुत ही कम बीमारियाँ होती है जिसमे त्रिफला बराबर मात्रा मे लेना चाहिए !!
इसलिए आप जब त्रिफला चूर्ण बनवाए तो 1 :2 मे ही बनवाए !!

सबसे पहले हरड़ 100 ग्राम , फिर बहेड़ा 200 ग्राम और अंत आंवला 300 ग्राम !!
इन तीनों को भी एक दूसरे मे मिलकर पाउडर बना लीजिये !! और रात को एक से डेड चमच गर्म पानी के साथ प्रयोग करें !!

सीधा पाउडर लिया नहीं जाता ! तो उसके लिए क्या करें ??
आधे से आधा गिलास पानी को गर्म करे उसमे पाउडर मिलाकर अच्छे से हिलाएँ !! वो सिरप की तरह बन जाएगा ! उसे आप आसानी से एक दम पी सकते है ! उसके बाद एक आधा गिलास अकेला गर्म पानी पी लीजिये !!

सावधानियाँ !!

चीनी का प्रयोग कभी ना करें और जो sugar free गोलियां का तो सोचे भी नहीं !!
गुड़ खाये , फल खाये ! भगवान की बनाई गई को भी मीठी चीजे खा सकते हैं !!
रात का खाना सर्यास्त के पूर्व करना होगा !! मतलब सूर्य अस्त के बाद भोजन ना करें

ऐसी चीजे ज्यादा खाए जिसमे फाइबर हो रेशे ज्यादा हो, High Fiber Low Fat Diet घी तेल वाली डायेट कम हो और फाइबर वाली ज्यादा हो रेशेदार चीजे ज्यादा खाए। सब्जिया में बहुत रेशे है वो खाए, डाल जो छिलके वाली हो वो खाए, मोटा अनाज ज्यादा खाए, फल ऐसी खाए जिनमे रेशा बहुत है ।

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हिचकी (Hicups)
समाधान– काली उड़द की दाल के छिलके का धूम्रपान के रूप में दो तीन बार प्रयोग करने से कैसा भी हिचकी का मर्ज हो ठीक हो जाता है. बहुत गंभीर अवस्था में मर्ज हो तो साथ में मयुरपिच्छिका भस्म 125 mg शहद के साथ दिन में तीन बार लें. रोगी को व्यस्त रहना चाहिए. वातवर्धक खाद्य पदार्थ सेवन न करें.

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 सिद्ध आयुर्वेदिक

नागफनी (थूहर)

थूहर नागफनी(Naagfani), थूहर की एक अन्य प्रजाति है। इसको थापा थूहर और हत्रा थूहर भी कहा जाता है। यह पौधा बहुत ही कंटीला होता है।

संस्कृत में इसे कंथारी, बहुशाला, नागफना, शाखाकंटा तथा वज्रकंटका के नाम से जाना जाता है। यह एक कैक्टेस है जो सूखे बंजर स्थानों में बहुत अच्छे से पनपता है।

अनुकूलन से इसके पत्ते सुई नुमा हो गए है। इससे पौधे से नमी का बहुत कम ह्रास होता है और इसे बहुत ही कम पानी की आवाश्यकता होटी है। आयुर्वेद में इसके उपयोग का कम ही वर्णन मिलता है।

स्थानीय रूप से इस पौधे का उपयोग देश के कई राज्यों में किया जाता है। यह पौधा मेक्सिको का मूल निवासी है और भारत जलवायु के भी बहुत अच्छी तरह ढल गया है।

नागफनी, स्वाद में कड़वी और स्वाभाव में बहुत उष्ण होती है। यह पेट के अफारे को दूर करने वाली, पाचक, मूत्रल, विरेचक होती है।

औषधीय प्रयोग के लिए इसके पूरे पौधे को प्रयोग किया जाता है। कान के सर्द में इसकी १-२ बूँद टपकाने से लाभ होता है। कुक्कर खांसी, में इसके फल को भुन कर खाने से लाभ होता है। इसके फल से बना शरबत पिने से पित्त विकार सही होता है।
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स्थानीय नाम / Synonyms

English: Prickly Pear, Slipper Thorn

Ayurvedic: Naagaphani, Kanthaari

Unani: Naagphani

Siddha/Tamil: Sappathikalli, Nagathali

Madhya Pradesh: Thuar

Hindi: Hathhathoria, Nagphana

Gujrati: Chorhatalo

Kannada: Papaskalli

Malyalam: Palakkalli

Marathi: Chapal

Oriya: Nagophenia

Telugu: Nagajemudu
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नागफनी के औषधीय उपयोग
Medicinal Uses of Nagphani

नागफनी सूजन, कब्ज, निमोनिया, गर्भनिरोधक और कई अन्य रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
इसे आंतरिक और बाह्य दोनों तरह से इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी मामले में, इसे प्रयोग करने से पहले कांटों को हटा देना बहुत ही आवश्यक है।
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निमोनिया
पौधे के छोटे-छोटे टुकड़ों काट, उबाल कर, जो एक्सट्रेक्ट मिलाता है उसे एक दिन में दो बार 2 मिलीलीटर की मात्रा में, पांच दिनों के लिए दिया जाता है।
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सूजन, गठिया, Hydrocele
पौधे का तना लें और कांटा निकाल दें। इसे बीच से फाड़ कर हल्दी और सरसों का तेल डाल कर गर्म करें और प्रभावित जगह पर बाँध लें।
IBS, कोलाइटिस, प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन
फूल का प्रयोग किया जाता है।

कब्ज
बताशे/ चीनी/मिश्री पर लेटेक्स से केवल कुछ बूंदें डाल कर लें।

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హెల్దీ స్నాక్స్‌ తినేయండి…!

ఉదయం వేడివేడిగా టిఫిన్‌ లాగించినా.. మధ్యాహ్నం రెండు మూడు వెరైటీలతో భోజనం చేసినా.. రాత్రికి మూన్‌లైట్‌లో ముచ్చటైన డిన్నర్‌ ఉందని ఇంటి నుంచి కబురందినా.. ఈవినింగ్‌ స్నాక్స్‌ తినకుండా ఉండలేం. కాలక్షేపం కోసం తీసుకునే ఈ స్నాక్స్‌లో కేలరీలు జాస్తిగా ఉంటే సుస్తీ చేయకతప్పదంటున్నారు పోషకాహార నిపుణులు. తక్కువ కేలరీలు ఉండే ఫుడ్‌ తీసుకుంటే ఆరోగ్యానికి మంచిదని చెబుతున్నారు.

ఆఫీస్‌ నుంచి ఇంటికి వస్తుంటేనే.. ఆకలిగా అనిపిస్తుంటుంది. అలాగని ఏ మిర్చి సెంటర్‌ దగ్గరో ఆగిపోయామా..? అంతే సంగతులు. ఇలాంటి సమయంలో ఆకలి నుంచి తొందరగా ఉపశమనం పొందాలంటే పది నుంచి పదిహేను బాదాంపప్పులను తినండి. ఆకలి తీరడంతో పాటు కావాల్సినంత శక్తి వస్తుంది. 15 బాదాం పప్పుల్లో ఉండే కేలరీల సంఖ్య 98 మాత్రమే.

ఆపిల్‌ తినడం వల్ల నిస్సత్తువ ఇట్టే ఎగిరిపోతుంది. లంచ్‌ బాక్స్‌తో పాటు ఓ ఆపిల్‌ కూడా పెట్టుకోండి. ఆఫీస్‌ అయిపోగానే ఓ ఐదు నిమిషాల్లో ఆపిల్‌ ముక్కలు లాగించేసి ఉల్లాసంగా ఇంటికి చేరిపోండి.

పల్లికాయలను మించిన హెల్దీ స్నాక్స్‌ ఉండవు. ఉప్పు వేసిన నీటిలో ఉడికించిన గుప్పెడన్ని పల్లికాయలను తిని చూడండి. రుచితో పాటు ఎనర్జీ కూడా అందుతుంది. వీటిలో కేలరీల సంఖ్య కూడా తక్కువే.

ద్రాక్ష పళ్లు, పుచ్చకాయలు తక్కువ కేలరీలు కలిగి ఎక్కువ శక్తిని అందిస్తాయి. 100 నుంచి 150 గ్రాముల గ్రేప్స్‌ తీసుకోవడం ద్వారా శరీరంలో కొత్త శక్తి పుడుతుంది. పుచ్చకాయ దాహార్తిని తీర్చడమే కాకుండా కొవ్వును కరిగిస్తుంది కూడా.

పళ్లు, పలుకులు తినే మూడ్‌ లేదా..? వేడివేడిగా ఏదైనా తినాలనిపిస్తుందా..? ఆఫీస్‌ క్యాంటీన్‌కి వెళ్లి టొమాటో సూప్‌ ఆర్డర్‌ ఇచ్చేయండి. టేస్టీ టేస్టీ టొమాటో సూప్‌ అప్పటికప్పుడు కాస్త ఆకలి తగ్గిస్తుంది. మీరు ఇంటికి చేరే సరికి ఆకలి పెంచుతుంది. ఒక చిన్న బౌల్‌ టొమాటో సూప్‌లో 74 కేలరీలు మాత్రమే ఉంటాయి.

ఇవేకాకుండా చెర్రీ, బ్లూబెర్రీ, కివీ పళ్లలో తక్కువ కేలరీలు ఉంటాయి. సాయంత్రం వేళ ఇవి తీసుకోవడం వల్ల ఒంటికి ఏ హాని లేకుండా సత్వర శక్తి లభిస్తుంది.

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What Your Nails Are Saying About Your Health.

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Fingernails and disease don’t go together in most minds… but they should. Your fingernails can give you valuable health warnings and signal the presence of serious disease.

Take a good long look at your nails. Hold a hand level with your nose about a foot out from your face and scrutinize each one.

Look at the curves, dips, ridges, and grooves. Check out how thick or thin they are and if your nails are chipped or broken. Make a note of the color of the nail itself, the skin under it, and the skin around the nail.

Check your memory – have your nails always looked like this? Changes to your fingernails and disease onset are linked, so note any new developments. With this fresh view, compare what you see with this list of eight potential fingernail health warnings.

Discolored Nails.

A healthy fingernail should be pink with a touch of pinkish white (moons) near the base. If your nails are a dull color or streaked with other colors, you may have a serious hidden health problem.

-Green nails are a sign of bacterial infection

-Red streaks in your nail bed are a warning of a heart valve infection

-Blueish nails signal low oxygen levels in your blood

-Dull nails mean a vitamin deficiency

-White nails may signal liver disease, such as hepatitis

-Dark stripes at the top (Terry’s nails) are associated with aging and congestive heart failure

Scrub those nails clean and really look at your nail color! Given the “rainbow” of potential health challenges, you want to be sure you see what your fingers are saying.

Thick Nails Thick nails are not natural. You want your nails to be strong, but if they resemble talons or claws more than traditional nails watch out! -Thickened nails that are otherwise normal can signal lung disease -Thick and rough-textured nails can signal a fungal infection -Thick and separated nails may mean thyroid disease or psoriasis -Unusual thickness may also be a symptom of a circulation problem Thickening nails are a change that should tune you in to other health symptoms you may be ignoring. Also watch out for allergic reactions to new medications which can show up as suddenly thick nails!

Split Nails Split nails aren’t just occasionally chipped or shut in doors. Instead, these nails seem to flake away in layers. Don’t blame frequent handwashing or nail polish for everything, especially since: -Split nails result from folic acid, Vitamin C, and protein deficiencies -Split nails combined with a pitted nail bed (base) can signal psoriasis, which begins in nails 10% of the time according to WebMD -Split nails may result from chronic malnutrition

Concave (Spoon) Nails Spoon fingernails signal a number of internal issues. To be considered full spoons, nails will be soft and curve up, forming a dip that is often big enough to hold water. Spoon nails signal: -Iron deficiency (usually from anemia) -Hemachromatosis, a liver disorder where your body absorbs too much iron -Heart disease -Hypothyroidism Your fingernail and health challenges go hand in hand – for many people, clearing up their health issue results in their spoon nails returning back to normal.

Pitted Nails Small dips or holes in your nails can be a result of banging up your hands – or they could be a sign that you need to look more closely at your health. Nail pitting can signal: -Psoriasis -Connective tissue disorder -Alopecia areata, an autoimmune disorder that causes hair loss -Zinc deficiency (when the pit seems to form a line across the middle of your nail) Watch your hand to separate natural dents and dings from real, lasting pits. The first will clear up quickly, but pits linked to disease linger.

Ridges Nails should have smooth surfaces with almost imperceptible lines. Obvious ridge lines are a signal that something is up with your body. Some of the most common conditions associated with heavy ridge lines are: -Iron deficiency -Inflammatory arthritis -Lupus (for red lines at the base of your nails) Don’t just buff away your ridges – hear their warning!

Dry and Brittle Nails You don’t need lotion or cuticle oil. If your nails are dry and brittle, you should check your hormone levels and bacterial health. -Thyroid disease leads to brittle, dry fingernails that crack and split easily -Fungus can make nails dry or even crumbly, affecting 12% of all Americans according to the American Academy of Dermatology Both thyroid and fungal issues take time to treat, so you won’t see a difference in the look of your fingernails for a full growth cycle.

Clubbed Nails If you have plump skin that seems to swell around the nail, or if your nails seem to have puffed around your fingers, they are said to be “clubbed”. Clubbed nails can mean: -Lung disease, especially if you already have trouble breathing -Inflammatory bowel disease -Liver disease -AIDS Your fingernails won’t be the only signs of these diseases, but they can provide confirmation or motivation to seek medical care. Don’t ignore your hands or the health warnings they send. Fingernails and disease are more closely related than you think – check your nails often to protect your health! nails3nails2nails

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Goodness Of Guava

Guava

By Arpana Lotiya:

Guava also known as Amrudh in Hindi is a fruit loved by many for its crunchy taste. When ripe the outer skin is yellow and the flesh is pink in colour. Guava is one of the Diabetic friendly fruit, in fact, it has many health benefits which not everyone is aware of. To shed some light on the qualities of this fruit apart from its taste. Here is some useful information.

Weight Loss: Though guava has some natural sugar but compared to other fruits it is less. Guava helps in balancing your weight and at the same time also provides required, proteins and fiber to your body. It is rich in vitamins, proteins and minerals. Consume raw guava (when hard) it will make you feel full and keeps your weight under check.

Diabetes: Consuming guava can help in controlling diabetes. This fruit carries a high level of dietary fiber which helps to regulate the absorption of sugar by the body. This quality helps in decreasing the chances of major spikes and drops in insulin and glucose in the body.

Eyesight: No this time it’s not the carrot, it’s Guavas which equally helps in improving the eyesight. As this fruit is good in vitamin-A, regular intake of it can improve the vision. It reduces the appearance of cataracts, macular degeneration, and various other issues related to eyes and eyesight.

Relieves a toothache: Not only the fruit carries amazing properties but also the leaves. Guava leaves can help in healing toothaches. It is an effective ingredient possessing anti-inflammatory properties. Crush the leaves and brush with the juice using your finger. It kills germs and fights against infection. The leaves can also be consumed directly, but it is suggested to consult a doctor.

Treats Diarrhoea & dysentery: Guava is rich in astringents. Chew some guava leaves, or eat a raw guava. The astringent level helps to lose bowels, hence reduces the symptoms of diarrhoea. Consumption of this fruit benefits in treating gastroenteritic.

Skin care: Toners, scrubs and facial creams made out of Guavas makes your skin supple and healthy. Massaging with this fruit pulp improves the texture of your skin. This is chiefly due to the abundance of astringents in the fruit (more astringent is present in immature guavas) and in its leaves. As it contains antioxidant qualities, this fruit helps to keep the skin texture tight by providing required amount of Vitamin A, B and C. it also improves the complexion and recovers premature aging and wrinkles.

Most of the times we have a solution which is not only natural but more effective and less damaging (in-case taken in excess). All we need is some information, facts and the acceptance to use it our day to day life.

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बड़े काम की चीज है ये छोटी सी लौंग, जानें फायदे.

लौंग एक ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाने के लिए किया जाता है, बल्कि इस छोटी सी लौंग से कई बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है। साधारण से सर्दी-जुकाम से लेकर कैंसर जैसे गंभीर रोग के ईलाज के लिए लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। आज हम आपको लौंग के फायदों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें जानकर आप कई बीमारियों को लौंग के माध्यम से दूर कर सकते हैं।लौंग का सबसे अहम फायदा है कि लौंग दांतों के दर्द को कुछ मिनटों में ही दूर कर देती है। सिर्फ यही नहीं पांच लौंग एक गिलास पानी में उबाल कर इससे नित्य तीन बार कुल्ले करने से दर्द ठीक हो जाता है। दांतों में होने वाले दर्द में लौंग के इस्तेमाल से निजात मिलती है और यही कारण है कि 99 प्रतिशत टूथपेस्ट में होने वाले पदार्थो की लिस्ट में लौंग खासतौर पर शामिल होती है।खांसी और बदबूदार सांसों के इलाज के लिए भी लौंग बहुत कारगर है। लौंग का नियमित इस्तेमाल इन समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। आप लौंग को अपने खाने में या फिर ऐसे ही सौंफ के साथ खा सकते हैं। साथ ही इससे मुंह की कई अन्य बीमारियां भी दूर रहती है।मसाले के रूप में लौंग का इस्तेमाल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस जैसे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं। इसलिए खाने के वक्त भी लौंग का इस्तेमाल करें जिससे आप छोटी-मोटी बीमारियों से दूर रहेंगे। लौंग अपच, उल्टी गैस्ट्रिक, डायरिया आदि समस्याओं से आराम दिलाने में मददगार हैं।

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6 Amazing Health Benefits Of Cashew Nuts.

Cashew Nuts

Cashew nuts commonly known as Kaju is a delicately flavored snack. It is also used as a popular ingredient in savory dishes worldwide. It is easily available and found in the local markets all year round. The nut is actually a conical shaped seed attached to the lower portion of a fruit known as cashew apple. Cashew is a close relative of pistachio, poison ivy, poison oak and mangoes.In it’s appearance this nut is about one inch long with a smooth, curvy pointed tip. It is soft and white with a delicate creamy surface. When roasted, the nut turns golden brown in color having a buttery texture and a fruity aroma.

Cashew Tree:

Cashew is a tropical evergreen tree belonging to the Anacaradiaceae family. Its scientific name is Anacardium occidentale.
The tree is native to Brazil’s Amazon rain forest and blossoms every year from November to January. Usually growing to a height of 12 meters, the tree can grow in a wide spectrum of climatic regions.

Cultivation:

Cashew nut was first introduced by the Portuguese explorers in the 16th century for the purpose of soil conservation and afforestation. It has now emerged as a major cash crop and is cultivated widely in Brazil, Vietnam, India and other African countries. The cashew tree grows vigorously in the first three years of cultivation.

Cashew Fruit:

Each tree bears numerous edible pear shaped fruits know as the cashew apple. Botanically, this fruit is a drupe having a hard outer shell grey in color. The exterior shell of this fruit has a phenolic caustic skin irritant toxin. While processing, the outer shell is roasted in order to destroy the urushiol resin before it can be consumed.

Nutritional Value:

Cashew is one of the extremely nutritious nuts. This delicate and sweet nut is packed with energy, fiber, antioxidants, minerals, vitamins and phytochemicals. It is rich in minerals like manganese, potassium, iron, copper, zinc, selenium and phosphorus. It also contains B complex vitamins like pantothenic acid, thiamine, pyridoxine, riboflavin and folate. Cashew apple contains five times more vitamin C than most of the citrus fruits. However, Cashew is a high calorie food and each 100 grams serving of cashew provides 553 calories.

Cashew nut oil:

The cold compression method is used to extract oil from Cashew shells. This oil is extremely beneficial for maintaining healthy skin. The high concentration of essential fatty oil helps in retaining moisture of the skin. A rich source of vitamin E cashew nut oil can help prevent the signs of aging like fine lines and wrinkles, if used regularly in body massages.

Health Benefits of Cashew:

Like many other nuts even Cashew nut has a wide list of health benefits. Here, we look at some of the common benefits.

 

1. Dental health:

Researchers have found that the chemicals present in cashew nuts can kill gram positive bacteria and pervasive mouth afflictions that cause tooth decay. It is also believed that moderate consumption of cashew nuts can eliminate the abscessed teeth, although it is not yet proven.

2. Eye health:

Cashew nuts contain small amounts of zea-xanthin an important antioxidant, which gets selectively absorbed into the retinal macula lutea in the eye. This gives our eyes the protective UV ray filtering functions, preventing age related macular degeneration in the elderly.

3. Weight loss:

Cashew nut is a highly fatty food but with good fat and 75% of the fat is unsaturated. Unsaturated fats provide more energy to the body, facilitating the body’s metabolism. This can help one lose weight, only if consumed in moderation.

4. Brain function:

Our brain relies on two types of fats – polyunsaturated and monounsaturated fats for the production of it’s brain cells. Cashew contains both of these fats. It also improves oxygen circulation to the brain, which helps in enhancing one’s memory.

5. Heart health:

Cashews are rich in several mono unsaturated fatty acids like oleic and palmitoleic acid. These essential fatty acids help in lowering of the harmful low-density lipoprotein, while increasing the good cholesterol. Monounsaturated fatty acids can help in reducing the triglyceride levels, preventing coronary artery diseases.

6. Bones:

Magnesium found in cashew nuts promotes healthy bone structure. It also contains calcium that prevents bone mineral density loss.

Safety Profile – Know Your Cashews Before Eating Them:

Anaphylaxis is a common allergy caused by cashew nuts. The reaction may range from breathing difficulty, lower abdomen pain, vomiting, diarrhea to hives. Anaphylaxis is mainly caused due to the chemical compound urushiol present in shells, nuts and cashew apples.

Cashew nuts may cause swelling of the face and other areas of the body.

Other common side effects of excess consumption of cashew nuts is vomiting and diarrhea, which are the body’s natural reaction to get rid of impurities. If left untreated, it can cause dehydration.

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చపాతి తినడం వల్ల కలిగే ఆరోగ్య ప్రయోజనాలు

A.న్యూట్రీషియన్స్ :
గోధుమలు, గోధుమ పిండితో తయారుచేసే రోటీలు వల్ల శరీరానికి విటమిన్స్, మరియు మినిరల్స్ అంటే మెగ్నీషియం, ఫాస్పరస్, పొటాషియం, క్యాల్షియం మరియు ఐరన్ పుష్కలంగా అందుతాయి.
B.మలబద్దకాన్ని నివారిస్తుంది:
గోధుమలతో తయారుచేసి చపాతీల వల్ల మరో గొప్ప ప్రయోజనం. మలబద్దకం నివారించడంలో గ్రేట్ గా సహాయపడుతుంది .
C. క్యాలరీలు:
చపాతీలకు నూనె లేదా బటర్ జోడించకుండా తీసుకుంటే చాలా తక్కువ క్యాలరీలను కలిగి ఉంటుంది,. కాబట్టి ఇది వెయిట్ లాస్ డైట్ కు గ్రేట్ గా సహాయపడుతుంది.
D.ఐరన్:
చపాతీల్లో ఐరన్ అధికంగా ఉంటుంది . రక్తంలో హీమోగ్లోబిన్ లెవల్స్ ను పెంచుతుంది.
E.కార్బోహైడ్రేట్స్:
రోటీల్లో కార్బోహైడ్రేట్స్ అధికంగా ఉంటాయి. దాని వల్ల మన శరీరానికి అవసరం అయ్యే శక్తిని గ్రేట్ గా అందిస్తుంది.
F.జీర్ణక్రియను మెరుగుపరుస్తుంది:
రోటీ చాలా సులభంగా జీర్ణం అవుతుంది . కాబట్టి, అన్నంకు బదులుగా రోటీలను తినడం ఉత్తమం . చపాతీలు తినడం వల్ల ఇది ఒక మేజర్ హెల్త్ బెనిఫిట్.
G. చర్మానికి మేలు చేస్తుంది:
చపాతీలో జింక్ మరియు ఫైబర్ మరియు ఇతర మినిరల్స్ అధికంగా ఉండటంవల్ల ఇది చర్మానికి చాలామేలు చేస్తుంది. చర్మాన్ని హైడ్రేషన్లో ఉంచుతుంది.
H. క్యాన్సర్ నివారిస్తుంది:
రోటీల్లో ఉండే ఫైబర్ కంటెంట్ మరియు సెలీనియం కంటెంట్ కొన్ని రకాల క్యాన్సర్లు నివారిస్తుంది. క్యాన్సర్ బారీన పడకుండా శరీరాన్ని రక్షిస్తుంది.

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वीर्य में शुक्राणुओं की कमी ::
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बच्चा पैदा करने के लिए सिर्फ एक बलशाली शुक्राणु की जरूरत होती है, जो स्त्री के अंडाणु से संयोग कर गर्भ में परिवर्तित होता है। वीर्य में शुक्राणुओं की कमी होने या शुक्राणु कमजोर होने पर बच्चे पैदा करने में परेशानी होती है।
शुक्राणुओं को बढ़ाने व उन्हें बलशाली बनाने के लिए इस प्रकार का प्रयोग करें-
इसके लिए शतावरी, गोखरू, बड़ा बीजबंद, बंशलोचन, कबाब चीनी, कौंच के छिलकारहित बीज, सेमल की छाल, सफेद मुसली, काली मुसली, सालम मिश्री, कमल गट्टा, विदारीकंद, असगन्ध सब 50-50 ग्राम और शक्कर 300 ग्राम, सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर लें।
शक्कर को भी पीसकर महीन कर लें और सभी को मिला लें व तीन बार छान लें, ताकि एक जान हो जाएं। सुबह-शाम एक-एक चम्मच चूर्ण मीठे दूध के साथ 60 दिन तक सेवन करें और इसके बाद वीर्य की जाँच करवाकर देख लें कि शुक्राणुओं में क्या वृद्धि हुई है।
पर्याप्त परिणाम न मिलने तक प्रयोग जारी रखें। यह नुस्खा शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, नपुंसकता आदि बीमारियों में भी लाभ करता है।

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ये घरेलू नुस्खे आजमाएं, सफेद बालों से छुटकारा पाएं!

अक्सर लोग सफेद वालों की समस्या से परेशान रहते हैं, लोग महंगे कलर और कई प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये प्रोडक्ट बॉलों को और खराब करते हैं। हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बता रहे हैं जिससे आपके बाल काले घने हो जाएंगे।

आंवला न केवल आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है बल्कि इनके नियमित उपयोग से सफेद होते बालों की समस्‍या से भी निजात मिलती हैं। आवंले को मेंहदी में मिलाकर इसके घोल से बालों की कंडिशनिंग करें, तो सफेद बालों के लिए काफी लाभकारी है।ये घरेलू नुस्खे आजमाएं, सफेद बालों से छुटकारा पाएं!

काली मिर्च के दानों को पानी में उबालकर उस पानी से बाल धोएं। इसके लंबे समय तक इस्तेमाल से फायदा होगा।

सफेद बालों को अगर आप ब्‍लैक टी या कॉफी के अर्क से धोएंगे तो आपके सफेद होते बाल दोबारा से काले होने लगेगें।

हिना और दही को बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्‍ट बना लें और इस पेस्‍ट को बालों में लगाइये। इस घरेलू उपचार को हफ्ते में एक बार लगाने से ही बाल काले होने लगते हैं।

प्याज आपके सफेद बालों को काला करने में मदद करता है, नहाने से कुछ देर पहले अपने बालों में प्याज का पेस्ट लगायें। इससे आपके सफेद बाल काले होने शुरू हो ही जाएंगे, बालों में  चमक आएगी और साथ ही बालों का गिरना भी रुक जाएगा।

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Best Exercises to Lose That Double Chin.Double chin exercises will help you get rid of that extra fat

Double chin! It’s that much dreaded roll of fat that will make you want to hit the gym immediately. However, many people will find that while general dieting and gymming works well for other parts of their body, it might not be so effective for the double chin. But fear not! For those of you who’ve always wanted to know how to lose the double chin, this article will be looking at five simple exercises that are incredibly effective.

1. Lift your chin:It’s actually as simple as that. By simply lifting your chin, you are able to tone the muscles of your neck, throat and jaw. To do this exercise, all you need to do is stand straight, raise your chin towards the ceiling, and pucker your lips upwards for 10 seconds. Doing this 10 times a day will help you get rid of that double chin.

2. Roll your neck:This is an exercise that you can actually do while on the move. Not only does doing this exercise help tone your neck, but it also helps you get rid of your double chin. All you need to do is stand upright and turn your head to the side in a way that makes your chin parallel to your shoulder. Now, slowly roll your head downward and then to the other side. Repeat this process 10 times to get rid of your double chin. Another added benefit of this exercise is that it helps ease neck and shoulder pain.

3. The jaw release:This is perhaps one of the most effective double chin exercises you can try out. First of all, you need to stand or sit with an erect spine. Then, deeply inhale and slowly exhale through your nose while simultaneously moving your jaws as if you are chewing. Repeat this process up to 10 times a day to see its positive effects.

4. Tongue press:This one is pretty simple to do. With your back straight and shoulders down, tilt your head up and forcefully press your tongue flat to the roof of your mouth. At the same time, lower your chin to your chest as far as possible, without rounding your upper back. Finally, relax your tongue and straighten your neck to return to the starting position. Repeat this routine 40 times to see that double chin go away. Seeing how easy this exercise is, there really can’t be any excuses for you to not try it out.

5. Lift your head:Finally, you can always try head lifts! Start by lying face-up on your bed with your head hanging off of the side. Then, slowly lift and curl your head toward your chest as far as you can. Make sure you keep your shoulders flat on the bed while doing this. Hold for 10 seconds and then slowly relax your neck to return your head to the starting position. Head lifts can ideally be done every day before going to bed.

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पथरी घरेलू उपचार -Stones Home Remedies.

अम्लता (Acidity ) बढ़ जाने पर लवण (Salt ) जमा होता है और ये फिर जमकर पथरी (Calculus) बन जाते है कई दिनों तक मूत्र (Urine ) में जलन होती है जब ध्यान नहीं दिया जाता तो यही स्थिति भयावह हो जाती है –

तेज गर्मी में काम करने से व घूमने से उष्ण प्रकृति के पदार्थों के अति सेवन से मूत्राशय पर गर्मी का प्रभाव हो जाता है, जिससे पेशाब में जलन होती है।

कभी-कभी जोर लगाने पर पेशाब होती है, पेशाब में भारी जलन होती है, ज्यादा जोर लगाने पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पेशाब होती है। इस व्याधि को आयुर्वेद में मूत्र कृच्छ कहा जाता है। लेकिन इसका उपचार है-

घरेलू उपचार (Home remedies ):-

बाजार में मिलने वाला कलमी शोरा (Nitre ) बड़ी इलाइची (Black cardamom ) के दाने इन दोनों को समान मात्रा में चूर्ण करके एक शीशी में भर कर रख ले -मलाई रहित ठंडा दूध व पानी 150 -150 मिलीलीटर दोनों को ले के इस 300 एम एल पानी को बनाया हुआ एक चम्मच चूर्ण फांक कर यही आपस में मिलाया दूध पिए इस प्रकार की तीन खुराक लेनी है सुबह-दोपहर-शाम । दो दिन ये प्रयोग करे आपके पेशाब में पैदा हुई जलन समाप्त हो जाती है ये मुँह के छाले व पित्त सुधरता है। शीतकाल में दूध में कुनकुना पानी मिलाएँ-

मूत्र रोग संबंधी सभी शिकायतों यथा प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से पेशाब का रुक-रुक कर आना-पेशाब का अपने आप निकलना (युरीनरी इनकाण्टीनेन्स)-नपुंसकता, मूत्राशय की पुरानी सूजन आदि में गोखरू 10 ग्राम, जल 150 ग्राम, दूध 250 ग्राम को पकाकर आधा रह जाने पर छानकर नित्य पिलाने से मूत्र मार्ग की सारी विकृतियाँ दूर होती हैं ।

सिर्फ 6 ग्राम पपीते को जड़ को पीसकर 50 ग्राम पानी मिलकर 21 दिन तक प्रातः और सायं पीने से पथरी गल जाती है।

सात दिन तक गौदुग्ध के साथ गोक्षुर पंचांग (Caltrap Almanac ) का सेवन कराने में पथरी टूट-टूट कर शरीर से बाहर चली जाती है । मूत्र के साथ यदि रक्त स्राव भी हो तो गोक्षुर चूर्ण को दूध में उबाल कर मिश्री के साथ पिलाते हैं ।

खाली गोमूत्र के सेवन से भी पथरी टूट कर निकल जाती है-मात्रा 20 मिलीलीटर प्रतिदिन है साथ ही यवक्षार ( जौ की भस्म ) का सेवन करें -मूली और उसकी हरी पत्तियों के साथ सब्जी का सुबह सेवन करें-

मेहंदी की छाल को उबाल कर पीने से पथरी घुल जाती है-

15 दाने बडी इलायची के एक चम्मच, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री, एक कप पानी में मिलाकर सुबह-शाम दो बार पीने से पथरी निकल जाती है।

जितना हो सके पका हुआ जामुन खाए ये पथरी से निजात दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पथरी होने पर पका हुआ जामुन खाना चाहिए।

पथरी की शिकायत है तो प्याज आपके लिए बहुत उपयोगी है। प्याज के रस को sugar में मिलाकर शरबत बनाकर पीने से (stone) की से निजात मिलता है। प्याज का रस सुबह खाली पेट पीने से पथरी अपने-आप कटकर प्यास के रास्ते से बाहर निकल जाती है।इसका सेवन एक दिन में एक बार ही करें।  और प्याज़ के स्वास्थ्य लाभ की पोस्ट नीचे की लिंक पे देखे-

प्याज़ के स्वास्थ्य लाभ – Health Benefits of Onion

सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है। आम के पत्ते छांव में सुखाकर बहुत बारीक पीस लें और आठ ग्राम रोज पानी के साथ लीजिए, फायदा होगा ।

बेल पत्थर (Bell Stone ) को पर जरा सा पानी मिलाकर घिस लें, इसमें एक साबुत काली मिर्च डालकर सुबह काली मिर्च खाएं। दूसरे दिन काली मिर्च दो कर दें और तीसरे दिन तीन ऐसे सात काली मिर्च तक पहुंचे।आठवें दिन से काली मिर्च की संख्या घटानी शुरू कर दें और फिर एक तक आ जाएं। दो सप्ताह के इस प्रयोग से पथरी समाप्त हो जाती है। याद रखें एक बेल पत्थर दो से तीन दिन तक चलेगा।

पित्त की थेली (Gall bladder ) से पथरी निकालने के लिए पहले पांच दिन रोज चार गिलास एप्पल जूस (Apple Juice ) ले और साथ ही चार या पांच सेव खाए फिर छटे दिन डिनर न ले बल्कि इस छटे दिन शाम छ:बजे एक चम्मच सेंधा नमक (Magnesium sulfate ) एक गिलास गर्म पानी से ले फिर दुबारा दो घंटे आठ बजे एक चम्मच सेंधा नमक एक गिलास गर्म पानी से ले फिर रात को दस बजे आधा कप जेतून का तेल (Olive oil )या तिल का तेल (Sesame oil ) आधा कप नीबू ( Lemon juice ) के रस में मिलके पी ले सुबह आपको स्टूल में आपको हरे रंग के पत्थेर दिखेगे-

आजकल किडनी में पथरी पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है-आयुर्वेद व घरेलू चिकित्सा में किडनी की पथरी में कुलथी (Horsegram ) को फायदेमंद माना गया है। गुणों की दृष्टि से कुल्थी पथरी एवं शर्करानाशक (Sugar Destroyer ) है। वात एवं कफ का शमन करती है और शरीर में उसका संचय रोकती है। कुल्थी में पथरी का भेदन तथा मूत्रल दोनों गुण होने से यह पथरी बनने की प्रवृत्ति और पुनरावृत्ति रोकती है। इसके अतिरिक्त यह यकृत व पलीहा के दोष में लाभदायक है। मोटापा भी दूर होता है-

 

बनाए :-

250 ग्राम कुल्थी दाने (Kulthy seeds ) कंकड़-पत्थर निकाल कर साफ कर लें। रात में तीन लिटर पानी में भिगो दें। सवेरे भीगी हुई कुल्थी उसी पानी सहित धीमी आग पर चार घंटे पकाएं। जब एक लिटर पानी रह जाए  तब नीचे उतार लें। फिर तीस ग्राम से पचास ग्राम (पाचन शक्ति के अनुसार) देशी घी का उसमें छोंक लगाएं। छोंक में थोड़ा-सा सेंधा नमक, काली मिर्च, जीरा, हल्दी डाल सकते हैं। पथरी नाशक औषधि तैयार है-

प्रयोग विधि:- 

दिन में कम-से-कम एक बार दोपहर के भोजन के स्थान पर यह सारा सूप पी जाएं। 250 ग्राम पानी अवश्य पिएं। एक-दो सप्ताह में गुर्दे तथा मूत्राशय की पथरी गल कर बिना ऑपरेशन के बाहर आ जाती है कुछ दिन लगातार सेवन करते रहना राहत देता है।

यदि भोजन के बिना कोई व्यक्ति रह न सके तो सूप के साथ एकाध रोटी लेने में कोई हानि नहीं है। गुर्दे में सूजन की स्थिति में जितना पानी पी सकें -पीने से दस दिन में गुर्दे का प्रदाह ठीक होता है। यह कमर-दर्द की भी रामबाण दवा है।

कुल्थी की दाल साधारण दालों की तरह पका कर रोटी के साथ प्रतिदिन खाने से भी पथरी पेशाब के रास्ते टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाती है। यह दाल मज्जा (हड्डियों के अंदर की चिकनाई) बढ़ाने वाली है।

पथरी में क्या खाए (What to eat stones ):-

कुल्थी के अलावा खीरा, तरबूज के बीज, खरबूजे के बीज, चौलाई का साग, मूली, आंवला, अनन्नास, बथुआ, जौ, मूंग की दाल, गोखरु आदि खाएं। कुल्थी के सेवन के साथ दिन में 6 से 8 गिलास सादा पानी पीना, खासकर गुर्दे की बीमारियों में बहुत हितकारी सिद्ध होता है।

पथरी में क्या न खाएं (Do not eat stones ):-

पालक, टमाटर, बैंगन, चावल, उड़द, लेसदार पदार्थ, सूखे मेवे, चॉकलेट, चाय, मद्यपान, मांसाहार आदि। मूत्र को रोकना नहीं चाहिए। लगातार एक घंटे से अधिक एक आसन पर न बैठें।

कुल्थी का पानी भी लाभदायक है :-

कुल्थी का पानी विधिवत लेने से गुर्दे और मूत्रशय की पथरी निकल जाती है और नयी पथरी बनना भी रुक जाता है। किसी साफ सूखे, मुलायम कपड़े से कुल्थी के दानों को साफ कर लें।  किसी पॉलीथिन की थैली में डाल कर किसी टिन में या कांच के मर्तबान में सुरक्षित रख लें।

कुल्थी का पानी बनाने की विधि:- 

किसी कांच के गिलास में 250 ग्राम पानी में 20 ग्राम कुल्थी डाल कर ढक कर रात भर भीगने दें। प्रात: इस पानी को अच्छी तरह मिला कर खाली पेट पी लें। फिर उतना ही नया पानी उसी कुल्थी के गिलास में और डाल दें, जिसे दोपहर में पी लें। दोपहर में कुल्थी का पानी पीने के बाद पुन: उतना ही नया पानी शाम को पीने के लिए डाल दें।

इस प्रकार रात में भिगोई गई कुल्थी का पानी अगले दिन तीन बार सुबह, दोपहर, शाम पीने के बाद उन कुल्थी के दानों को फेंक दें और अगले दिन यही प्रक्रिया अपनाएं। महीने भर इस तरह पानी पीने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी धीरे-धीरे गल कर निकल जाती है।

सहायक उपचार- कुल्थी के पानी के साथ हिमालय ड्रग कंपनी की सिस्टोन की दो गोलियां दिन में 2-3 बार प्रतिदिन लेने से शीघ्र लाभ होता है। कुछ समय तक नियमित सेवन करने से पथरी टूट-टूट कर बाहर निकल जाती है। यह मूत्रमार्ग में पथरी, मूत्र में क्रिस्टल आना, मूत्र में जलन आदि में दी जाती है।

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The Health Benefits of Pumpkin and Its Power to Heal.

Pumpkins: Their vitamin- and nutrient-rich flesh and seeds can improve your love life, promote weight loss, and smooth out your skin.

Look Younger:According to the Mayo Clinic, pumpkins are an amazing source of vitamin A, an anti-aging nutrient that jump-starts your skin’s cell renewal process and increases the production of collagen for smooth, youthful-looking skin.

Lose Weight:A cup of the orange veggie provides a healthy dose of fiber—about three grams—with just 50 calories and no fat. High fiber foods promote satiety; since your body takes longer to digest them, they may encourage you to eat less overall.

Boost Your Sex Life:Pumpkin seeds provide a good dose of zinc (one-quarter cup contains almost 17 percent of your daily need). The mineral appears to play a role in men’s sexual health, including fertility, potency, and sex drive, according to  Discovery Fit and Health.

Improve Prostate Health:In the early twentieth century, people used pumpkin seeds to treat enlarged prostate symptoms, Douglas Schar, DipPhyt, MCPP, toldPrevention magazine. They contain protective compounds called phytosterols, which may help shrink the prostate. Schar recommends men eat about an ounce of pumpkin seeds three times a week.

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మహిళల ఆరోగ్యంపై సర్వే.

మహిళలు నిత్యం అనేక పనుల్లో తలమునకలై ఉంటారు. అటు ఇంటి చాకిరీ, ఇటు వృత్తిపరమైన బాధ్యతల వల్ల ఎక్కువ ఒత్తిడికి గురవుతున్నది మహిళలే అని అనేక పరిశోధనలు వెల్లడించాయి. ఈ ఒత్తిడి వారి మానసిక, శారీరక ఆరోగ్యంపై ప్రభావం చూపిస్తుంది. పర్యవసానంగా హార్మోన్ల ఉత్పత్తిలో లోపాలు, సంతానలేమి, అధిక బరువు, మధుమేహం, గుండె సంబంధిత సమస్యలు స్ర్తీలలో తలెత్తుతున్నాయి. వీటన్నింటికీ చెక్‌ పెట్టాలంటే వారికి మానసిక ప్రశాంతత కావాలి. ధ్యానం మానసిక ప్రశాంతతను చేకూరుస్తుంది. కాబట్టి ధ్యానం చేయడానికి కొంత సమయం కేటాయించమని ఆరోగ్య నిపుణులు సూచిస్తున్నారు.
 భర్తతో పాటు భార్యకూడా ఉద్యోగం చేయాల్సిన పరిస్థితులు మన సమాజంలో ఉన్నాయి. వంటావార్పుతో పాటు పిల్లలను సవరించుకుని ఉద్యోగానికి వెళ్ళడం, తిరిగి గూటికి చేరిన తర్వాత మళ్ళీ ఇంటి పనులు, పిల్లల పనులతో ఒత్తిడికి లోనవుతూ ఉండటం వల్ల తొంభై శాతం మంది మహిళలు ఒత్తిడి కారణంగా వచ్చే జబ్బులతో వైద్యుల వద్దకు వెళుతున్నారని నిపుణులు అంటున్నారు.
 అసలదే పొరపాటు! 
 ఇంట్లో పనులకే అలిసిపోతున్నాం మాకిక ధ్యానం, ప్రాణాయామం, యోగా లాంటివి ఎందుకు? మేము బాగానే ఉన్నాం కదా అని అనుకుంటుంటారు. కానీ పని చేయడం వల్ల శరీరం, మనసు రెండూ తెలియకుండానే అలిసిపోతాయి. నిద్రతో శరీరానికి విశ్రాంతి ఇచ్చినా మనసుని తేలికగా సంతృప్తి పరచలేం. ధ్యానం వల్ల మానసిక శక్తి మాత్రమే కాదు శారీరక శక్తి కూడా వస్తుంది. మనిషి నిరంతరం ఉత్తేజంగా, ఉల్లాసంగా ఉండడానికి ఆయుః ప్రమాణాన్ని పెంచడానికి కూడా ఈ శక్తి ఉపయోగపడుతుంది.
 ధ్యానం జీవితంలో భాగం కావాలి
ఇంటా బయటా ద్విపాత్రాభినయం వల్ల కలిగే ఒత్తిడి కారణంగా చిన్న సమ స్యలు కూడా స్ర్తీలకు పెద్దగా కనిపిస్తాయి. ఈ ఆలోచనలతో మనసు అతలాకుతల మవుతుంది. ఒత్తిడి వల్ల హార్మోన్ల పనితీరు దెబ్బతింటుంది. హార్మోన్స్‌ విడుదల చేసే రసాయనాల ఉత్పత్తి సక్రమంగా లేకపోవడమే మహిళల్లో గైనిక్‌ సమస్య లన్నింటికీ మూలకారణం. మానసిక ఆరోగ్యం లోపించినప్పుడు హార్మోన్స్‌ దెబ్బతింటాయి. దాని ప్రభావం గర్భసంచిపైనే ఎక్కువ. దీని వల్ల పీరియడ్స్‌ సక్రమంగా రావు. అండం సక్రమంగా విడుదల కాదు. గర్భసంచిలో ఫెలోపియన్‌ ట్యూబ్స్‌ ముడుచుకుపోవడం వల్ల స్వేచ్ఛగా అండం విడుదల కాదు. దీంతో గర్భధారణ కష్టం అవుతుంది.
 ఇంట్లో మహిళల ఆరోగ్యం దెబ్బతింటే ఇంటి మొత్తానికి సమస్యలు వస్తాయి. కనుక వారి ఆరోగ్యం పట్ల కుటుంబ సభ్యులు శ్రద్ధ తీసుకోవాలని వైద్యులు సూచిస్తున్నారు. ఇలాంటి సమస్యలు పరిష్కారం కావడానికి ధ్యానం చక్కటి మార్గం అని నిపుణులు అంటున్నారు.
 ధ్యానం జీవితంలో భాగం అవ్వాలి. అయితే ధ్యానం అంటే ఏమిటో, ఎలా చేయాలో చాలామందికి తెలియదు. కళ్లు మూసుకుని కూర్చోవడమే ధ్యానం అను కునేవారు లేకపోలేదు. ధ్యానంలో పలు స్థాయిలున్నాయి. ప్రత్యాహార, ధారణ, ధ్యానం, సమాధి, శూన్యం వంటివి ఉన్నాయి. ధ్యానం అనేది మానసిక శక్తిని అంది స్తుంది. సాధికారతనిస్తుంది. శారీరక, మానసిక భావోద్వేగాల సమతుల్యతకు ఒక మేలైన సాధనం ధ్యానం.
 ధ్యానం అంటే ?
ఏదైనా ఒక వస్తువు మీదనో, శబ్దం మీదనో, విషయం మీదనో మనసును పూర్తిగా కేంద్రీకరించడమే ధ్యానం. ప్రస్తుత కార్పొరేట్‌ ప్రపంచంలో ఒత్తిడిని జయించే సులభ సాధనం ధ్యానమే. శరీరాన్ని, మనసును తేలిక పరుస్తుంది ధ్యానం. ఉద్రిక్తతలను ఉద్వే గాలను పారద్రోలుతుంది. మానసిక ప్రశాంతత నిస్తుంది ధ్యానం. ఏకాగ్రత, జ్ఙాపకశక్తి, సృజనాత్మకత మెరుగయ్యేది ధ్యానం వల్లనే.
 ఎలా చేయాలి?
ఇంట్లో ఒక అనువైన ప్రదేశాన్ని ఎంచుకోవాలి. అక్కడ ప్రశాంతంగా కళ్లు మూసుకుని కూర్చుని మెల్లగా శ్వాస తీసుకోవాలి. మన మనసును, ఆలోచనను శ్వాస మీదనే లగ్నం చేయాలి. ఇదే ధ్యానం చేసే పద్ధతి. మధ్యలో అంతరాయం కలిగించే ఆలోచనలను పక్కకు నెట్టేయండి. మళ్లీ యథావిధిగా ధ్యానం చేసేందుకు ప్రయత్నించండి. మొదట 30 సెకన్లతో మొదలు పెట్టి నెమ్మదిగా సమయం పెంచుకుంటూ వెళ్ళాలి. ఇలా పది నుంచి పదిహేను నిమిషాల పాటు ధ్యానం చేయాలి. ఇలా రోజూ ధ్యానం చేయడం వల్ల రోజంతా ఉల్లాసంగా పనిచేయగలుగుతాం. అంతేకాదు ధ్యానం వల్ల ఏకాగ్రత పెరుగుతుంది. మనసును ఏకాగ్రత చేయడం వల్ల నిర్మాణాత్మకమైన ఆలోచనలకు దోహదం చేస్తుంది.
 ప్రయోజనాలు
ప్రతికూల ఆలోచనలకు అడ్డుకట్ట వేయడానికి ధ్యానాన్ని మించింది లేదు. ఽధ్యానంలో కూర్చున్నప్పుడు ఒక వస్తువుపై దృష్టి కేంద్రీకరించడంవల్ల క్రమేపీ ఆలోచనలు అంతరిస్తాయి. వస్తువు స్పష్టంగా గోచరం కావడం ప్రారంభమై మనసు ఆ వస్తువుపైనే లగ్నం అవుతుంది. ఇలా ఏకాగ్రత అనేది సహజసిద్ధంగా అభివృద్ధి చెందుతుంది. అనుకున్న దానిపైనే ఏకాగ్రతను నిలపడం వల్ల సమస్యలను అర్థం చేసుకోవడంతో పాటు పరిష్కారాలు కూడా గోచరిస్తాయి. కాసేపు ధ్యానం చేస్తే మనలో సానుకూల దృక్పథం అలవడుతుంది. జీవక్రియల పనితీరూ మెరుగుపడుతుంది. హార్మోన్ల ఉత్పత్తి సవ్యంగా జరుగుతుంది. అందుకే నిత్యం ధ్యానంచేయండి. ఆరోగ్యాన్ని కాపాడుకోండి.
 గర్భస్థ సమయంలో
గర్భం దాల్చినప్పుడు వాంతులు, షుగర్‌, బీపీతోపాటు లేనిపోని భయాలు స్ర్తీలలో చోటు చేసుకుంటాయి. ఇవన్నీ సహజమేనని కొట్టిపారేస్తారు చాలామంది. కానీ ఇలాంటి సమస్యలు కడుపులోని బిడ్డపై ప్రభావంచూపించే ప్రమాదముంది. పిండం ఎదుగుదలకు ఆక్సిజన్‌ సక్రమంగా అందాలి. తల్లి ఆరోగ్యంగా ఉంటేనే బిడ్డకు ఆక్సిజన్‌ అందుతుంది. ఎక్కువగా కూర్చోవడం లేదా పడుకొని ఉండడం వల్ల పొట్ట భాగానికి రక్తప్రసరణ సక్రమంగా జరగదు. వీటిప్రభావం గర్భసంచిపై ఎక్కువ. ఈ సమస్యలన్నింటికీ ధ్యానం ముఖ్యంగా ప్రాణాయామం చాలా ఉప యోగపడుతుంది.
 ప్రాణాయామం
ప్రాణామాయంలో అనేక పద్ధతులు ఉన్నాయి. కపాలభాతీ, నాడీశుద్ధి, భస్ర్తిక , భ్రామరీ తదితర ప్రాణాయామాలు చేయడం ద్వారా గర్భస్థ సమస్యలను దూరం చేయొచ్చు. చిన్న యోగాసనాలతో పాటు ధ్యానం కూడా తప్పనిసరిగా చేయాలి. అయితే వైద్యుల సూచనల మేరకే ఆసనాలు వేయడం మంచిది. గర్భస్థ సమయంలో, రుతుస్రావం జరిగినప్పుడు కష్టతరమైన ఆసనాలు వేయకూడదు. శారీరక సమస్యలున్నవారు కేవలం ధ్యానం మాత్రమే చేయాలి. ప్రాణాయామం వల్ల పొట్టలో అవయవాలన్నీ చురుగ్గా పనిచేస్తాయి. ఆహారం త్వరగా జీర్ణమవుతుంది.
 గర్భం ధరించిన సమయంలో అర్థ చక్రాసనం, భద్రాసనం, ఉత్థానపాదాసనంతో కూడిన ఇతరత్రా చిన్న చిన్న ఆసనాలు వేయడం వల్ల శిశువు ఆరోగ్యంగా ఉంటుంది. సుఖ ప్రసవం జరుగుతుంది. కడుపులో బిడ్డకు ఆక్సిజన్‌ సంపూర్ణంగా అందుతుంది. బిడ్డ ఆరోగ్యంగా పుడుతుంది. ప్రాణాయామం చేసిన తర్వాత ధ్యానం చేయ డానికి శరీరం సహకరిస్తుంది. యోగా, ధ్యానం రెండూ ఒకదానికొకటి ముడిపడి ఉంటాయి. కానీ ముందుగా యోగా చేస్తేనే ధ్యానం సక్రమంగా చేయగలం.
 హెల్త్ సర్వే ఏం చెప్పింది? 
ఆధునిక సమాజంలో మానసిక ఆరోగ్యం ప్రశ్నార్థకమైంది. పరిపూర్ణ మానసిక ఆరోగ్య వంతులు కేవలం 15 శాతం మందే ఉన్నారని ఆధునిక ఆరోగ్య సర్వేలు చెపుతున్నాయి. ఇరవై శాతం మంది మానసిక రుగ్మతలతో బాధపడుతుంటే, 65 శాతం మంది చిన్నా చితకా సమస్యలు ఎదుర్కొంటున్నారు. దీంతో సైకాలజిస్టులు, సైకియాట్రిస్టుల కంటే చాలామంది ధ్యాన ప్రక్రియలపైనే ఆధారపడుతున్నారు.
 ఒత్తిడి, రుగ్మతలు తగ్గించడంలో సహాయ కారిగా పనిచేయడం తప్ప ధ్యానంను సర్వరోగ నివారిణిగా భావించరాదని నిపుణులు అంటున్నారు. తీవ్రతను బట్టి మందులను వేసుకుంటూ, చికిత్స తీసుకుంటూ సహాయకారి ప్రక్రియగా ధ్యానాన్ని ఎంచు కోవాలే తప్ప ప్రత్యామ్నాయంగా భావించరాదని మానసిక వైద్యనిపుణులు అంటున్నారు.
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ఈ విషయం తెలిస్తే.. వాటిని మీరు పారబోయరు!
బియ్యాన్ని కడిగిన తర్వాత ఏం చేస్తారు? కడిగిన నీళ్లను పారబోస్తారు… అన్నం వండేటప్పుడు కొన్ని నీళ్లు ఎక్కువయ్యాయి అనుకోండి గంజి మొత్తం వార్చేసి వండుతారు..చాలా మంది రోజూ చేసే పనే. కానీ వ్యర్థం అని పడేసే బియ్యం నీళ్లలో అనేక పోషక విలువలు ఉన్నాయి మరి! అవేంటో తెలుస్తే ఇక వాటిని పారబోయరు సరికదా..కావాలని ఇంట్లో బియ్యంనీళ్లు తయారు చేసుకుంటారు. ఇంతకీ ఆ నీళ్లలో అంత గొప్పదనం ఏముం దంటారా అయితే చదివేసేయండి..
 బియ్యం నీళ్లంటే కేవలం బియ్యం కడిగిన నీళ్లు మాత్రమే కాదు, అన్నం వండేటప్పుడు వచ్చే గంజి, బియ్యం నానబెట్టగా వచ్చిన నీళ్లు ఇవన్నీ కూడా మేలు చేసేవే. అన్నింట్లో సమానమైన పోషకాలు ఉంటాయి. నిరుపేదలకు ఆహారం గంజినీళ్లు. అన్నంలో ఎన్ని పోషక పదార్థాలున్నాయో గంజిలో కూడా అన్నే పోషకాలుంటాయి. అందుకే అన్నం వండేటప్పుడు గంజిని పారేయకూడదు. అయితే కేవలం బలానికే కాదు సౌందర్య పోషణకు కూడా ఈ బియ్యం నీళ్లు సహాయపడతాయి.
 పూర్వకాలం నుంచీ…బియ్యం నీళ్ల వాడకం అనేది ఇప్పడే గుర్తించినదేమీ కాదు. పూర్వకాలం నుంచీ చాలా మంది అనుసరిస్తున్నాను. మన దేశంలో దీని వాడకం తక్కువగా ఉంది. కానీ చైనా, జపాన్‌, దక్షిణాసియాలోని కొన్ని దేశాలలో కొన్ని ప్రాంతాలలో ఇప్పటికీ కూడా సౌందర్య పోషణగా బియ్యం నీళ్లనే ఉపయోగిస్తున్నారు.
 కోమలమైన చర్మం మీ సొంతం:రోజూ రకరకాల కారణాల వల్ల తెలియకుండానే చర్మం పై దుమ్ము, దూళి పేరుకుపోతుంది. సిటీ బస్సుల్లో ప్రయాణించే వాళ్లకయితే పొల్యూషన్‌ వల్ల చర్మం ఇంకా పాడవుతుంది. బ్లాక్‌హెడ్స్‌, వైట్‌హెడ్స్‌ లాంటివాటితో బాధపడుతుంటారు. అలాంటప్పుడు బియ్యం కడిగిన నీళ్లలో దూదిని ముంచి ముఖానికి అద్దుకుని కాసేపయ్యాక ముఖం కుడుక్కుంటే చర్మం నిగారింపు సంతరించుకుంటుంది. అలాగే బియ్యంనీళ్లు ఫేస్‌మాస్క్‌గా కూడా ఉపయోగపడతాయి. ఆ నీళ్లలో సన్నని కాటన్‌ గుడ్డను కానీ పేపర్‌ నాప్‌కిన్‌గానీ ముంచి ముఖంపై పరుచుకొని ఎండిన తర్వాత తీసేసి కడుక్కోవాలి.
 సహజసిద్దమైన ఫేస్‌వాష్‌:నిగనిగలాడే మోముకోసం చాలా మంది కాస్మొటిక్స్‌పైనే ఆధారపడుతుంటారు. అందుకోసం రకరకాల ఫేస్‌క్రీమ్‌లను, ఫేస్‌వాష్‌లను వాడుతుంటారు. అయితే బియ్యంనీళ్లు సహజంగానే మంచి లోషన్‌గా పనిచేస్తాయి. ఆ నీళ్లను ఒక బాటిల్‌లో తీసుకొని ఫ్రిజ్‌లో పెట్టుకొని రోజూ ఆ నీళ్లతో ముఖం కడుక్కుంటే చర్మ నిగారింపును సంతరించుకుంటుంది. దీని వల్ల చర్మం పై ఉండే మచ్చలు, ముడుతలు, మొటిమలు తొలిగిపోతాయి. అయితే బియ్యం నీళ్లను మూడు రోజులకు మించి ఫ్రిజ్‌లో ఉంచకూడదు.
 మొటిమలు తెలియనీయదు:అర్జెంటుగా ఫంక్షన్‌కు వెళ్లాల్సివచ్చింది. ముఖంపై ఎక్కడో ఉన్న మొటిమ మీ అందాన్ని తెలియనివ్వట్లేదు. ఆ మొటిమ గురించే ఆలోచిస్తూ బాధపడాల్సిన అవసరం లేదు. బియ్యంనీళ్లలో దూదిని ముంచి కొద్ది సేపు మొటిమపై పెట్టండి. ఎండిన త ర్వాత దాన్ని తీసేయండి. దానివల్ల అది పెద్దగా కాకుండా చిన్నగా కనిపించి ముఖం పై తెలియనీయదు. కొంతమందికి ఎండకు తిరిగితే చర్మం కమిలినట్లయి నల్లగా అయిపోతుంది అలాంటప్పుడు రోజూ బియ్యం నీళ్లను రాసుకుంటే నలుపుదనం తగ్గి తెల్లగా అవుతారు.
 శిరోజాల కండీషనర్‌:తలస్నానం చేసే ముందు బియ్యంనీళ్లను తీసుకొని, జుట్టు కుదుళ్లు తడిసే విధంగా తడుపుకోవాలి. ఇరవై నిమిషాల సేపు మసాజ్‌ చేయాలి. తర్వాత ఏదైనా హె ర్బెల్‌ షాంపోతో తలంటుకుంటే జుట్టు మెరిసిపోతుంది. జుట్టు చివర్లు చిట్లుతూ ఉండడం మామూలే అలాంటప్పుడు జుట్టు చివరలను కొద్దిసేపు బియ్యంనీళ్లలో నానబెట్టి తర్వాత తలస్నానం చేస్తే చిట్లకుండా ఉండి, ఎక్కువ పెరిగే అవకాశాలున్నాయి. బియ్యంనీళ్లు జుట్టుకు మంచి కండీషనర్‌గా ఉపయోగపడుతాయి. చుండ్రు సమస్యను కూడా తొలగించడంలో ఈ నీళ్లు చాలా బాగా పనిచేస్తాయి. చిన్నపిల్లల్లో, కొంత మంది పెద్దవాళ్లలో పేను సమస్య చాలా బాధిస్తుంటుంది. అలాంటి వారు బియ్యం నీళ్లతో వారానికి మూడుసార్లు తలస్నానం చేస్తే ఆ సమస్యను నివారించగలం.
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गर्भनिरोधक नुस्खे .

वैसे तो गर्भनिरोधकों के तमाम विकल्प बाजार में मौजूद हैं लेकिन अगर आप इनके केमिकल या साइड एफेक्ट से दूरी रखना चाहते हैं या फिर इन प्रचलित तरीकों में यकीन नहीं रखते हैं तो आयुर्वेद में आपके लिए कु‌छ घरेलू उपाय भी हैं।

आयुर्वेद पर यकीन रखते हैं तो इन उपायों का गर्भनिरोधक के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। वैसे तो इनके साइड एफेक्ट नहीं है लेकिन इनका इस्तेमाल आप किसी अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श से करें तो प्राकृतिक और सुरक्षित तौर पर गर्भनिरोध और बेफिक्र सेक्स लाइफ आसान हो सकेगी।

कैस्टर यानी अरंडी के बीज को फोड़ें और इनमें मौजूद सफेद बीज को निकालें। सेक्स के 72 घंटे के भीतर महिलाएं इसका सेवन करें तो यह आई-पिल की तरह ही गर्भधारण रोक सकता है।

महिलाएं इसका सेवन पीरियड्स के तीन दिनों तक करें तो एक महीने तक इसका प्रभाव रहेगा।

त‌िल के तेल में सेंधा नमक का टुकड़ा डुबोएं और सेक्स के बाद इसे महिलाएं अपने प्राइवेट पार्ट पर कम से कम दो मिनट तक रखें।

इससे वीर्य गर्भाशय में पहुंचते ही नष्ट हो जाएगा। महिलाएं सेक्स के बाद प्राइवेट पार्ट को गुनगुने पानी और सेंधा नमक से भी साफ कर सकती हैं। इससे भी गर्भ नहीं ठहरेगा।

सूखे पुदीने के पत्ते का पाउडर बनाएं और स्टोर कर लें। सेक्स के पांच मिनट के बाद एक ग्लास गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच पाउडर का सेवन करें। महिलाओं के लिए यह नैचुरल कंट्रासेप्टिव दवा का काम करेगा।

गुड़हल के फूल का पेस्ट बनाएं इसमें स्टार्च मिलाएं। पीरियड्स के शुरुआती तीन दिनों तक इसका सेवन कंट्रासेप्टिव की तरह ही काम करेगा।

आंवला, रसनजनम और हरितकारी को समान मात्रा में लेकर इनका पाउडर बनाएं और स्टोर करें। ये औषध‌ियां क‌िसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर म‌िल जाएंगी।

महिलाएं इनका सेवन पीरियड्स के चौथे दिन से 16वें दिन तक करें तो यह गर्भनिरोधक गोलियों की तरह ही असरदार होता है।

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Super Foods In Your Kitchen To Battle Arthritis.

Representative pic only.

After the scientific validation for traditional therapies to cure Arthritis by India’s premier medical institution-All India Institute of Medical Science (AIIMS) the rush towards traditional medicine to battle Arthritis has certainly increased.

Arthritis is called as ‘amavata’ in Ayurveda. Our body is governed by three fundamental energies or doshas-vata dosha, pitta dosha and kapha dosha. An imbalance in the above mentioned doshas lead to diseases.

In his medical treatise-Charaka Samhita, Charaka has mentioned about Arthritis. He says that if the vata levels increase in the body, it leads to swelling, breaking pain in the joints.

According to Ayurveda, the main cause for Arthritis is the imbalance in vata dosha(responsible for the functioning of the nervous system). Accumulation of impurities (undigested toxic elements) in the body called as ‘Ama’ in Ayurveda is also a cause.

On this day, LifeView has compiled some of the super-foods prescribed by Ayurveda which you can find in your kitchen, which can arm you to battle Arthritis. They are :

Coriander Seeds

1) Dhaniya (Coriander) Seeds : A study conducted by AIIMS have found that these seeds have a significant therapeutic role in managing rheumatoid arthritis. By inhibiting joint swelling, coriander seeds help in halting the progression of the disease. Since ages, dhaniya seeds are known to fight gas trouble.

 

 

Fenugreek seeds2) Methi (Fenugreek) Seeds : It is rich in aroma and has great nutritive value. They have iron, calcium, magnesium and vitamins. These wonder seeds help in controlling degenerative joint diseases. It triggers intestinal muscles and helps in flushing out undigested toxins.

 

 

 

Cumin

3) Jeera (Cumin) Seeds : It is rich in iron. Apart from increasing the immunity of the body, jeera seeds help in maintaining healthy digestive system. When the digestive system is healthy, undigested toxins finds its way out of the body easily.

———————————-Food To Beat Anxiety And Depression.

Healthy-Balanced-Diet

The anxious feeling or constant worrying about situations and its outcomes, feeling dejected, hopelessness and lack of desire are some of the warning signs of anxiety and depression. According to World Health Organisation (WHO), an estimated 350 million people of all ages suffer from depression world wide. Anxiety and Depression have become the epidemic of modern life because of changing social structure, stressful life, improper nutrition and lot more add on to the prevailing scenario.

Mind and body are not two separate entities. The way how our body needs nutrition for its basic functioning in the same way even our brain has its requirements. According to a research, a healthy diet can play a crucial role in prevention and management of mental health problems such as  depression, schizophrenia, attention deficit hyperactivity disorder,  Alzheimer’s disease and Dementia. Here is a diet plan to boost your mental health at the same time prevent an mental illnesses.

Sea food

Food from the sea, be it fish or algae are rich in omega-3 fatty acids which help in production of neurotransmitters dopamine and serotonin which enhance mood, reduce depression and promote overall mental health. According to many studies the nutrients in fish can reduce the risk of neuro-degenerative disorders. Salmon, sardines and spirulina can be added to the regular meal plan.

Leafy green vegetables

Greens are rich in selenium, folic acid and vitamin B, which can prevent insomnia, fatigue, depression. Make spinach, broccoli, mustard greens, coriander etc regular part of your diet.

Whole grains

Brown rice, oats, millets, ragi and all whole grains are primary source of glucose and carbohydrates for the functioning of  our brain and they also help in maintaining optimum amount of brain chemicals.

Dairy products

Milk, curd or yogurt, cheese etc are rich in Calcium and Vitamin D, which prevent fatigue, stabilize mood and repair damaged cells and promotes overall mental health.

Multi-vitamins

Vitamins play an important role in our physical and mental health. Magnesium and Vitamin-B12 are said to be helpful in reducing symptoms of depression. Most of the food items contain some or other vitamins.

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आपके चेहरे पर भी हैं अनचाहे और काले बाल तो ये हैं उपाय.

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चेहरे के अनचाहे बाल
क्या आपके चेहरे पर भी बहुत अधिक बाल हैं? ऐसे बाल जो आपके चेहरे की खूबसूरती को कम कर देते हैं? अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है. ज्यादातर लड़कियों को चेहरे पर बालों की समस्या होती है और कई बार यह समस्या उनके आत्मविश्वास को कम कर देती है. अक्सर ऐसा तनाव की वजह से होता है, तो कई बार अनुवांशिक या हॉर्मोनल असंतुलन के चलते भी चेहरे पर बाल निकल आते हैं.
हर बार चेहरे पर ब्लीच कराने से चेहरे की रौनक चली जाती है और बार-बार वैक्सिंग कराना भी इस समास्या का सही समाधान नहीं है. पर अगर चेहरे पर मौजूद बालों का रंग हल्का हो जाए तो? ऐसे कई घरेलू उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने चेहरे के बालों का रंग हल्का कर सकती हैं. रंग हल्का हो जाने की वजह से वे कम नजर आएंगे और उतने बुरे भी नहीं लगेंगे.1. संतरे के छिलके और दही का पेस्ट
संतरे का छिलका त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. इसके इस्तेमाल से चेहरे पर निखार आता है. साथ ही चेहरे पर मौजूद बाल भी हल्के हो जाते हैं. अगर आपको और बेहतर परिणम चाहिए तो संतरे के छिलके में थोड़ी दही और नींबू के रस की कुछ बूंदें मिला लीजिए. इस पेस्ट को हर रोज लगाने से चेहरे पर निखार आएगा, कील-मुंहासों की समस्या दूर हो जाएगी और सबसे बड़ी बात, चेहरे पर मौजूद बालों का रंग हल्का हो जाएगा.

 2. पपीते और हल्दी का पेस्ट 

पपीता एक नेचुरल ब्लीच है जो चेहरे की रंगत साफ करने के साथ ही चेहरे पर मौजूद बालों को भी हल्का करता है. आप चाहें तो पपीते में चुटकीभर हल्दी भी मिला सकते हैं. इस पेस्ट से हर रोज कुछ देर मसाज करें और फिर 20 मिनट के लिए यूं ही छोड़ दें. फिर चेहरा साफ कर लें. कुछ ही दिनों में चेहरे पर मौजूद बाल हल्के हो जाएंगे.

3. नींबू का रस और शहद
अगर आपको अपने चेहरे पर मौजूद बालों का रंग हल्का करना है और रंगत निखारनी है तो शहद और नींबू के रस को मिलाकर लगाने का उपाय आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा. हर रोज इस मिश्रण को चेहरे पर लगाकर 10 मिनट के लिए छोड़ दें. कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आने लगेगा.

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इन घरेलु उपायो से करे गठिया (arthritis) को अलविदा।.

गठिया को आयुर्वेद में नामदिया भी कहा जाता है। आधुनिक चिकित्सा के अनुसार खून में यूरिक एसिड की अधिक मात्रा होने से गठिया रोग होता है। भोजन में शामिल खाद्द पदार्थों के कारण जब शरीर में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनता है तब गुर्दे उन्हें खत्म नहीं कर पाते और शरीर के अलग- अलग जोड़ों में में यूरेट क्रिस्टल जमा हो जाता है। और इसी वजह से जोड़ों में सूजन आने लगती है तथा उस सूजन में दर्द होता है।

सबसे जरूरी और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि मौसम के मुताबिक 3 से 6 लिटर पानी पीने की आदत डालें। ज्यादा पेशाब होगा और अधिक से अधिक हानिकारक पदार्थ और यूरिक एसीड बाहर निकलते रहेंगे।

आलू का रस 100 मिलि भोजन के पूर्व लेना हितकर है।

लहसुन, गिलोय, देवदारू,सौंठ, अरंड की जड ये पांचों पदार्थ 50-50 ग्राम लें। इनको कूट-छान कर शीशी में भर लें। 2 चम्मच की मात्रा में एक गिलास पानी में डालकर ऊबालें ,जब आधा रह जाए तो उतारकर छान लें और ठंडा होने पर पी लें। ऐसा सुबह शाम करने से गठिया में अवश्य लाभ होगा।

लहसुन की कलियां 50 ग्राम लें। सैंधा नमक,जीरा,हींग,पीपल,काली मिर्च व सौंठ 2-2 ग्राम लेकर लहसुन की कलियों के साथ भली प्रकार पीसकर मिलालें। यह मिश्रण अरंड के तेल में भून कर शीशी में भर लें। आधा या एक चम्मच दवा पानी के साथ दिन में दो बार लेने से गठिया में आशातीत लाभ होता है।

हार सिंगार के ताजे पती 4-5 नग लें। पानी के साथ पीसले या पानी के साथ मिक्सर में चला लें। यह सुबह-शाम लें 3-4 सप्ताह में गठिया और वात रोग नियंत्रित होंगे। जरूर आजमाएं।

गिलोय का रस पीने से गठिया रोग में सूजन और दर्द दूर होता है।

देसी घी के साथ गिलोय का रस लेने से गठिया से मुक्ति मिलती है।

एरंड तेल के साथ गिलोय का रस लेने से गठिया खत्म होती है।

पंचामृत लोह गुगल, रसोनादि गुगल, रास्नाशल्ल की वटी तीनों एक-एक गोली सुबह और रात को सोते वक्त दूध के साथ 2-3 माह तक लेने से गठिया में बहुत फ़ायदा होता है।

इस के साथ अश्वगंधारिष्ट ,महारास्नादि काढा और दशमूलारिष्टा 2-2 चम्मच मिलाकर दोनों वक्त भोजन के बाद लेना हितकर है।

गठिया रोग में हरी साग सब्जी का प्रचुरता से इस्तेमाल करना बेहद फ़ायदेमंद रहता है। पत्तेदार सब्जियो का रस भी अति उपयोगी रहता है।

भाप से स्नान करने और जेतुन के तैल से मालिश करने से गठिया में अपेक्षित लाभ होता है।

गठिया रोगी को कब्ज होने पर लक्षण उग्र हो जाते हैं। इसके लिये गुन गुने जल का एनिमा देकर पेट साफ़ रखना आवश्यक है।

अरण्डी के तैल से मालिश करने से भी गठिया का दर्द और सूजन कम होती है।

सूखे अदरक (सौंठ) का पावडर 10 से 30 ग्राम की मात्रा में नित्य सेवन करना गठिया में परम हितकारी है।

गठिया रोगी के लिये अधिक परिश्रम करना या अधिक बैठे रहना दोनों ही नुकसान कारक होते हैं। अधिक परिश्रम से अस्थिबंधनो को क्षति होती है जबकि अधिक गतिहीनता से जोडों में अकडन पैदा होती है।

एक लिटर पानी तपेली या भगोनी में आंच पर रखें। इस पर तार वाली जाली रख दें। एक कपडे की चार तह करें और पानी मे गीला करके निचोड लें । ऐसे दो कपडे रखने चाहिये। अब एक कपडे को तपेली से निकलती हुई भाप पर रखें। गरम हो जाने पर यह कपडा दर्द करने वाले जोड पर 3-4 मिनिट रखना चाहिये। इस दौरान तपेली पर रखा दूसरा कपडा गरम हो चुका होगा। एक को हटाकर दूसरा लगाते रहें। यह विधान रोजाना 15-20 मिनिट करते रहने से जोडों का दर्द आहिस्ता आहिस्ता समाप्त हो जाता है। बहुत ही साधारण परंतु कारगर उपाय है।

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कोलेस्ट्रोल कम ऐसे करें:

कोलेस्ट्रोल कम करने का अर्थ है हृदय रोग का सही उपचार–

1. सुबह खली पेट लौकी का जूस बनाये ५ पत्ते तुलसी और ५ पत्ते पोदीना के मिला कर, अब इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिला कर पी ले।
2. कच्ची लहसुन रोज सुबह खाली पेट खाने से कोलेस्ट्रोल कम होता है।
3. रोज 50 ग्राम कच्चा ग्वारपाठा खाली पेट खाने से खून में कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है।
4. अंकुरित दालें भी खानी आरंभ करें।
5. लहसुन, प्याज, इसके रस उपयोगी हैं। — नींबू, आंवला जैसे भी ठीक लगे, प्रति दिन लें।
6. इसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच दिन में दो बार।
7. दूध पीते हैं तो उसमे जरा सी दालचीनी डाल दो, कोलेस्ट्रोल कण्ट्रोल होगा।
8. रात के समय धनियाँ के दो चम्मच एक गलास पानी में भिगो दें। प्रात: हिलाकर पानी पी लें। धनियाँ को चबाकर निगल जाएं |
9. एक चम्मच अर्जुन की छाल का चूर्ण और एक चौथाई दाल चीनी पाउडर २ गिलास पानी में या एक गिलास गाय का दूध और एक गिलास पानी दोनों को मिक्स कर के इस में आधा रहने तक पकाये, और फिर छान कर सोने से पहले पी ले।

अपने भोजन में लहसुन +अदरक+धनियाँ +पुदीना +हिंग +आवला +अजवाईन की चटनी अवश्य लेवे | इनमे से जो भी उपलब्ध हो उसी से चटनी बना लेवे |

शराब या कोई नशा मत करें, बचें।

—————————————————————————————अच्‍छी सेहत का मालिक बनाए आंवला जूस.

● आंवला प्राकृति का दिया हुआ ऐसा तोहफा है जिससे हमारे शरीर में पनप रही कई सारी बीमारियों का नाश हो सकता है। यदि आपको अच्‍छी सेहत का मालिक बनना है तो आंवला का जूस अभी से ही पीना शुरु कर दें। आंवला में आयरन और विटामिन सी भरा पड़ा होता है। हर इंसान को प्रतिदिन 50 मिली ग्राम विटामिन सी की जरूरत होती है तो ऐसे में यदि आप आंवला का सेवन या फिर इसके रस का सेवन करेंगे तो आपके शरीर में विटामिन सी की पूर्ती होगी।

● आंवले का जूस रोजाना लेने से पाचन दुरुस्त, त्वचा में चमक, त्वचा के रोगों में लाभ, बालों की चमक बढाने, बालों को सफेद होने से रोकने के अलावा और भी बहुत सारे फायदे हैं, जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे।

आंवले का मौसम दिसम्बर से चालू होकर अप्रेल तक रहता है। आंवला का जूस बनाने के लिये आंवले को छोटे टुकड़े में काट लीजिये, बीज हटा दीजिये ।

आंवले के थोड़े से टुकड़े मिक्सर जार जिसमें मसाला पीसा जाता है, उसमें डालिये और पीसिये, इन टुकड़ों के पेस्ट बन जाने पर थोड़े और टुकड़े जार में डालिये और बिलकुल बारीक होने तक पीस लीजिये। पहली बार थोड़े ही आंवले बारीक पीस लीजिये, इस पेस्ट को साफ सूती कपड़े में डालिये और दबाकर जूस किसी प्याले में छान लीजिये। आंवला पल्प को अलग प्याले में रख लीजिये ।

इसके बाद आंवले के टुकडों के साथ निकाला हुआ आंवला जूस भी मिक्सी में डाल दीजिये और आंवले के टुकडों को पीस लीजिये. सूखे आंवले के टुकड़े पीसने के बजाय इन्हें थोडा तरल पदार्थ मिला कर आसानी से पीसा जा सकता है. थोड़ा पहले से निकाला हुआ आंवला जूस मिला देने से यह जल्दी और अच्छी तरह से पिस जायेंगे.

पिसे हुये आंवले और जूस के मिश्रण को कपड़े में डालिये और हाथ से दबाकर सारा जूस निकाल लीजिये, पल्प को पल्प वाले प्याले में रख दीजिये.

सारे आंवले के टुकड़ों के लिये यही तरीका बार बार दुहरा कर जूस निकाल लीजिये. एक किलोग्राम आंवले में लगभग 600 -700 ग्राम तक जूस निकल आता है.

आंवला जूस को किसी कांच या प्लास्टिक के कन्टेनर में भरकर फ्रिज में रख लीजिये. इस आंवला जूस को 1 महिने तक प्रयोग कर सकते हैं.

यदि आपके पास जूसर है, तब आंवले को काट कर डायरेक्ट जूसर में डालकर जूस आसानी से निकाला जा सकता है.

 

आइये जानते हैं कि आंवला जूस हमें क्‍या क्‍या फायदा पहुंचा सकता है।

1) अस्‍थमा में लाभ यदि आमला के रस को रोज शहद के साथ लिया जाए तो अस्‍थमा और ब्रोंकाइटिस की बीमारी में लाभ मिल सकता है।

2) कब्‍ज की बीमारी कंट्रोल करे अमला का रस पेट की पाचन क्रिया को बढाता है और भयंकर कब्‍ज की बीमारी दूर करता है।

3) खून साफ करे अमला रस को शहद के साथ पीने से खून साफ होता है।

4) पेशाब की जलन को मिटाए यदि पेशाब में जलन होती है तो 30 एमएल, आमला रस दिन में दो बार रोज पीजिये।

5) अत्‍यधिक ब्‍लीडिंग रोके यदि पीरियड्स के समय ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होती है तो आमला रस को रोजाना तीन बार केले के साथ लीजिये।

6) झाइयां मिटाए और चेहरे को चमकाए रोज सुबह आमला का रस शहद के साथ पीने से आपका चेहरा चमकदार बनेगा और झाइंया मिटेंगी।

7) हृदय रोग दूर करे यह दिल की मासपेशियों को मजबूत बनाता है और हृदय रोग से दूर रखता है।

8) पाइल्‍स का इलाज पाइल्‍स के समय पैदा होने वाले कब्‍ज से आमला का रस राहत दिलाता है।

9) आंखों की रौशनी बढाए आमला जूस नियमित पीने से आंखों की रौशनी बढाती है।

10) मुंहासो को मिटाए आमला जूस चेहरे पर पैदा होने वाले एक्‍ने और मुंहासो से निजात दिलाता है।

11) डायबिटीज कंट्रोल करे मधुमेह रोगियों के लिये आमला जूस वर्दान है। इसे शहद और हल्‍दी पाउडर के साथ पीने से मधुमेह कंट्रोल होता है।

जब भी आप आंवला जूस प्रयोग करना चाहें तो दो छोटी चम्मच आंवला जूस को एक कप गरम पानी और 1-2 छोटी चम्मच शहद में मिलाईये. यदि आप शहद न लेना चाहें तो आंवला जूस को काला नमक मिलाकर भी पी सकते हैं ।

तुरन्त प्रयोग के लिये आंवला जूस कैसे निकालें –

How to use Fresh Amla for Juice

दो आंवले के बीज हटाकर छोटे छोटे टुकडे करें और इसे ग्राइंडर में थोड़ा सा पानी डालकर पेस्ट बना लीजिये।  इस पेस्ट को एक कप पानी में मिलाकर छान लीजिये।  इस जूस में 1-2 छोटे चम्मच शहद या एक चुटकी काला नमक मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं।

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थायराइड के इलाज के लिए करें अखरोट और बादाम का सेवन.

तितली के आकार की थॉयराइड ग्रंथि गले में पायी जाती है।
● यह ऊर्जा और पाचन की मुख्‍य ग्रंथि है, यह मास्‍टर लीवर है।
● अखरोट का सेवन करने से थॉयराइड ग्रंथि सुचारु हो जाती है।
● इसमें सेलेनियम नामक तत्‍व होता है जो थॉयरइड में प्रभावी है।

● थॉयराइड ग्रंथि की समस्‍या से ग्रस्‍त लोगों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है, खानपान में अनियमिता के कारण यह समस्‍या होती है। थॉयराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है जो गले में पाई जाती है। यह ग्रंथि उर्जा और पाचन की मुख्य ग्रंथि है। यह एक तरह के मास्टर लीवर की तरह है जो ऐसे जीन्स का स्राव करती है जिससे कोशिकाएं अपना कार्य ठीक प्रकार से करती हैं। इस ग्रंथि के सही तरीके से काम न कर पाने के कारण कई तरह की समस्‍यायें होती हैं। अखरोट इस बीमारी के उपचार में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लेख में विस्‍तार से जानें थॉयराइड फंक्‍शन और इसके उपचार के लिए अखरोट के सेवन के बारे में।

》 क्‍या है थॉयराइड समस्‍या :-
थॉयराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, क्‍योंकि इसके लक्षण व्‍यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है लेकिन ज्यादातर चिकित्‍सक एंटी बॉडी टेस्ट नहीं करते हैं जिससे ऑटो-इम्युनिटी दिखाई देती है।

》 थॉयराइड की समस्‍या दो प्रकार की होती है :-
हाइपोथॉयराइडिज्‍म और हाइपरथॉयराइडिज्‍म। थॉयराइड ग्रंन्थि से अधिक हॉर्मोन बनने लगे तो हाइपरथॉयरॉइडिज्म और कम बनने लगे तो हाइपोथायरॉइडिज्म होता है। थॉयराइड की समस्‍या होने पर थकान, आलस, कब्ज का होना, चिड़चिड़ापन, अत्यधिक ठंड लगना, भूलने की समस्‍या, वजन कम होना, तनाव और अवसाद जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

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》 अखरोट और बादाम है फायदेमंद :-
अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्‍व पाया जाता है जो थॉयराइड की समस्‍या के उपचार में फायदेमंद है। 1 आंउस अखरोट में 5 माइक्रोग्राम सेलेनियम होता है। अखरोट के सेवन से थॉयराइड के कारण गले में होने वाली सूजन को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। अखरोट और बादाम सबसे अधिक फायदा हाइपोथॉयराइडिज्‍म (थॉयराइड ग्रंथि का कम एक्टिव होना) में करता है।

》 क्या हैं सेलीनियम :-
थॉयराइड ग्रंथि में सेलीनियम उच्च सांद्रता में पाया जाता है इसे थायराइड-सुपर-न्युट्रीएंट भी कहा जाता है। यह थॉयराइड से सम्बंधित अधिकांश एंजाइम्‍स का एक प्रमुख घटक द्रव्य है, इसके सेवन से थॉयराइड ग्रंथि सही तरीके से काम करने लगता है। यह ऐसा आवश्यक सूक्ष्म तत्व है जिस पर शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता सहित प्रजनन आदि अनेक क्षमतायें भी निर्भर करती है। यानी अगर शरीर में इस तत्‍व की कमी हो गई तो रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। इसलिए खाने में पर्याप्‍त मात्रा में सेलेनियम के सेवन की सलाह दी जाती है।

● थॉयराइड ग्रंथि की समस्‍या होने पर नमक का सेवन बढ़ा देना चाहिए, इसके अलावा स्‍वस्‍थ खानपान और नियमित रूप से व्‍यायाम को अपनी दिनचर्या बनायें।

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